चेन्नई:
मौसम विभाग ने चेन्नई में बाढ़ आने का खतरा पैदा कर सकने लायक मूसलाधार बारिश आने की आशंका इसी साल मध्य अक्टूबर माह में ही जता दी थी। भारतीय मौसम विभाग (आईएमडी) ने 16 अक्टूबर को साल की आखिरी तिमाही के 'काफी गीला' (very wet) रहने (काफी बारिश होने) की भविष्यवाणी करते हुए कहा था, इस बार मौसमी बरसात तमिलनाडु की दीर्घावधि औसत (43.82 सेंटीमीटर) के 112 प्रतिशत से भी ज़्यादा होने की संभावना है।
(चेन्नई में बारिश ने तोड़ा 100 साल का रिकॉर्ड; ये तस्वीरें देखें)
वैसे, सामान्य से 10 प्रतिशत अधिक बरसात की भविष्यवाणी भी बाढ़ की चेतावनी मानी जाती है। उत्तर-पूर्व मानसून सत्र 2015 के लिए संभावना लगभग एक महीना पहले जारी कर दी गई थी, लेकिन चेन्नई और आसपास के इलाकों में हुई रिकॉर्डतोड़ बारिश के बाद हालात से पता चलता है कि स्थानीय प्रशासन इसके लिए कतई तैयार नहीं था।
(बाढ़ से जूझते चेन्नई के लिए केंद्र सरकार ने दी 1,000 करोड़ रुपये की तत्काल मदद)
आईएमडी के महानिदेशक एलएस राठौर ने इस बात की पुष्टि की कि उनके विभाग ने बाढ़ लाने लायक भारी बारिश की चेतावनी जारी की थी, और यह भी कहा, "मैं सिर्फ मौसमविज्ञानी हूं, टाउन प्लानर नहीं..." उन्होंने बताया कि पूरा इलाका बारिश के पानी से भर गया है, और सभी तरफ से पानी नदियों में जा रहा है, और आखिरकार समुद्र में मिल रहा है, जिसकी वजह से बाढ़ आई हुई है।
(PICS : चेन्नई में बारिश का कहर : घर घर से मिल रही है राहत, घर घर में मची है आफत)
विशेषज्ञों का कहना है कि टाउन प्लानरों को ऐसी भविष्यवाणियों के बाद नालों से गाद की सफाई, बरसाती नालों की सफाई जैसे काम तुरंत कर लेने चाहिए और सुनिश्चित करना चाहिए कि ऐसी जगहों पर किसी भी तरह का अतिक्रमण न होने पाए, तथा हर खतरे के लिए पहले से योजना और पूरी आपूर्ति की व्यवस्था तैयार हो।
चेन्नई की बाढ़ का सबसे खतरनाक दिन 1 दिसंबर रहा, जब शहर में पांच सेंटीमीटर बारिश हुई, जो सामान्य से पांच गुना अधिक है। किसी एक दिन में सबसे ज़्यादा बरसात (45.2 सेंटीमीटर) चेन्नई में 25 नवंबर, 1976 को हुई थी, लेकिन उस वक्त बाढ़ नहीं आई थी, क्योंकि बाढ़ आने लायक जगहों पर तब इतना ज़्यादा निर्माण नहीं हुआ था, और तब शहर की धरती ने प्राकृतिक रूप से पानी को भीतर सोख लिया था।
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वैसे, सामान्य से 10 प्रतिशत अधिक बरसात की भविष्यवाणी भी बाढ़ की चेतावनी मानी जाती है। उत्तर-पूर्व मानसून सत्र 2015 के लिए संभावना लगभग एक महीना पहले जारी कर दी गई थी, लेकिन चेन्नई और आसपास के इलाकों में हुई रिकॉर्डतोड़ बारिश के बाद हालात से पता चलता है कि स्थानीय प्रशासन इसके लिए कतई तैयार नहीं था।
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आईएमडी के महानिदेशक एलएस राठौर ने इस बात की पुष्टि की कि उनके विभाग ने बाढ़ लाने लायक भारी बारिश की चेतावनी जारी की थी, और यह भी कहा, "मैं सिर्फ मौसमविज्ञानी हूं, टाउन प्लानर नहीं..." उन्होंने बताया कि पूरा इलाका बारिश के पानी से भर गया है, और सभी तरफ से पानी नदियों में जा रहा है, और आखिरकार समुद्र में मिल रहा है, जिसकी वजह से बाढ़ आई हुई है।
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विशेषज्ञों का कहना है कि टाउन प्लानरों को ऐसी भविष्यवाणियों के बाद नालों से गाद की सफाई, बरसाती नालों की सफाई जैसे काम तुरंत कर लेने चाहिए और सुनिश्चित करना चाहिए कि ऐसी जगहों पर किसी भी तरह का अतिक्रमण न होने पाए, तथा हर खतरे के लिए पहले से योजना और पूरी आपूर्ति की व्यवस्था तैयार हो।
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