पणजी:
देश में अगले साल होने वाले आम चुनाव में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के प्रचार अभियान की कमान गुजरात के मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी संभालेंगे। इसे लेकर पिछले कई दिनों से जारी अटकलबाजियों पर रविवार को उस समय विराम लग गया, जब भाजपा ने मोदी को पार्टी की प्रचार समिति का अध्यक्ष नियुक्त किए जाने की औपचारिक घोषणा की गई।
प्रचार समिति का प्रमुख बनने के बाद अपने पहले भाषण में यूपीए सरकार पर नरेंद्र मोदी जमकर बरसे। उन्होंने कहा कि सत्ता हमारे लिए भोग का साधन नहीं है।
खुद को बड़ी जिम्मेदारी मिलने के बाद नरेंद्र मोदी ने टि्वटर पर खुशी जताई। उन्होंने ट्वीट किया, वरिष्ठ नेताओं ने मुझ पर भरोसा जताया है। हम कांग्रेस मुक्त भारत निर्माण में कोई कसर नहीं छोड़ेंगे। समर्थन और आशीर्वाद के लिए शुक्रिया... आडवाणी जी से फोन पर बात हुई, उन्होंने मुझे अपना आशीर्वाद दिया। उनका आशीर्वाद पाकर कृतज्ञ हूं।
मोदी को चुनाव समिति का अध्यक्ष बनाए जाने की घोषणा के बाद पार्टी कार्यकर्ताओं ने जमकर जश्न मनाना शुरू कर दिया। सूत्रों के मुताबिक पार्टी ने शनिवार को ही राज्य इकाइयों को निर्देश दे दिया था कि जैसे ही नरेंद्र मोदी के नाम की घोषणा हो राज्य कार्यालयों में जश्न का माहौल दिखाया जाए।
इस मुद्दे को लेकर पार्टी के वरिष्ठ नेता लालकृष्ण आडवाणी नरेंद्र मोदी को प्रचार समिति का संयोजक बनाने के लिए हामी भर चुके थे, लेकिन मोदी को इस समिति का अध्यक्ष बनाने पर आडवाणी राजी नहीं बताए जा रहे थे। आडवाणी तबीयत खराब होने का हवाला देते हुए गोवा बैठक में शामिल नहीं हुए थे, लेकिन सूत्रों के मुताबिक आडवाणी गोवा में न होकर भी मोदी विरोधी खेमे की कमान संभाले हुए थे।
प्रचार समिति का अध्यक्ष बनाए जाने के बाद चुनाव से संबंधित बीजेपी की बैठकों की अध्यक्षता नरेंद्र मोदी ही करेंगे, लेकिन अगर मोदी प्रचार समिति के संयोजक बनाए जाते, तो चुनाव के लिए होने वाले बैठकों की अध्यक्षता राजनाथ सिंह ही करते।
आडवाणी के अलावा जसवंत सिंह, यशवंत सिन्हा, उमा भरती और शत्रुघ्न सिन्हा समेत अन्य कई नेताओं ने भी गोवा की बैठक में शिरकत नहीं की। कहा जा रहा है कि ये नेता मोदी का कद बढ़ने से खुश नहीं हैं। दो दिन के उतार-चढ़ाव और मंथन के बाद आडवाणी जैसे नेताओं की असहमति की अनदेखी करते हुए पार्टी मोदी को बड़ी और अहम भूमिका प्रदान करती नजर आ रही है। पार्टी में अटल बिहारी वाजपेयी के बाद दूसरे नंबर पर आडवाणी को ही सबसे बड़े कद का नेता माना जाता रहा है।
राजनाथ ने कहा कि सभी दल चुनावों को चुनौती के तौर पर देखते हैं और बीजेपी ने भी आगामी लोकसभा चुनावों को चुनौती के तौर पर स्वीकार किया है। चुनावों में जीत हासिल करने के मकसद से ही मोदी को बड़ी जिम्मेदारी सौंपी गई है। राजनाथ ने कहा, हमें पूरा विश्वास है कि कांग्रेस नीत यूपीए सरकार जनता का भरोसा खो चुकी है और यह भी भरोसा है कि 2014 के चुनावों में जीतकर बीजेपी सत्ता में पहुंचेगी।
वर्ष 2014 में होने वाले आम चुनाव के प्रचार की कमान मोदी को सौंपने की घोषणा भाजपा अध्यक्ष राजनाथ सिंह ने पार्टी की दो दिवसीय राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक के अंतिम दिन एक संवाददाता सम्मेलन में की। उनके साथ पार्टी की वरिष्ठ नेता सुषमा स्वराज, अरुण जेटली और अनंत कुमार भी मौजूद थे।
राजनाथ ने संवाददाताओं से कहा, "आने वाला लोकसभा चुनाव एक बड़ी चुनौती है। हम जीतने जा रहे हैं। चुनाव अभियान को ध्यान में रखते हुए मैंने नरेंद्र मोदी को आम चुनाव के लिए पार्टी की प्रचार समिति का प्रमुख नियुक्त किया है।"
