Ujjain:
एक माह तक चलने वाले सिंहस्थ कुंभ मेले के तीसरे एवं अंतिम ‘शाही स्नान’का आज तड़के शुभारंभ हो गया। विभिन्न अखाड़ों के नगा साधुओं ने हर..हर महादेव के घोष के साथ पवित्र क्षिप्रा नदी में स्नान करके इसकी शुरूआत की। इस अवसर पर पवित्र स्नान करने के लिए देश के कई हिस्सों से जन सैलाब उमड़ पड़ा है। उज्जैन की सभी सड़कें श्रद्धालुओं से पटी पड़ी हैं और पवित्र स्नान के उद्देश्य से क्षिप्रा नदी के तट पर पहुंचने के लिए श्रद्धालुओं में होड़ मची है। एक माह लंबे चले इस सिंहस्थ कुंभ का आज आखिरी दिन है।
पवित्र स्नान के लिए रामघाट को सजाया गया है, जहां जूना, अग्नि और आह्वान अखाड़ों के नगा साधु अपने..अपने ध्वज, ईष्टों एवं पारंपरिक प्रतीकों के साथ तड़के से ही शाही स्नान कर रहे हैं। लोग देश में 12 ज्योतिर्लिंगों में से एक भगवान महाकाल के दर्शन कर रहे हैं।
मध्यप्रदेश के उज्जैन में चल रहे शताब्दी के दूसरे सिंहस्थ कुंभ में आज वैशाख शुक्ल पूर्णिमा पर लाखों श्रद्धालु क्षिप्रा में अंतिम शाही स्नान का लाभ लेंगे है। यही कारण है कि आज इस विशेष महूर्त पर भारी संख्या में श्रद्धालु स्नान करने का अवसर का लाभ उठाना चाहेंगे। उज्जैन में प्रति बारहवें वर्ष पड़ने वाले सिंहस्थ महाकुम्भ में शिप्रा-स्नान का महत्व पहले से ही विशेष माना जाता रहा है। इसके साथ वैशाख शुक्ल पूर्णिमा का सहयोग लोगों के लिए आकर्षण बना दे रहा है।
पवित्र स्नान के लिए रामघाट को सजाया गया है, जहां जूना, अग्नि और आह्वान अखाड़ों के नगा साधु अपने..अपने ध्वज, ईष्टों एवं पारंपरिक प्रतीकों के साथ तड़के से ही शाही स्नान कर रहे हैं। लोग देश में 12 ज्योतिर्लिंगों में से एक भगवान महाकाल के दर्शन कर रहे हैं।
मध्यप्रदेश के उज्जैन में चल रहे शताब्दी के दूसरे सिंहस्थ कुंभ में आज वैशाख शुक्ल पूर्णिमा पर लाखों श्रद्धालु क्षिप्रा में अंतिम शाही स्नान का लाभ लेंगे है। यही कारण है कि आज इस विशेष महूर्त पर भारी संख्या में श्रद्धालु स्नान करने का अवसर का लाभ उठाना चाहेंगे। उज्जैन में प्रति बारहवें वर्ष पड़ने वाले सिंहस्थ महाकुम्भ में शिप्रा-स्नान का महत्व पहले से ही विशेष माना जाता रहा है। इसके साथ वैशाख शुक्ल पूर्णिमा का सहयोग लोगों के लिए आकर्षण बना दे रहा है।
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