डीएमके पार्टी के प्रमुख एम करुणानिधि ने अपने बेटे एमके अलागिरि के पार्टी से निलंबन के बाद अपने कदम पर कहा कि अलागिरि को स्टालिन से शिकायत थी और उसने उसके खिलाफ सख्त भाषा का प्रयोग किया और यहां तक कह दिया कि स्टालिन की कुछ ही महीनों में मौत हो जाएगी। करुणानिधि ने कहा कि आखिर एक पिता यह कैसे बर्दाश्त कर सकता है।
करुणानिधि ने कहा, 'वह (अलागिरी) स्टालिन के खिलाफ नफरत रखते हैं। अलागिरी ने यह तक कहा कि स्टालिन तीन महीने में मर जाएगा। कोई पिता किसी बेटे के खिलाफ ऐसे शब्दों को नहीं सुन सकता। पार्टी अध्यक्ष के तौर पर मुझे इन्हें बर्दाश्त करना पड़ा।'
अलागिरी को पार्टी से निकाले जाने का घटनाक्रम बताते हुए डीएमके अध्यक्ष ने कहा कि उनके बड़े बेटे 24 जनवरी की सुबह उनके घर आये और स्टालिन के खिलाफ कटु शब्द बोले।
करुणानिधि ने पूछा, 'क्या अपनी समस्याओं के समाधान के लिए पार्टी अध्यक्ष के घर आने का यह (सुबह 6-7 बजे) वक्त है।' मदुरै में पार्टी के खिलाफ दिए गए अलागिरी के बयानों के बारे में पूछे जाने पर करुणानिधि ने कहा कि अलागिरी पार्टी की महापरिषद और कार्य परिषद के फैसले के खिलाफ अखबारों और चैनलों को इंटरव्यू दे रहे हैं, जिसके नतीजतन अनपेक्षित राजनीतिक परिणाम आ रहे हैं। करुणानिधि ने यह भी कहा कि मुझे यह समझ नहीं आता कि आखिर क्यों अलागिरि के भीतर स्टालिन के प्रति इतनी नफरत क्यों है। इसी वजह से पार्टी में भी गुटबाजी होती रही है।
गौरतलब है कि पिछले हफ्ते डीएमके प्रमुख ने मदुरै के प्रमुख नेता, पूर्व केंद्रीयमंत्री तथा करुणानिधि के पुत्र एमके अलागिरि पर कार्रवाई करते हुए द्रमुक ने उन्हें पार्टी की प्राथमिक सदस्यता और सभी पदों से निलंबित कर दिया था और उनसे कहा है कि द्रमुक-एमडीएमके गठबंधन के उनके विरोध को हल्के में नहीं लिया जाएगा।
पार्टी के महासचिव के अनबझगन ने अलागिरि के खिलाफ कार्रवाई पर कहा था, 'यह बयान हाईकमान के रुख को प्रदर्शित करता है।' करुणानिधि एमडीएमके के साथ गठबंधन के पक्ष में थे और उन्होंने हाल में अलागिरि की टिप्पणी से खुद को अलग कर लिया था। 7 जनवरी को अपने बेटे को कड़ी चेतावनी में द्रमुक अध्यक्ष ने कहा कि गठबंधन जैसे अहम विषय पर जो कोई भी पार्टी के रुख के खिलाफ जाएगा, उसे निष्कासन समेत अनुशासनात्मक कार्रवाई का सामना करना पड़ेगा।
अलागिरि को पार्टी से अस्थायी तौर पर निलंबित किए जाने का निर्णय उनके अपने पिता से मुलाकात के कुछ ही घंटे बाद सामने आई है। निलंबन का समय काफी महत्वपूर्ण माना जा रहा है, क्योंकि डीएमडीके की बैठक 2 फरवरी को होने वाली है जिसमें विजयकांत लोकसभा चुनाव के संदर्भ में गठबंधन के बारे में कोई घोषणा कर सकते हैं।
द्रमुक नेताओं को लगता है कि इस कार्रवाई से सही संदेश जाएगा। डीएमडीके प्रमुख उस समय आहत हुए थे जब अलागिरि ने कहा था कि वह कैप्टन (विजयकांत को उनकी पार्टी के लोग इस संबोधन से बुलाते हैं) को कभी राजनीतिक व्यक्ति नहीं मानेंगे। अलागिरि पर पार्टी रुख के खिलाफ जाने और विजयकांत के नेतृत्व वाले एमडीएमके से गठजोड़ करने के विषय पर अलग विचार व्यक्त करने के आरोप लगाए गए हैं।
अलागिरि को द्रमुक की प्राथमिक सदस्यता समेत सभी पदों से अस्थायी तौर पर हटा दिया गया है। अलागिरि के डीएमडीके नेता विजयकांत पर करारा प्रहार करने के बाद पार्टी ने उनकी टिप्पणी को काफी गंभीरता से लिया है क्योंकि द्रमुक विजयकांत की पार्टी के साथ गठजोड़ करना चाहती है।
NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं