
यह जनहित याचिका वकील मनोहर लाल शर्मा ने दायर की थी.
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सुप्रीम कोर्ट ने कहा- पहले से हैं ऐसे प्रावधान
हम किसी को आदेश नहीं जारी करेंगे- सुप्रीम कोर्ट
वकील मनोहर लाल शर्मा ने दायर की थी याचिका.
याचिका में कहा गया था कि #metoo के जितने भी मामले आए हैं, उनमें CrpC की धारा 154 के तहत संज्ञान लेकर FIR दर्ज की जाए और मामले की जांच कर दोषी को सजा दी जाए . इसके साथ ही कहा गया था कि ऐसे मामलों में आरोपी के खिलाफ रेप या छेडछाड़ जैसी धाराएं लगाई जाएं. सुप्रीम कोर्ट से मांग की गई थी कि केंद्र सरकार को निर्देश दिए जाएं कि यौन उत्पीडन के मामलों के ट्रायल के लिए स्पेशल फास्ट ट्रैक कोर्ट बनें. इसके साथ ही राष्ट्रीय महिला अधिकार आयोग ऐसी पीडिताओं को वित्तीय, कानूनी सहायता और सुरक्षा के साथ-साथ उनकी पहचान को छिपाने के लिए कदम उठाने की मांग की गई थी. यह जनहित याचिका वकील मनोहर लाल शर्मा ने दायर की थी.
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बता दें, हाल ही में मीटू कैम्पेन चलाया गया था. इस कैम्पेन के तहत महिलाओं ने कई बॉलीवुड सेलेब्स, पत्रकार सहित कई बड़े दिग्गज लोगों पर यौन शोषण का आरोप लगाया है. यौन उत्पीड़न के आरोप लगने के बाद विदेश राज्य मंत्री एमजे अकबर को अपने पद से इस्तीफा देना पड़ा था. इसके बाद एमजे अकबर ने आरोप लगाने वाली महिलाओं के खिलाफ कोर्ट भी पहुंचे हैं.
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