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This Article is From Aug 17, 2019

गांव के बुजुर्गों ने नाबालिग लड़की को बुरी तरह पीटा, रिश्तेदार के साथ भागने का है आरोप

आंध्र प्रदेश के अनंतपुर जिले से एक बेहद खौफनाक खबर सामने आ रही है. यहां एक गांव में नाबालिग लड़की की पिटाई का वीडियो सामने आया है.

गांव के बुजुर्गों ने नाबालिग लड़की को बुरी तरह पीटा, रिश्तेदार के साथ भागने का है आरोप
गांव के बुजुर्गों ने की नाबालिग लड़की की पिटाई
हैदराबाद:

आंध्र प्रदेश के अनंतपुर जिले से एक बेहद खौफनाक खबर सामने आ रही है. यहां एक गांव में नाबालिग लड़की की पिटाई का वीडियो सामने आया है. अन्य लोगों की मौजूदगी में गांव के बुजुर्गों ने नाबालिग लड़की की पिटाई की. इस घटना का वीडियो भी वायरल हो रहा है. बताया जा रहा है कि नाबालिग लड़की पर अपने 20 वर्षीय रिश्तेदार के साथ भाग जाने का आरोप है. बाद में इस कपल को पकड़ लिया गया और गांव वालों के सामने पेश किया गया और चेतावनी दी गई. यह घटना केपी डोड्डी गांव की है.

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इस वीडियो में देखा जा सकता है कि 20 वर्षीय शख्स को जमीन पर बैठा हुआ और तथाकथित गांव के बुजुर्ग लड़की से पूछताछ कर रहे हैं. लड़की के जवाब से गुस्से में आए बुजुर्ग शख्स ने उसे पीटना शुरू कर दिया. नाबालिग की छड़ी से भी कई बार पिटाई की गई. अनंतपुर जिले के पुलिस प्रमुख बी यसुबाबू ने एनडीटीवी को बताया कि कोई भी गांव के बुजुर्गों के खिलाफ शिकायत दर्ज कराने के लिए आगे नहीं आ रहा है, यहां तक ​​कि उसके माता-पिता भी नहीं. "वे कहते हैं कि उनकी ओर से बड़े लोगों ने हस्तक्षेप किया और इसलिए वे शिकायत करने को तैयार नहीं हैं."

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पुलिस ने अब महिला कांस्टेबल को यह जांचने के लिए भेजा है कि लड़की शिकायत दर्ज करेगी या नहीं. यदि वह उल्लेख करती है कि लड़के के साथ उसके शारीरिक संबंध थे, तो उसे यौन अपराधों से बच्चों के संरक्षण या POCSO के तहत दर्ज किया जा सकता है. अगर कोई औपचारिक शिकायत दर्ज नहीं की जाती है, तो पुलिस एससी/ एसटी अत्याचार निवारण अधिनियम के तहत मामला दर्ज करेगी.

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बालाला हक्कूला संघम के बाल अधिकार कार्यकर्ता अच्युता राव का कहना है कि वह राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग को सतर्क कर रहे हैं और उन्होंने मांग की है कि जेजे एक्ट के तहत बच्चों के खिलाफ हत्या और क्रूरता के प्रयास का मामला दर्ज किया जाना चाहिए. अच्युता राव  ने कहा, "यह एक संज्ञेय अपराध है. ऐसे मामलों में कोई भी कानून को अपने हाथ में नहीं ले सकता है. चौंकाने वाली बात यह है कि बहुत सारे ग्रामीण घटना के दौरान एक मूक गवाह थे, लेकिन कोई कुछ नहीं बोल रहा है."

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