मानसिक तौर पर बीमार दो महिलाएं सालों पहले नेपाल (Nepal) पहुंच गई थीं. भारत में घरवाले उन्हें तलाश करके थक चुके थे, लेकिन चमत्कार देखिये कि एक एनजीओ (NGO) और हरियाणा पुलिस स्टेट क्राइम ब्रांच (Haryana Police State Crime Branch) की टीम की मदद से 12 साल बाद महिलाएं भारत लौट आई हैं और उनके घरवाले भी मिल गए हैं. 60 साल की लीलावती 8 साल बाद और 32 साल की एतवरिया 12 साल बाद नेपाल से लौटी हैं. दोनों मानसिक तौर पर बीमार हैं और अपने घर से गुमशुदा होने के बाद नेपाल पहुंच गई थीं.
इतने सालों बाद लीलावती जब अपने बेटे से मिलीं तो उसे पहचान गई. मां बेटे दोनों के लिए ये लम्हा भावुक था. यूपी के बरेली की रहने वाली लीलावती के बेटे का कहना है कि काफी खोजबीन के बाद जब मां नहीं मिली तो उसे लगा कि मां अब इस दुनिया में नहीं है.
32 साल की एतवरिया झारखण्ड की रहने वाली हैं और वो 4 मई को घर से निकलीं थीं और फिर नेपाल पहुंच गई थीं. भारत लौटकर जब वो अपने परिवार से मिलीं तो उनकी खुशी का ठिकाना नहीं था.
भारत से नेपाल पहुंचकर जब ये महिलाएं वहां लावारिश हालात में घूमती हुई मिलीं तो इन्हें काठमांडू के मंगला साहना आश्रम में भेज दिया गया. महिलाओं को घर परिवार के बारे में कुछ भी याद नहीं था, लेकिन बीते साल जब दोनों महिलाओं ने अपने गांव के नाम बताए जो नेपाल के किन एनजीओ ने विदेश मंत्रालय और भारतीय दूतावास की मदद से इनके परिवारवालों का पता लगाने की मुहिम शुरू की.
नेपाल के किन एनजीओ से जुड़े लोगों ने हरियाणा स्टेट क्राइम ब्रांच के अधिकारी राजेश कुमार से महिलाओं के घरवालों को खोजने के लिए मदद मांगी. राजेश लंबे समय से ह्यूमन ट्रैफिकिंग के मामलों की जांच से जुड़े हैं. उन्होंने महिलाओं के गांव के नाम गूगल पर डाले और फिर घरवालों को खोजा. वीडियो कॉल पर महिलाओं के घरवालों से बात कराई गई और आखिरकार महिलाएं अपनों से मिल सकीं. दोनों महिलाएं और उनके परिवार बेहद खुश हैं और मदद करने वालों का शुक्रिया अदा कर रहे हैं.
- - ये भी पढ़ें - -
* "योग की उत्पत्ति नेपाल में हुई, भारत तो तब अस्तित्व में ही नहीं था": नेपाल के पीएम ओली का एक और विवादित बयान
* बिहार : नेपाल बॉर्डर पर कार से मिले 8 कैमरा ड्रोन, 3 लोग गिरफ्तार
NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं