प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) ने कोरोनावायरस (Coronavirus) और लॉकडाउन (Lockdown) की वजह से दिक्कतों का सामना कर रहे किसानों, मजदूरों और छोटी कारोबारियों के लिए 20 लाख करोड़ रुपये के विशेष पैकेज की मंगलवार को घोषणा की. उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ से 500 किलोमीटर साइकिल चलाकर छत्तीसगढ़ अपने गांव जाने की कोशिश कर रही एक प्रवासी मजदूर से जब इस पैकेज को लेकर सवाल किया गया तो उन्होंने कहा कि इस भारी-भरकम ऐलान से बहुत कम खुशी हुई है.
अपने पति के साथ दिहाड़ी मजदूरी का काम करने वाली लक्ष्मी साहू ने यह भी कहा कि उसके लिए सुरक्षित घर पहुंचना ज्यादा जरूरी है. पत्रकारों ने पीएम मोदी के भाषण पर उनकी प्रतिक्रिया मांगी, जिस पर उन्होंने कहा, "जब कोई काम नहीं है तो खुश होने के लिए क्या है? मैं एक दिहाड़ी मजदूर हूं और कोई रोजगार नहीं है... मैं क्या खाऊंगी? इससे अच्छा है कि मैं अपने घर लौट जाऊं और खेतों में काम करूं."
लक्ष्मी साहु, उनके पति और बेटे ने मंगलवार रात को लखनऊ से साइकिल और पैदल अपना सफर शुरू किया और 70 किलोमीटर की दूरी तय करके रायबरेली पहुंचे.
प्रधानमंत्री के पैकेज से मिलने वाले लाभ के बारे में एक पत्रकार द्वारा बार-बार सवाल करने पर लक्ष्मी ने कहा, "क्या लाभ हुआ? हम जहां रह रहे थे वहां हमें राशन भी नहीं मिला, मैं तीन दुकानों में गई. सब ने मेरे आधार कार्ड के बारे में पूछा लेकिन राशन किसी ने नहीं दिया. इससे तो अच्छा होता है कि वे हमारे घर जाने के लिए बसों का इंतज़ाम कर देते हैं. कम से कम हम यह तो कह सकते थे कि सरकार को हमारी परवाह है."
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