दिल्ली पुलिस (Delhi Police) ने एक ऐसे गैंग को पकड़ा है जो ऑनलाइन शराब बेचने के नाम पर पिछले 1 साल से लोगों से ठगी कर रहे थे. लॉकडाउन में जब शराब की बहुत ज्यादा डिमांड थी तब इस गैंग ने ज्यादा से ज्यादा लोगों को निशाना बनाया और 1500 से ज्यादा लोगों से लाखों की ठगी कर ली.
दक्षिणी पूर्वी दिल्ली के डीसीपी आरपी मीणा के मुताबिक 24 जुलाई को न्यू फ्रेंड्स कॉलोनी इलाके में रहने वाले करण पालता नाम के शख्स ने शिकायत की कि 25 मई को जब उन्होंने फेसबुक पर ऑनलाइन शराब की बिक्री का विज्ञापन देखा. उसमें जो कॉन्टैक्ट नम्बर था उस पर उन्होंने बात की और 2 बोतल शराब के लिए बताए गए पेटीएम नम्बर पर 4000 रुपये भेज दिए.
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जब शराब नहीं आई तो करण ने अपने पैसे वापस करने के लिए कहा. इस पर उन्हें एक यूपीआई लिंक भेजा गया और कहा गया कि क्यूआर कोड को स्कैन करें जिससे उनका पैसा वापस आ जायेगा. करण ने जैसे ही क्यूआर कोड स्कैन किया उनके खाते से 20 हज़ार कट गए.
करण की शिकायत पर साइबर सेल ने जांच शुरू की. जांच में पता चला कि पेटीएम से पैसा साकेत के एक बैंक में ट्रांसफर हुआ है. इसके बाद अकाउंट होल्डर हुजैफा को पकड़ा गया. उसके अकाउंट में करीब 35 लाख रुपये मिले. ये भी पता चला कि उसके अलग-अलग बैंको में कई अकाउंट हैं.
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हुजैफा ने पुलिस की पूछताछ में बताया कि उसके गैंग का लीडर राजस्थान के भरतपुर का नसीर है जो उसके अकाउंट में डिजिटल वॉलेट के जरिये पैसा जमा करता है और फिर उसके बदले कैश लेता है. हुजैफा ने बताया कि नसीर से परिचय हाफ़िज़ तुफैल ने कराया था, जो कि लाडो सराय के एक मदरसे में तालीम देता है.
उसके बाद पुलिस ने हाफ़िज़ तुफैल को भी गिरफ्तार कर लिया. हाफ़िज़ तुफैल ने बताया कि नसीर उसका रिश्तेदार है जो डिजिटल वॉलेट से उसके अकाउंट में पैसा भेजता है और फिर कैश ले लेता है. नसीर इसके बदले उसे कमीशन देता है. इस मामले में पुलिस नसीर की तलाश कर रही है जो इसी तरीके से 1500 से ज्यादा लोगों को ऑनलाइन शराब बेचने के नाम पर ठग चुका है.
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