मोदी को अगले आम चुनाव के लिए प्रचार अभियान की कमान सौंपे जाने को लेकर भाजपा में अंतर्विरोधों को खारिज करते हुए राजनाथ ने कहा, "यह निर्णय सहमति से लिया गया है। हमें पूरा भरोसा है कि भाजपा ही अगली सरकार का नेतृत्व करेगी।"
उधर, मोदी को भाजपा की प्रचार समिति का प्रमुख बनाए जाने से नाराज बताए जा रहे और अपने घर के बाहर मोदी समर्थकों के प्रदर्शन से 'आहत' पार्टी के वरिष्ठ नेता लालकृष्ण आडवाणी ने रविवार को अपने ब्लॉग पर हिलटर, मुसोलिनी जैसे ऐतिहासिक चरित्रों से लेकर घायल व धोखे के शिकार भीष्म पितामह तथा योद्धा अर्जुन जैसे पौराणिक चरित्रों का जिक्र किया। आडवाणी ने अपने ब्लॉग पर 'तानाशाही प्रवृत्ति' का भी जिक्र किया, जिसे आलोचक मोदी के स्वभाव में देखते हैं।
गोवा के मुख्यमंत्री मनोहर पर्रिकर ने भी मोदी का समर्थन किया। उन्होंने कहा, "आपने तालियों की गड़गड़ाहट सुनी होगी। जब इसकी घोषणा की गई तो सभी लगभग पांच मिनट तक तालियां बजाते रहे।"
सुषमा स्वराज, अनंत कुमार, रमन सिंह (छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री), शिवराज सिंह चौहान (मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री), मुरली मनोहर जोशी, अरुण जेटली और पर्रिकर ने भी मंच पर 'भारत माता की जय' के नारे लगाकर प्रचार समिति के अध्यक्ष के रूप में मोदी का स्वागत किया और उन्हें बधाई दी। भाजपा कार्यकर्ताओं ने पटाखे छोड़कर अपनी खुशी का इजहार किया।
भाजपा के पूर्व अध्यक्ष एम. वेंकैया नायडू ने कहा कि मोदी के नेतृत्व वाली समिति सिर्फ प्रचार की कमान संभालेगी, उम्मीदवारों के चयन का फैसला यह समिति नहीं करेगी। यह एक अलग मुद्दा है।
मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान, जिन्हें आडवाणी मोदी से बेहतर मुख्यमंत्री बताते हैं, ने भी प्रचार समिति के अध्यक्ष के रूप में मोदी को समर्थन देने की बात कही।
उधर, कांग्रेस सांसद राजीव शुक्ला ने कहा, "हम मोदी से डरे हुए नहीं हैं। हम चुनावी लड़ाई के लिए तैयार हैं।"
प्रचार समिति का प्रमुख बनने के बाद अपने पहले भाषण में यूपीए सरकार पर नरेंद्र मोदी जमकर बरसे। उन्होंने कहा कि सत्ता हमारे लिए भोग का साधन नहीं है।
खुद को बड़ी जिम्मेदारी मिलने के बाद नरेंद्र मोदी ने टि्वटर पर खुशी जताई। उन्होंने ट्वीट किया, वरिष्ठ नेताओं ने मुझ पर भरोसा जताया है। हम कांग्रेस मुक्त भारत निर्माण में कोई कसर नहीं छोड़ेंगे। समर्थन और आशीर्वाद के लिए शुक्रिया... आडवाणी जी से फोन पर बात हुई, उन्होंने मुझे अपना आशीर्वाद दिया। उनका आशीर्वाद पाकर कृतज्ञ हूं।
मोदी को चुनाव समिति का अध्यक्ष बनाए जाने की घोषणा के बाद पार्टी कार्यकर्ताओं ने जमकर जश्न मनाना शुरू कर दिया। सूत्रों के मुताबिक पार्टी ने शनिवार को ही राज्य इकाइयों को निर्देश दे दिया था कि जैसे ही नरेंद्र मोदी के नाम की घोषणा हो राज्य कार्यालयों में जश्न का माहौल दिखाया जाए।
इस मुद्दे को लेकर पार्टी के वरिष्ठ नेता लालकृष्ण आडवाणी नरेंद्र मोदी को प्रचार समिति का संयोजक बनाने के लिए हामी भर चुके थे, लेकिन मोदी को इस समिति का अध्यक्ष बनाने पर आडवाणी राजी नहीं बताए जा रहे थे। आडवाणी तबीयत खराब होने का हवाला देते हुए गोवा बैठक में शामिल नहीं हुए थे, लेकिन सूत्रों के मुताबिक आडवाणी गोवा में न होकर भी मोदी विरोधी खेमे की कमान संभाले हुए थे।
प्रचार समिति का अध्यक्ष बनाए जाने के बाद चुनाव से संबंधित बीजेपी की बैठकों की अध्यक्षता नरेंद्र मोदी ही करेंगे, लेकिन अगर मोदी प्रचार समिति के संयोजक बनाए जाते, तो चुनाव के लिए होने वाले बैठकों की अध्यक्षता राजनाथ सिंह ही करते।
