चीन आए दिन बॉर्डर इलाकों में सीमा को लेकर विवाद शुरू करता रहता है.
नई दिल्ली:
चीन के साथ भले ही डोकलाम विवाद सुलझ गया है, लेकिन भारत सीमावर्ती इलाकों में अपनी स्थिति मजबूत करने के प्रयास में अभी भी जुटा है. पड़ोसी चीन की ओर से बार-बार सीमा विवाद शुरू करने की आदतों को देखते हुए भारत अरुणाचल प्रदेश के बॉर्डर इलाकों में तेजी से निर्माण कार्य में जुटा है, ताकि युद्ध की स्थिति में भारतीय फौज आसानी से यहां पहुंचकर दुश्मन को मुंहतोड़ जवाब दिया जा सके. इन्हीं निर्माण कार्यों की समीक्षा की गई. केंद्र सरकार ने अरुणाचल प्रदेश में चीन के सीमावर्ती इलाकों में चल रही सड़क एवं अन्य ढांचागत योजनाओं की प्रगति की समीक्षा की है. गृह मंत्रालय के एक अधिकारी ने बताया कि चीन के साथ ताजा सीमा विवाद के मद्देनजर इन परियोजनाओं की समीक्षा की जा रही है.
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केन्द्रीय मंत्री किरण रिजीजू, जनरल (सेवानिवृत्त) वी के सिंह और सेना प्रमुख बिपिन रावत सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारियों ने आज समीक्षा बैठक में भारत चीन सीमा पर निर्माणाधीन परियोजनाओं की प्रगति का जायजा लिया गया. लगभग एक घंटे तक चली बैठक के बाद जनरल रावत ने बताया कि हमने अरुणाचल प्रदेश में चीन की सीमा से सटे इलाकों में चल रही सड़क एवं अन्य परियोजनाओं पर विचार विमर्श किया. भारत और चीन की 3488 किमी लंबी सीमा का 1126 किमी हिस्सा अरुणाचल प्रदेश में है.
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चीन के सीमावर्ती इलाकों में ढांचागत सुविधाओं के अभाव के कारण उपजे हालात के मद्देनजर केन्द्र सरकार ने इस इलाके में 73 महत्वपूर्ण सड़कों का निर्माण कार्य शुरु किया है. इनमें से 804.93 किमी लंबी 27 सड़कों का गृह मंत्रालय द्वारा जम्मू कश्मीर, हिमांचल प्रदेश, उत्तराखंड, सिक्किम और अरुणाचल प्रदेश में निर्माण कराया जा रहा है. इनकी अनुमानित लागत 1937 करोड़ रुपये है. इनमें से 15 सड़कें सीमा सड़क संगठन और अन्य सड़कें केन्द्रीय लोक निर्माण विभाग द्वारा बनायी जा रही है. निर्माणाधीन सड़क परियोजनाओं में से आठ का काम पूरा हो चुका है.
इनपुट: भाषा
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केन्द्रीय मंत्री किरण रिजीजू, जनरल (सेवानिवृत्त) वी के सिंह और सेना प्रमुख बिपिन रावत सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारियों ने आज समीक्षा बैठक में भारत चीन सीमा पर निर्माणाधीन परियोजनाओं की प्रगति का जायजा लिया गया. लगभग एक घंटे तक चली बैठक के बाद जनरल रावत ने बताया कि हमने अरुणाचल प्रदेश में चीन की सीमा से सटे इलाकों में चल रही सड़क एवं अन्य परियोजनाओं पर विचार विमर्श किया. भारत और चीन की 3488 किमी लंबी सीमा का 1126 किमी हिस्सा अरुणाचल प्रदेश में है.
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चीन के सीमावर्ती इलाकों में ढांचागत सुविधाओं के अभाव के कारण उपजे हालात के मद्देनजर केन्द्र सरकार ने इस इलाके में 73 महत्वपूर्ण सड़कों का निर्माण कार्य शुरु किया है. इनमें से 804.93 किमी लंबी 27 सड़कों का गृह मंत्रालय द्वारा जम्मू कश्मीर, हिमांचल प्रदेश, उत्तराखंड, सिक्किम और अरुणाचल प्रदेश में निर्माण कराया जा रहा है. इनकी अनुमानित लागत 1937 करोड़ रुपये है. इनमें से 15 सड़कें सीमा सड़क संगठन और अन्य सड़कें केन्द्रीय लोक निर्माण विभाग द्वारा बनायी जा रही है. निर्माणाधीन सड़क परियोजनाओं में से आठ का काम पूरा हो चुका है.
इनपुट: भाषा
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