फाइल फोटो
नई दिल्ली:
अल्पसंख्यक युवाओं की शिक्षा एवं कौशल विकास की दिशा में समग्र पहल 'नई मंजिल' योजना को शुरू हुए एक वर्ष से अधिक समय गुजर गया है और चालू वित्त वर्ष में वित्तीय आवंटन किए जाने के बावजूद अब तक कोई धनराशि जारी नहीं की गई है.
सूचना का अधिकार (आरटीआई) के तहत अल्पसंख्यक मामलों के मंत्रालय से प्राप्त जानकारी के अनुसार 2015.16 के दौरान अल्पसंख्यक समुदाय के लिए 'नई मंजिल' नाम से एक नई एकीकृत शिक्षा और आजीविका पहल शुरू की गई है. परंतु यह वित्त वर्ष 2016.17 में चालू की गई.
मंत्रालय से प्राप्त जानकारी के अनुसार, "नई मंजिल योजना के अधीन कुल आवंटन 155 करोड़ रुपये है लेकिन कोई धनराशि अभी तक जारी नहीं की गई है और अभी तक कोई वास्तविक सत्यापन नहीं किया गया है."
उल्लेखनीय है कि इस परियोजना के तहत अल्पसंख्यक युवाओं की शिक्षा और उनके कौशल विकास की दिशा में एक एकीकृत एवं समग्र दृष्टिकोण अपनाया गया है ताकि बड़ी संख्या में अल्पसंख्यक समुदाय के युवाओं द्वारा अपनी पढ़ाई बीच में ही छोड़ देने और उनके बीच बेरोजगारी की उंची दर की समस्याओं से निजात पाई जा सके.
इस परियोजना से मुख्यत: वे अल्पसंख्यक युवा लाभान्वित होंगे जो गरीबी रेखा से नीचे (बीपीएल) के दायरे में होंगे और जिनकी आयु 17 साल से लेकर 35 साल तक है.
इस परियोजना की बदौलत इसके दायरे में आने वाले क्षेत्र में रहने वाले अल्पसंख्यक युवाओं की शिक्षा प्राप्ति के साथ-साथ उनके रोजगार कौशल में भी उल्लेखनीय सुधार संभव हो पाएगा. मुरादाबाद स्थित आरटीआई कार्यकर्ता सलीम बेग ने अल्पसंख्यक मामलों के मंत्रालय से नई मंजिल योजना की प्रगति की जानकारी मांगी थी.
(हेडलाइन के अलावा, इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है, यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
सूचना का अधिकार (आरटीआई) के तहत अल्पसंख्यक मामलों के मंत्रालय से प्राप्त जानकारी के अनुसार 2015.16 के दौरान अल्पसंख्यक समुदाय के लिए 'नई मंजिल' नाम से एक नई एकीकृत शिक्षा और आजीविका पहल शुरू की गई है. परंतु यह वित्त वर्ष 2016.17 में चालू की गई.
मंत्रालय से प्राप्त जानकारी के अनुसार, "नई मंजिल योजना के अधीन कुल आवंटन 155 करोड़ रुपये है लेकिन कोई धनराशि अभी तक जारी नहीं की गई है और अभी तक कोई वास्तविक सत्यापन नहीं किया गया है."
उल्लेखनीय है कि इस परियोजना के तहत अल्पसंख्यक युवाओं की शिक्षा और उनके कौशल विकास की दिशा में एक एकीकृत एवं समग्र दृष्टिकोण अपनाया गया है ताकि बड़ी संख्या में अल्पसंख्यक समुदाय के युवाओं द्वारा अपनी पढ़ाई बीच में ही छोड़ देने और उनके बीच बेरोजगारी की उंची दर की समस्याओं से निजात पाई जा सके.
इस परियोजना से मुख्यत: वे अल्पसंख्यक युवा लाभान्वित होंगे जो गरीबी रेखा से नीचे (बीपीएल) के दायरे में होंगे और जिनकी आयु 17 साल से लेकर 35 साल तक है.
इस परियोजना की बदौलत इसके दायरे में आने वाले क्षेत्र में रहने वाले अल्पसंख्यक युवाओं की शिक्षा प्राप्ति के साथ-साथ उनके रोजगार कौशल में भी उल्लेखनीय सुधार संभव हो पाएगा. मुरादाबाद स्थित आरटीआई कार्यकर्ता सलीम बेग ने अल्पसंख्यक मामलों के मंत्रालय से नई मंजिल योजना की प्रगति की जानकारी मांगी थी.
(हेडलाइन के अलावा, इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है, यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
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