'मिशन-60'- कोरोना से लड़ने के लिए पीएम मोदी का राज्यों को सुझाव

बुधवार शाम प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) ने 7 राज्यों के मुख्यमंत्रियों के साथ वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए कोरोना के मौजूदा हालात और आगे की रणनीति पर चर्चा की.

'मिशन-60'- कोरोना से लड़ने के लिए पीएम मोदी का राज्यों को सुझाव

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (फाइल फोटो)

नई दिल्ली:

बुधवार शाम प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) ने 7 राज्यों के मुख्यमंत्रियों के साथ वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए कोरोना के मौजूदा हालात और आगे की रणनीति पर चर्चा की. इस दौरान प्रधानमंत्री ने इन 7 राज्यों के मुख्यमंत्रियों से कहा कि 7 राज्यों में 60 ऐसे ज़िले हैं जो सबसे ज़्यादा डरा रहे हैं. इसलिए यहां बेहतर प्रबंधन की आवश्यकता है. प्रधानमंत्री ने कहा 'देश में 700 से ज्यादा ज़िले हैं लेकिन भय और चिंता कराने वाले सिर्फ 60 जिले हैं और केवल 7 राज्यों में. मेरा सभी मुख्यमंत्रियों को सुझाव है कि सात दिन का कार्यक्रम बनाएं. रोज़ाना एक घंटा एक ज़िले को दें और वर्चुअल तरीक़े से उस जिले का जो एक-दो ब्लॉक या तहसील है उनसे मुख्यमंत्री सीधी बात करें और मार्गदर्शन करें. इससे गंभीरता लाने में मदद मिलेगी.'

आपको बता दें कि प्रधानमंत्री के साथ बैठक में दिल्ली, उत्तर प्रदेश, महाराष्ट्र, तमिलनाडु, आंध्र प्रदेश, कर्नाटक और पंजाब के शामिल थे. इन 7 राज्यों में देश के कुल एक्टिव कोरोना मामलों के 62% हैं जबकि 77% मौत के मामले इन 7 राज्यों से हैं.

राज्यों की समीक्षा और उनको सुझाव

दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने दिल्ली के बारे में कहा की आम लोगों, दिल्ली सरकार और केंद्र सरकार के ताजा प्रयासों से हालात काबू में लाये गए थे. प्रधानमंत्री ने कहा कि RT-PCR टेस्ट बढ़ाए जाएं और रैपिड एंटीजन टेस्ट में जोड़ लक्षण वाले लोग नेगेटिव आए उनका भी RT-PCR टेस्ट कराया जाए.

उत्तर प्रदेश: उत्तर प्रदेश में 16 ऐसे जिले देखे गए जहां रोजाना 100 से ज्यादा मामले सामने आ रहे हैं. यह देखते हुए कि उत्तर प्रदेश सबसे ज्यादा आबादी वाला राज्य है और बड़ी संख्या में राज्य में मजदूर लौट कर आए हैं प्रधानमंत्री ने कहा कि राज्य ने इसके बावजूद अपना टेस्टिंग का जाल बड़ा करके हालात को प्रभावी रूप से काबू में किया है.

पंजाब: प्रधानमंत्री ने कहा की शुरुआत में पंजाब ने कोरोना संक्रमण को काबू में किया लेकिन अब ज्यादातर मौत राज्य में ही हो रही हैं, इसका सबसे बड़ा कारण है कि मरीज को अस्पताल में पहुंचने में देरी हो रही है। प्रधानमंत्री ने कहा कि राज्य को इस चुनौती को संभालने के लिए जागरूकता अभियान चलाना होगा।

महाराष्ट्र: प्रधानमंत्री ने कहा कि राज्य को सबसे ज्यादा मामलों वाले 20 जिलों में अपना ध्यान केंद्रित करना होगा. प्रधानमंत्री ने सुझाव दिया यह महाराष्ट्र को RT-PCR टेस्टिंग मौजूदा स्तर से 5 गुना बढ़ानी होगी.

कर्नाटक: प्रधानमंत्री ने कहा कि राज्य के 9 जिलों में सबसे ज्यादा मौत हो रही हैं जिन पर तुरंत ध्यान देना होगा. मौजूद स्तर से 3 गुना RT-PCR टेस्टिंग और कांटेक्ट ट्रेसिंग करनी होगी.

तमिलनाडु: प्रधानमंत्री के मुताबिक राज्य में बड़ी संख्या में टेस्टिंग और ट्रेसिंग की रणनीति अपनाई गई जिसकी वजह से स्थायित्व आया और रोजाना नए मामलों में गिरावट आई. लेकिन 7 ऐसे जिले हैं जहां मौत सबसे ज्यादा है और यहां सबसे ज्यादा ध्यान देने की जरूरत है.

आंध्र प्रदेश: प्रधानमंत्री ने कहा कि आंध्र प्रदेश के लोगों और राज्य सरकार के बीच बेहतर समन्वय के चलते राज्य में हालात बेहतर हुए हैं. 

कोरोना से लड़ने के लिए फण्ड

प्रधानमंत्री ने बताया कि राज्यों ने मांग की कि स्टेट डिजास्टर रिस्पांस फंड से पैसा निकालने की लिमिट बढ़ाई जाए जिसके बाद अब यह फैसला किया गया है राज्य अपने SDRF से 35% की बजाय 50% तक पैसा निकाल सकेंगे. इसे राज्यों को इस बीमारी से लड़ने में मदद मिलेगी.

लॉक डाउन नहीं, माइक्रो कंटेन्मेंट करो

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प्रधानमंत्री ने राज्यों को कहा कि ब्लॉक डाउन का समय नहीं रहा है और बेहतर होगा कि माइक्रो कंटेनमेंट पर ध्यान दें. जिससे संक्रमण भी रोका जा सके और आर्थिक और अन्य गतिविधियां भी चलती रहे. प्रधानमंत्री ने कहा 'शुरुआत में हमने जो लॉकडाउन किया उसका बहुत फायदा मिला और दुनिया में सराहा गया लेकिन अब माइक्रो कंटेनमेंट जोन पर ही बल देना चाहिए जिससे कोरोना का प्रसार रोकने में मदद मिलेगी और बाकी जनजीवन और गतिविधियां भी सामान्य तौर पर चलेगी. एक या 2 दिन वाले लॉकडाउन कोरोना को रोकने में कितने प्रभावशाली हैं हर राज्य को अपने स्तर पर इसका अवलोकन करना चाहिए, कहीं ऐसा तो नहीं है कि इसकी वजह से आपके राज्य में आर्थिक गतिविधियां शुरू होने में दिक्कत हो रही है. मेरा आग्रह है कि सभी राज्य इस बारे में गंभीरता से सोचें'