आडवाणी के अलावा जसवंत सिंह, यशवंत सिन्हा, उमा भरती और शत्रुघ्न सिन्हा समेत अन्य कई नेताओं ने भी गोवा की बैठक में शिरकत नहीं की। कहा जा रहा है कि ये नेता मोदी का कद बढ़ने से खुश नहीं हैं। दो दिन के उतार-चढ़ाव और मंथन के बाद आडवाणी जैसे नेताओं की असहमति की अनदेखी करते हुए पार्टी मोदी को बड़ी और अहम भूमिका प्रदान करती नजर आ रही है। पार्टी में अटल बिहारी वाजपेयी के बाद दूसरे नंबर पर आडवाणी को ही सबसे बड़े कद का नेता माना जाता रहा है।
राजनाथ ने कहा कि सभी दल चुनावों को चुनौती के तौर पर देखते हैं और बीजेपी ने भी आगामी लोकसभा चुनावों को चुनौती के तौर पर स्वीकार किया है। चुनावों में जीत हासिल करने के मकसद से ही मोदी को बड़ी जिम्मेदारी सौंपी गई है। राजनाथ ने कहा, हमें पूरा विश्वास है कि कांग्रेस नीत यूपीए सरकार जनता का भरोसा खो चुकी है और यह भी भरोसा है कि 2014 के चुनावों में जीतकर बीजेपी सत्ता में पहुंचेगी।
वर्ष 2014 में होने वाले आम चुनाव के प्रचार की कमान मोदी को सौंपने की घोषणा भाजपा अध्यक्ष राजनाथ सिंह ने पार्टी की दो दिवसीय राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक के अंतिम दिन एक संवाददाता सम्मेलन में की। उनके साथ पार्टी की वरिष्ठ नेता सुषमा स्वराज, अरुण जेटली और अनंत कुमार भी मौजूद थे।
राजनाथ ने संवाददाताओं से कहा, "आने वाला लोकसभा चुनाव एक बड़ी चुनौती है। हम जीतने जा रहे हैं। चुनाव अभियान को ध्यान में रखते हुए मैंने नरेंद्र मोदी को आम चुनाव के लिए पार्टी की प्रचार समिति का प्रमुख नियुक्त किया है।"
मोदी को अगले आम चुनाव के लिए प्रचार अभियान की कमान सौंपे जाने को लेकर भाजपा में अंतर्विरोधों को खारिज करते हुए राजनाथ ने कहा, "यह निर्णय सहमति से लिया गया है। हमें पूरा भरोसा है कि भाजपा ही अगली सरकार का नेतृत्व करेगी।"
उधर, मोदी को भाजपा की प्रचार समिति का प्रमुख बनाए जाने से नाराज बताए जा रहे और अपने घर के बाहर मोदी समर्थकों के प्रदर्शन से 'आहत' पार्टी के वरिष्ठ नेता लालकृष्ण आडवाणी ने रविवार को अपने ब्लॉग पर हिलटर, मुसोलिनी जैसे ऐतिहासिक चरित्रों से लेकर घायल व धोखे के शिकार भीष्म पितामह तथा योद्धा अर्जुन जैसे पौराणिक चरित्रों का जिक्र किया। आडवाणी ने अपने ब्लॉग पर 'तानाशाही प्रवृत्ति' का भी जिक्र किया, जिसे आलोचक मोदी के स्वभाव में देखते हैं।
गोवा के मुख्यमंत्री मनोहर पर्रिकर ने भी मोदी का समर्थन किया। उन्होंने कहा, "आपने तालियों की गड़गड़ाहट सुनी होगी। जब इसकी घोषणा की गई तो सभी लगभग पांच मिनट तक तालियां बजाते रहे।"
सुषमा स्वराज, अनंत कुमार, रमन सिंह (छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री), शिवराज सिंह चौहान (मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री), मुरली मनोहर जोशी, अरुण जेटली और पर्रिकर ने भी मंच पर 'भारत माता की जय' के नारे लगाकर प्रचार समिति के अध्यक्ष के रूप में मोदी का स्वागत किया और उन्हें बधाई दी। भाजपा कार्यकर्ताओं ने पटाखे छोड़कर अपनी खुशी का इजहार किया।
भाजपा के पूर्व अध्यक्ष एम. वेंकैया नायडू ने कहा कि मोदी के नेतृत्व वाली समिति सिर्फ प्रचार की कमान संभालेगी, उम्मीदवारों के चयन का फैसला यह समिति नहीं करेगी। यह एक अलग मुद्दा है।
मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान, जिन्हें आडवाणी मोदी से बेहतर मुख्यमंत्री बताते हैं, ने भी प्रचार समिति के अध्यक्ष के रूप में मोदी को समर्थन देने की बात कही।
उधर, कांग्रेस सांसद राजीव शुक्ला ने कहा, "हम मोदी से डरे हुए नहीं हैं। हम चुनावी लड़ाई के लिए तैयार हैं।"
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