यह ख़बर 04 जुलाई, 2013 को प्रकाशित हुई थी

साथ आए आडवाणी और मोदी, संप्रग को घेरने की रणनीति पर किया मंथन

खास बातें

  • भाजपा के वरिष्ठ नेता लालकृष्ण आडवाणी और गुजरात के मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी पिछले महीने सामने आए आपसी मतभेदों को दरकिनार करते हुए गुरुवार को पार्टी के संसदीय बोर्ड की बैठक में साथ में बैठे और कांग्रेसनीत संप्रग सरकार से मुकाबला करने की रणनीति पर विचार-विमर
नई दिल्ली:

भाजपा के वरिष्ठ नेता लालकृष्ण आडवाणी और गुजरात के मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी पिछले महीने सामने आए आपसी मतभेदों को दरकिनार करते हुए गुरुवार को पार्टी के संसदीय बोर्ड की बैठक में साथ में बैठे और कांग्रेसनीत संप्रग सरकार से मुकाबला करने की रणनीति पर विचार-विमर्श किया।

पार्टी के संसदीय बोर्ड की बैठक और उसके बाद संसदीय बोर्ड की पार्टी महासचिवों के साथ बातचीत को पार्टी सूत्रों ने अच्छे माहौल में संपन्न हुआ बताया। बैठक में पार्टी महासचिवों के विचार आमंत्रित किए गए थे जिन पर शीर्ष नेतृत्व ने मंथन किया।

आडवाणी ने बोर्ड की बैठक में कुछ विषयों पर सुझाव दिए और मोदी तथा अन्य नेताओं के विचारों पर सहमत दिखाई दिए। पार्टी सूत्रों के मुताबिक तीन घंटे से अधिक चली बैठक में पूरे समय उनके हाव-भाव ‘सकारात्मक’ दिखाई दिए।

भाजपा के एक नेता ने कहा, ‘‘हमने अपनी आंतरिक समस्याओं से खुद को उबार लिया है। अब मुद्दा भ्रष्टाचार, महंगाई, आर्थिक विकास में मंदी तथा आंतरिक सुरक्षा के विषयों पर कांग्रेस को घेरने का है।’’ आडवाणी ने पिछले महीने मोदी को भाजपा की चुनाव अभियान समिति का प्रमुख बनाए जाने के बाद पार्टी के सभी पदों से इस्तीफा दे दिया था लेकिन संघ प्रमुख मोहन भागवत के हस्तक्षेप के बाद वह मान गए थे।

संसदीय बोर्ड में केंद्र सरकार द्वारा सीबीआई के कथित दुरुपयोग के मामले पर भी चर्चा की गई। इसमें ताजा मामला इशरत जहां मुठभेड़ मामले में सीबीआई के आरोपपत्र से संबंधित है।

इशरत जहां मामले में सीबीआई के आरोपपत्र में मोदी तथा गुजरात के तत्कालीन गृहमंत्री अमित शाह के नाम नहीं हैं, लेकिन भाजपा ने मुठभेड़ को ‘फर्जी’ बताने वाले आरोपपत्र पर आपत्ति जताई है।
पार्टी महासचिव अनंत कुमार ने कहा, ‘‘संसदीय बोर्ड ने सीबीआई के दुरुपयोग पर चर्चा की और इस बारे में विचार-विमर्श किया कि कांग्रेसनीत सरकार किस तरह सीबीआई को राजनीतिक हथियार के तौर पर इस्तेमाल कर रही है। सरकार एजेंसी को विपक्ष के नेताओं के खिलाफ इस्तेमाल कर रही है। हम इसकी कड़ी भर्त्सना करते हैं।’’

कैबिनेट द्वारा बुधवार को लागू खाद्य सुरक्षा से संबंधित अध्यादेश पर भी भाजपा ने चर्चा की। पार्टी मौजूदा स्वरूप में खाद्य सुरक्षा विधेयक का विरोध करेगी और छत्तीसगढ़ के खाद्य सुरक्षा के मॉडल को अपनाने पर जोर देगी जिसमें 90 प्रतिशत जनसंख्या को कानून के दायरे में लिया गया है।

बैठक के बाद अनंत कुमार ने बताया कि राजग और संप्रग सरकारों और भाजपा एवं कांग्रेस शासित प्रदेश की सरकारों की तुलनात्मक तस्वीर पेश की जाएगी जिसमें भाजपा के नेतृत्व वाले गठबंधन के विकास कार्यों और कांग्रेस के नेतृत्व वाले गठजोड़ द्वारा विकास कार्यों को कथित रूप से अवरुद्ध करने के बारे में बताया जाएगा।

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भाजपा संसदीय बोर्ड की एक अन्य बैठक 8 जुलाई को प्रस्तावित है।