मोदी सरकार ने तीन तलाक बिल (Triple Talaq Bill) को लोकसभा के बाद राज्यसभा से भी पास करवा लिया. विपक्ष के कड़े ऐतराज और बिल को सेलेक्ट कमेटी में भेजने की मांग के बीच राज्यसभा में तीन तलाक बिल (Triple Talaq Bill) के समर्थन में 99, जबकि विरोध में 84 वोट पड़े. तीन तलाब बिल पास होने के बाद पीएम मोदी ने जहां इसे 'पूरे देश के ऐतिहासिक दिन और करोड़ों मुस्लिम माताओं-बहनों की जीत बताई, वहीं, कांग्रेस ने इस पर कड़ा ऐतराज जताता. बिल पास होने के बाद तो ट्विटर पर नेशनल कॉफ्रेंस के नेता और जम्मू कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला और पीडीपी प्रमुख महबूबा मुफ्ती आपस में भिड़ गए.
Fail to understand the need to pass the triple talaq bill especially since the Supreme Court had already declared it illegal. Undue interference seemingly to punish Muslims. Given the current state of the economy, should this really have been a priority?
— Mehbooba Mufti (@MehboobaMufti) July 30, 2019
राज्यसभा में तीन तलाक बिल पास होने के बाद जम्मू कश्मीर की पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती (Mehbooba Mufti) ने ट्वीट किया, 'तीन तलाक बिल को पास कराने की जरूरत को समझ नहीं पा रही हू, क्योंकि सुप्रीम कोर्ट पहले ही इसे अवैध करार दे चुका था. मुस्लिम समुदाय को दंडित करने के लिए यह अनावश्यक का हस्तक्षेप है.'
Mehbooba Mufti ji, you might want to check how your members voted on this bill before tweeting. I understand they abstained which helped the government with the numbers needed to pass the bill. You can't help the government & then “fail to understand need to pass”! https://t.co/Z0Ma5ST5ko
— Omar Abdullah (@OmarAbdullah) July 30, 2019
महबूबा मुफ्ती के इस ट्वीट को शेयर करते हुए उमर अब्दुल्ला (Omar abdullah) उनपर निशाना साधा पूछा- 'महबूबा मुफ्ती जी, आपको यह चेक करना चाहिए था कि इस ट्वीट से पहले आपके सदस्यों ने कैसे वोट किया? मुझे लगता है कि उन्होंने सदन में अनुपस्थित रहकर सरकार की मदद की, क्योंकि बिल पास कराने के लिए उन्हें सदन में नंबर चाहिए थे.'
Omar sahab, I suggest you get off your moral high horse since it was your own party that expelled Soz sahab for voting against the BJP in 1999. FYI in parliament, abstention is essentially a no vote. https://t.co/zBVGboDKbX
— Mehbooba Mufti (@MehboobaMufti) July 30, 2019
उमर अब्दुल्ला (Omar abdullah) की इस टिप्पणी के बाद महबूबा मुफ्ती (Mehbooba Mufti) ने भी पलटवार करने में देर नहीं लगाई. उन्होंने ट्वीट करते हुए लिखा, उमर साहब आपको यह शोभा नहीं देता, क्योंकि आपकी अपनी ही पार्टी थी, जिसने 1999 में बीजेपी के खिलाफ मतदान करने के लिए सोज साहब को पार्टी से निष्कासित कर दिया था.
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बता दें कि इससे पहले पीडीपी ने यह घोषणा की थी कि वह तीन तलाक बिल पर सरकार का समर्थन नहीं करेगा. पीडीपी अध्यक्ष महबूबा मुफ्ती ने कहा था कि उनकी पार्टी तीन तलाक विधेयक पर केंद्र में भाजपा के नेतृत्व वाली सरकार का राज्यसभा में समर्थन नहीं करेगी. मुफ्ती ने जोर देकर कहा कि उनकी पार्टी तीन तलाक विधेयक के खिलाफ है. उन्होंने कहा था कि पीडीपी सांसद राज्यसभा में तीन तलाक विधेयक का विरोध करेंगे. बता दें कि राज्यसभा में तीन तलाक बिल पर वोटिंग के दौरान पीडीपी सांसदों ने इसमें हिस्सा नहीं लिया.
लोकसभा के बाद राज्यसभा में भी तीन तलाक बिल पास, सरकार ने 'ऐतिहासिक दिन' बताया
VIDEO: राज्यसभा में पास हुआ तीन तलाक बिल
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