(मॉनसून सत्र से पहले मीडिया के जरिए देश को संबोधित करते हुए पीएम नरेंद्र मोदी)
नई दिल्ली:
राष्ट्रपति पद के चुनाव के साथ ही आज संसद के मॉनसून सत्र की शुरुआत हुई. लोकसभा के वर्तमान सदस्य विनोद खन्ना, राज्यसभा के वर्तमान सदस्य अनिल माधव दवे एवं चार पूर्व दिवंगत सांसदों को श्रद्धांजलि देने के बाद लोकसभा की कार्यवाही दिनभर के लिये स्थगित कर दी गई है.
बता दें कि एक बार फिर इस सत्र में गोरक्षा के नाम पर हिंसा, कश्मीर, भारत-चीन बॉर्डर, जीएसटी के मसलों पर विपक्ष सरकार को घेरने की कोशिश करेगी जबकि सरकार के सामने इस सत्र में इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ़ इनफॉरमेशन टेक्नोलॉजी अमेंडमेंट बिल, इम्मूवेल प्रॉपर्टी अमेंडमेंट बिल, पब्लिक-प्राइवेट पार्टनरशिप बिल, मोटर व्हिकल अमेंडमेंट बिल जैसे कई बिल पास कराने की चुनौती होगी. मॉनसून सत्र 11 अगस्त तक चलना है.
@9.52Am पीएम नरेंद्र मोदी ने सत्र आरंभ होने से पहले मीडिया को संबोधित करते हुए कहा कि क्विट इंडिया मूवमेंट के 75 साल हो रहे हैं. इस समय लोगों के प्रतिनिधियों को राष्ट्रपति और उपराष्ट्रपति चुनने का मौका मिला है.
बता दें कि मॉनसून सत्र को लेकर जहां विपक्ष ने सरकार को घेरने की पूरी तैयारी कर ली है वहीं सत्ता पक्ष भी कमर कस चुकी है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सर्वदलीय बैठक ने जहां गोरक्षा, भ्रष्टाचार का मुद्दा उठाया वहीं कांग्रेस ने कहा कि कश्मीर पर बातचीत का दरवाजा खोलना चाहिए.
सोमवार से शुरू हो रहे मॉनसून सत्र के एजेंडा पर सर्वदलीय बैठक बुलाई गई थी. संसद का कामकाज सुचारू तरीके से चलाने के लिए सरकार ने ये बैठक बुलाई थी. इस बैठक में सत्ता पक्ष से लेकर विपक्ष के तमाम नेता जुटे.
संसद सत्र में गोरक्षा के मुद्दे पर विपक्ष सरकार को घेरने की रणनीति बनाता उससे पहले ही प्रधानमंत्री ने इस मुद्दे पर साफ़ संदेश दे दिया. कहा, गोरक्षा के नाम पर हिंसा बर्दाश्त नहीं होगी. क़ानून हाथ में लेने वालों को सज़ा मिलेगी.
संसदीय कार्य मंत्री अनंत कुमार ने कहा कि जो ऐसी हरकतें (गोरक्षकों का मामला) कर रहे हैं... ऐसे अपराध कर रहे हैं, उनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाए. इसका राजनीतिक लाभ लेने की होड़ भी शुरू हुई है, लेकिन उससे देश को कोई लाभ नहीं होगा.
इस बीच विपक्ष ने भी अपना एजेंडा तैयार कर लिया है. गोरक्षा के नाम पर हिंसा के अलावा, कश्मीर के बिगड़ते हालात, दार्जीलिंग विवाद, चीन के साथ तनाव, किसानों की बदहाली समेत तमाम मुद्दों पर विपक्ष सरकार को घेरने का मन बना चुका है.
17 जुलाई से 11 अगस्त तक चलने वाले इस सत्र में 19 दिन काम होगा और इस दौरान सरकार 16 नए बिल लाने की योजना बना रही है. इसके अलावा लोकसभा में आठ और राज्यसभा में 10 पुराने बिल लंबित पड़े हैं. यही नहीं सत्र के पहले ही दिन राष्ट्रपति पद के चुनाव के लिए मतदान होना है जबकि उपराष्ट्रपति पद का चुनाव भी मौजूदा सत्र के दौरान 5 अगस्त को होगा.
बता दें कि एक बार फिर इस सत्र में गोरक्षा के नाम पर हिंसा, कश्मीर, भारत-चीन बॉर्डर, जीएसटी के मसलों पर विपक्ष सरकार को घेरने की कोशिश करेगी जबकि सरकार के सामने इस सत्र में इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ़ इनफॉरमेशन टेक्नोलॉजी अमेंडमेंट बिल, इम्मूवेल प्रॉपर्टी अमेंडमेंट बिल, पब्लिक-प्राइवेट पार्टनरशिप बिल, मोटर व्हिकल अमेंडमेंट बिल जैसे कई बिल पास कराने की चुनौती होगी. मॉनसून सत्र 11 अगस्त तक चलना है.
@9.52Am पीएम नरेंद्र मोदी ने सत्र आरंभ होने से पहले मीडिया को संबोधित करते हुए कहा कि क्विट इंडिया मूवमेंट के 75 साल हो रहे हैं. इस समय लोगों के प्रतिनिधियों को राष्ट्रपति और उपराष्ट्रपति चुनने का मौका मिला है.
पीएम मोदी ने जीएसटी की नया मतलब भी बताया. उन्होंने कहा कि जीएसटी एक साथ काम करने का दूसरा नाम है.
उन्होंने कहा कि जीएसटी का मतलब गोइंग स्ट्रॉन्गर टुगैदर. उन्होंने कहा कि मॉनसून सत्र के आरंभ से पहले जीएसटी लागू हुआ है. इससे नई उमंग है. उन्होंने उम्मीद जताई की सभी राजनीतिक दल और सांसद राष्ट्रहित को ध्यान में रखते हुए चर्चा करेंगे और अहम फैसले लेंगे. उन्होंने कहा कि देशवासियों की नजर मॉनसून सत्र पर है.
Today the Monsoon Session begins. Like the Monsoon brings hope, this session also brings same spirit of hope: PM @narendramodi
— PMO India (@PMOIndia) July 17, 2017
The GST spirit is about growing stronger together. I hope the same GST spirit prevails in the session: PM @narendramodi
— PMO India (@PMOIndia) July 17, 2017
GST shows the good that can be achieved when all parties come together and work for the nation: PM @narendramodi
— PMO India (@PMOIndia) July 17, 2017
उन्होंने कहा कि जीएसटी का मतलब गोइंग स्ट्रॉन्गर टुगैदर. उन्होंने कहा कि मॉनसून सत्र के आरंभ से पहले जीएसटी लागू हुआ है. इससे नई उमंग है. उन्होंने उम्मीद जताई की सभी राजनीतिक दल और सांसद राष्ट्रहित को ध्यान में रखते हुए चर्चा करेंगे और अहम फैसले लेंगे. उन्होंने कहा कि देशवासियों की नजर मॉनसून सत्र पर है.
बता दें कि मॉनसून सत्र को लेकर जहां विपक्ष ने सरकार को घेरने की पूरी तैयारी कर ली है वहीं सत्ता पक्ष भी कमर कस चुकी है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सर्वदलीय बैठक ने जहां गोरक्षा, भ्रष्टाचार का मुद्दा उठाया वहीं कांग्रेस ने कहा कि कश्मीर पर बातचीत का दरवाजा खोलना चाहिए.
सोमवार से शुरू हो रहे मॉनसून सत्र के एजेंडा पर सर्वदलीय बैठक बुलाई गई थी. संसद का कामकाज सुचारू तरीके से चलाने के लिए सरकार ने ये बैठक बुलाई थी. इस बैठक में सत्ता पक्ष से लेकर विपक्ष के तमाम नेता जुटे.
संसद सत्र में गोरक्षा के मुद्दे पर विपक्ष सरकार को घेरने की रणनीति बनाता उससे पहले ही प्रधानमंत्री ने इस मुद्दे पर साफ़ संदेश दे दिया. कहा, गोरक्षा के नाम पर हिंसा बर्दाश्त नहीं होगी. क़ानून हाथ में लेने वालों को सज़ा मिलेगी.
संसदीय कार्य मंत्री अनंत कुमार ने कहा कि जो ऐसी हरकतें (गोरक्षकों का मामला) कर रहे हैं... ऐसे अपराध कर रहे हैं, उनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाए. इसका राजनीतिक लाभ लेने की होड़ भी शुरू हुई है, लेकिन उससे देश को कोई लाभ नहीं होगा.
इस बीच विपक्ष ने भी अपना एजेंडा तैयार कर लिया है. गोरक्षा के नाम पर हिंसा के अलावा, कश्मीर के बिगड़ते हालात, दार्जीलिंग विवाद, चीन के साथ तनाव, किसानों की बदहाली समेत तमाम मुद्दों पर विपक्ष सरकार को घेरने का मन बना चुका है.
17 जुलाई से 11 अगस्त तक चलने वाले इस सत्र में 19 दिन काम होगा और इस दौरान सरकार 16 नए बिल लाने की योजना बना रही है. इसके अलावा लोकसभा में आठ और राज्यसभा में 10 पुराने बिल लंबित पड़े हैं. यही नहीं सत्र के पहले ही दिन राष्ट्रपति पद के चुनाव के लिए मतदान होना है जबकि उपराष्ट्रपति पद का चुनाव भी मौजूदा सत्र के दौरान 5 अगस्त को होगा.
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