केंद्र में सत्ता संभालने के बाद से नरेंद्र मोदी सरकार तमाम तरह के बदलाव लाने के प्रयास में लगी हुई है। अब ताजा मामला मंत्रियों के निजी स्टाफ रखने से जुड़ा हुआ है। मोदी सरकार ने 2010 में यूपीए की सरकार द्वारा इस मामले में पारित आदेश को संशोधित करने का फैसला किया है।
अपने उस आदेश में यूपीए सरकार ने कहा था कि मंत्रियों का निजी स्टाफ डेपूटेशन पर पांच साल से ज्यादा नहीं रह सकता है।
इस आदेश के बाद कहा जा रहा है कि अब तमाम मंत्री उन अधिकारियों को निजी स्टाफ के तौर पर नहीं रख सकते जो यूपीए के कार्यकाल में लंबे समय तक मंत्रियों के साथ थे।
पहले कहा जा रहा था कि पीएमओ की इस प्रकार की नियुक्ति में कोई भूमिका नहीं है, क्योंकि यह पिछली सरकार के आदेश के तहत हो रहा है।
मोदी सरकार ने इस नियम में बदलाव के साथ डेपूटेशन पर आए अधिकारियों को रखने की समय सीमा पांच से घटाकर तीन साल करने का मन बनाया है। यहां यह भी संभव है कि पिछली सरकार में मंत्रियों के साथ कम समय तक काम करने वाले अधिकारियों को कुछ और समय मंत्रालय में रहने का मौका मिल जाएगा। डीओपीटी विभाग जल्द ही संबंध में आदेश जारी करेगा।
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