यह ख़बर 19 दिसंबर, 2012 को प्रकाशित हुई थी

पदोन्नति आरक्षण हंगामा : भाजपा ने सोनिया से माफी मांगने को कहा

खास बातें

  • लोकसभा में एक अप्रत्याशित घटना में सपा सदस्य द्वारा पदोन्नति में आरक्षण सम्बंधी विधेयक को सदन में चर्चा के लिए रखे जाने के समय मंत्री से छीनने और इसके बाद की घटना को शर्मसार करने वाली बताते हुए भाजपा ने संप्रग अध्यक्ष सोनिया गांधी और सरकार से इसके लिए माफ
नई दिल्ली:

लोकसभा में बुधवार को एक अप्रत्याशित घटना में सपा सदस्य द्वारा पदोन्नति में आरक्षण सम्बंधी विधेयक को सदन में चर्चा के लिए रखे जाने के समय मंत्री से छीनने और इसके बाद की घटना को शर्मसार करने वाली बताते हुए भाजपा ने संप्रग अध्यक्ष सोनिया गांधी और सरकार से इसके लिए माफी मांगने को कहा।

लोकसभा में भाजपा के उपनेता गोपीनाथ मुंडे ने कहा, ‘‘सदन में आज जो घटना हुई, देश उससे स्तब्ध है। सरकरी नौकरियों में पदोन्नति में आरक्षण से जुड़े विधेयक को नहीं पेश करने दिया गया। उसके बाद संप्रग अध्यक्ष और सपा सदस्यों का व्यवहार निंदनीय है। हम इसकी निंदा करते हैं।’’ उन्होंने कहा कि लोकपाल विधेयक पर भी सरकार का रुख कुछ ऐसा ही था।

मुंडे ने कहा, ‘‘आज जो घटना घटी है, वह शर्मसार करने वाली है। इस घटना ने संसद, सांसदों और संसदीय प्रणाली की गरिमा को कम करने का काम किया है।’’ भाजपा नेता ने कहा, ‘‘संप्रग अध्यक्ष और सरकार इसके लिए माफी मांगे।’’ यह पूछे जाने पर कि क्या इस विधेयक पर भाजपा एकजुट है, उन्होंने कहा कि राज्यसभा में भी पार्टी ने इसके पक्ष में मतदान किया है और लोकसभा में जब इस पर मतदान होगा, हम इसके पक्ष में वोट करेंगे। ‘‘पूरी पार्टी इस विषय पर एकजुट है।’’

विधेयक के भविष्य के बारे में पूछे जाने मुंडे ने कहा कि लोकसभा में यह विधेयक अभी पेश नहीं किया जा सका है और फिर से पेश करने के लिए कार्य मंत्रणा समिति में तय किया जाएगा। इस सवाल पर कि अगर इस विधेयक को पारित करने के लिए मार्शल का इस्तेमाल किया गया तब क्या भाजपा उसका समर्थन करेगी, उन्होंने कहा, ‘‘हम मार्शल के इस्तेमाल के खिलाफ है। संप्रग के लोग जब ऐसा व्यवहार कर रहे हों तब मार्शल की क्या जरूरत है।’’

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गौरतलब है कि लोकसभा में आज एक अप्रत्याशित घटना में सपा सदस्य यशवीर सिंह ने सरकारी नौकरियों में पदोन्नति में आरक्षण सम्बंधी विधेयक को सदन में चर्चा के लिए रखे जाते समय केंद्रीय मंत्री वी नारायणसामी के हाथ से छीन लिया जिसे संप्रग अध्यक्ष सोनिया गांधी ने रोकने का प्रयास किया।