नई दिल्ली:
संसद का मॉनसून सत्र आरंभ हो गया है। अपने भाषण में प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने विपक्ष से सहयोग की अपील की है। पीएम ने विपक्ष से कहा कि कई अहम मुद्दे फिलहाल कोर्ट में लंबित हैं और कोर्ट को अपना काम करने देना चाहिए। पीएम ने अन्ना हजारे के अनशन पर जाने की धमकी पर विचार व्यक्त करते हुए कहा कि कानून संसद में बनते हैं और किसी भी प्रकार का दबाव सही नहीं है।संसद के मॉनसून सत्र के पहले दिन प्रधानमंत्री के संबोधन के बाद लोकसभा की कार्यवाही को मंगलवार तक के लिए स्थगित कर दिया गया है। दूसरी ओर, राज्यसभा की कार्यवाही को भी मंगलवार तक के लिए स्थगित कर दिया गया है। राज्य सभा में विपक्ष ने सत्र के आरंभ होते ही अध्यक्ष से प्रश्नकाल स्थगित कर 2जी पर बहस और वोटिंग कराने की मांग कर जोरदार हंगामा किया। सरकार की ओर से कहा गया कि बिना किसी का नाम लिए वह इस मुद्दे पर बहस को तैयार है। किंतु विपक्ष का सीधे प्रधानमंत्री और यूपीए अध्यक्षा सोनिया गांधी का पर आरोप लगाने के बाद बात नहीं बन पाई और कार्यवाही स्थगित करनी पड़ी। आज से शुरू हो रहे संसद के मानसून सत्र में काफी हंगामा होने के आसार व्यक्त किए जा रहे थे। भ्रष्टाचार के मुद्दों पर सरकार को घेरने के संबंध में प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने पहले ही कह दिया था कि उन्हें किसी बात का खौफ नहीं है, क्योंकि विपक्ष के बहुत से शर्मिन्दा करने वाले राज़ हैं। उधर, विपक्ष की नेता सुषमा स्वराज ने कहा कि प्रधानमंत्री के तरकश में जितने तीर हैं, चला कर देख लें और यह देखा जाएगा कि कौन किस पर वार करता है। प्रधानमंत्री और विपक्ष की नेता ने एक दूसरे को ललकारने वाली ये बातें उस सर्वदलीय बैठक के बाद कहीं जिसे लोकसभा अध्यक्ष मीरा कुमार ने संसद को सुचारू रूप से चलाने के बारे में चर्चा के लिए बुलाया था।
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