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This Article is From Jan 21, 2020

टुकड़े-टुकड़े गैंग की रट लगाते हैं BJP नेता, लेकिन मोदी सरकार की इस पर जानकारी हैरान करने वाली

एक कार्यकर्ता ने दावा किया है कि सूचना के अधिकार कानून (RTI) के तहत पूछे गए एक प्रश्न के जवाब में केंद्रीय गृह मंत्रालय के पास टुकडे-टुकडे गैंग के बारे में कोई जानकारी नहीं है.

टुकड़े-टुकड़े गैंग की रट लगाते हैं BJP नेता, लेकिन मोदी सरकार की इस पर जानकारी हैरान करने वाली
गृहमंत्री अमित शाह (फाइल फोटो)
Quick Reads
Summary is AI generated, newsroom reviewed.
एक एक्टिविस्ट ने 'टुकड़े-टुकड़े गैंग' पर किया RTI
जवाब में सरकार ने कहा- कोई जानकारी नहीं
बीजेपी नेता अक्सर करते हैं 'टुकड़े-टुकड़े गैंग' का प्रयोग
नई दिल्ली:

एक कार्यकर्ता ने दावा किया है कि सूचना के अधिकार कानून (RTI) के तहत पूछे गए एक प्रश्न के जवाब में केंद्रीय गृह मंत्रालय के पास टुकडे-टुकडे गैंग के बारे में कोई जानकारी नहीं है. अपने ट्वीट में एक्टिविस्ट संकेत गोखले ने पिछले महीने गृह मंत्रालय से पूछे गए सवाल के जवाब को अटैच किया है. संकेत ने अपने पोस्ट में लिखा, "टुकडे टुकडे गैंग आधिकारिक रूप से मौजूद नहीं है, यह केवल अमित शाह की कल्पना का एक अनुमान मात्र है.'' हालांकि NDTV ने इस मुद्दे को स्वतंत्र रूप से सत्यापित नहीं किया है.

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"टुकडे-टुकडे गैंग" एक शब्द है जिसका इस्तेमाल अक्सर दक्षिणपंथी दल (Right-Wing) वाम (Left-Wing) समर्थित समूहों और उनके समर्थकों पर हमला करने के लिए प्रयोग करती है. दिल्ली के जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (JNU) में एक कार्यक्रम में कथित रूप से राष्ट्र विरोधी नारे लगाए जाने के बाद 'टुकडे-टुकडे गैंग' को गढ़ा गया था. उस दौरान JNU छात्र संघ के प्रमुख कन्हैया कुमार के खिलाफ एक राजद्रोह का मुकदमा दायर किया गया था, जिसने इस कार्यक्रम का आयोजन किया था.

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पिछले साल केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने इस शब्द को कई बार प्रयोग किया था. दिल्ली में एक कार्यक्राम के दौरान अमित शाह ने CAA के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे लोगों का जिक्र करते हुए कहा था कि 'मैं कहना चाहता हूं कि कांग्रेस के नेतृत्व वाले टुकड़े-टुकड़े गैंग को दंडित करने का समय आ गया है. उन्हें शहर में हिंसा के लिए दोषी ठहराया जाना है. दिल्ली के लोगों को उन्हें दंडित करना चाहिए.

इस महीने के शुरुआत में गृहमंत्री अमित शाह ने दिल्ली के मुख्यमंत्री पर दो बार आरोप लगाया कि अरविंद केजरीवाल ने कन्हैया कुमार और अन्य लोगों के खिलाफ मुकदमा चलाने की मंजूरी नहीं दी जिन्होंने कथित तौर पर भारत विरोधी नारे लगाए थे.

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जेएनयू कैंपस में हुए हमले के बाद से सोशल मीडिया पर विश्वविद्यालय को इसी मसले पर बार-बार निशाना बनाया गया. जेएनयू हिंसा के दौरान नकाबपोश लोगों ने छात्रों और शिक्षकों को निशाना बनाया; जिसमें 20 से अधिक लोग घायल हुए थे. सोशल मीडिया पर 'टुकड़े-टुकड़े गैंग' का यूज करते हुए कई यूजर्स ने अपनी राय रखी थी. बीजेपी की कर्नाटक यूनिट ने भी अपने ट्वीट में इसका जिक्र किया था.

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