बॉलीवुड एक्टर दीपिका पादुकोण के जवाहलाल नेहरू यूनिवर्सिटी (JNU) जाने और हिंसा मे घायल हुए छात्रों से मिलने को लेकर बीजेपी के अलग-अलग नेता उनपर लगातार निशाना साध रहे हैं. कुछ नेताओं ने तो उनकी फिल्म का बहिष्कार तक करने की भी अपील की है. लेकिन इन तमाम विरोध के बीच अब मोदी सरकार के मंत्री प्रकाश जावडे़कर ने दीपिका पादुकोण का समर्थन किया है. उन्होंने एक बयान जारी कर कहा कि इस देश में किसी को भी अपने मन से कहीं भी जाने का अधिकार है. इसलिए इसे लेकर कोई रोकटोक नहीं होनी चाहिए. बता दें कि कई बीजेपी के कई नेताओं ने तो दीपिका के जेएनयू जाने पर उन्हें टुकड़े टुकड़े गैंग का सदस्य भी बताना शुरू कर दिया था. बीजेपी नेता तेजेंद्र बग्गा ने दीपिका पादुकोण को लेकर एक ट्वीट किया और अपील की लोग इनकी फिल्म का बहिष्कार करें क्योंकि टुकड़े टुकड़े गैंग के प्रति अपना समर्थन दिखाने गई थीं.
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बता दें कि इस मुद्दे को लेकर कांग्रेस ने दीपिका पादुकोण का समर्थन किया है. कांग्रेस ने बीजेपी की टिप्पणी पर जवाब देते हुए कहा कि तो क्या दीपिका को जेएनयू की जगह नागपुर जाना चाहिए. कांग्रेस प्रवक्ता पवन खेरा ने बीजेपी पर निशाना साधते हुए कहा कि यह बताता है कि यह सरकार कैसी है. बीजेपी वाले इस स्तर तक गिर चुके हैं कि अगर अब बॉलीवुड एक्टर अगर जेएनयू जाएं तो ये उनके खिलाफ ट्वीट करेंगे और उनकी फिल्म का बहिष्कार करेंगे. तो क्या उन्हें अपनी फिल्म की प्रमोशन के लिए जेएनयू की जगह नागपुर में संघ मुख्यालय जाना चाहिए.
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कांग्रेस प्रवक्ता खेरा ने देश के युवाओं के मुद्दों की अनदेखी करने के लिए पीएम मोदी और गृहमंत्री अमित शाह की आलोचना की है. हमें उम्मीद थी कि पीएम मोदी और अमित शाह जेएनयू जाएंगे और वहां छात्रों से मिलकर उनकी बात सुनेंगे, लेकिन बीजेपी दीपिका पादुकोण की आलोचना करने में ही लगी रही.
बता दें कि जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (JNU) में रविवार को हुई हिंसा के खिलाफ वाम छात्रों ने आज कैंपस में प्रदर्शन बुलाया. इस दौरान छात्रों ने कैंपस में हुई हिंसा की कड़े शब्दों में निंदा की. इस प्रदर्शन में बॉलीवुड अभिनेत्रा दीपिका पादुकोण भी शामिल हुईं. वह घायल छात्रोें के साथ प्रदर्शन स्थल पर खड़ी दिखीं. हालांकि उन्होंने इस दौरान कोई संबोधन नहीं दिया. इस मौके पर सीपीआई नेता कन्हैया कुमार भी कैंपस में मौजूद थे. दीपिका पादुकोण के करीबियों से मिली जानकारी के अनुसार दीपिका शाम साढ़े सात बजे कैंपस पहुंचीं थी. वह प्रदर्शन में शामिल हुईं और वहां से वापस आने से पहले उन्होंने कुछ वाम छात्र संगठनों के सदस्यों से बात भी की.
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बता दें कि इस हिंसा को लेकर जेएनयू के वाइस चांसलर जगदेश कुमार पहली बार सामने आए हैं. उन्होंने कहा है कि घायल छात्रों से हमारी पूरी हमदर्दी, हम नई शुरुआत करें. इसके साथ ही उन्होंने कहा कि अब सर्वर काम कर रहे हैं, रजिस्ट्रेशन शुरू हो चुके हैं. वीसी ने कहा, 'हम उम्मीद करते हैं कि जितने भी छात्र हिंसा में जख्मी हुई हैं. वे जल्द स्वस्थ होंगे और सामान्य जिंदगी जिएंगे. जो भी हुआ वह बहुत दुर्भाग्यपूर्ण था. हमारा कैम्पस हर मुद्दों पर चर्चा और बहस के लिए जाना चाता है. हिंसा कोई समाधान नहीं है. हम लोग हर एक विकल्प देख रहे हैं, जिससे कैम्पस में स्थिति सामान्य हो.'
वहीं, दिल्ली पुलिस ने रविवार शाम जवाहर लाल नेहरू यूनिवर्सिटी में हुई हिंसा से एक दिन पहले यूनिवर्सिटी के सर्वर रूम में कथित रूप में तोड़फोड़ करने के मामले में जेएनयू छात्रसंघ अध्यक्ष आयशी घोष और 19 अन्य लोगों के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है. 1 जनवरी के मामले में भी एक एफआईआर दर्ज की गई है. दोनों मामलों में ही आयशी घोष के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई है. ये दोनों एफआईआर जेएनयू प्रशासन की तरफ से दर्ज कराई गई थी. जेएनयू में हुई हिंसा में कुछ छात्रों और शिक्षकों समेत 34 लोग जख्मी हुए हैं. इस हिंसा में आयशी घोष को सिर में चोट आई थी.
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दक्षिण पश्चिम दिल्ली के डीसीपी देवेंद्र आर्या ने एनडीटीवी से बात करते हुए कहा कि 'हमें पहली शिकायत 3 जनवरी को और दूसरी 4 जनवरी को मिली. शिकायतों को जांचा गया. उसके बाद हमने 5 तारीख को एक साथ केस दर्ज किए. जेएनयू की तरफ से जो शिकायत दी गयी थी और शिकायत में जो नाम दिए गए थे उनके खिलाफ ही केस दर्ज हुए हैं. कोई पक्षपातपूर्ण कार्रवाई नहीं हुई है.'
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