उत्तर प्रदेश के मेरठ जिले के झिंझापुर गांव के 50 वर्षीय एक गन्ना किसान ने कथित तौर पर खुदकुशी कर ली। परिजनों का कहना है कि मृतक किसान एक चीनी मिल द्वारा गन्ने का बकाया भुगतान नहीं दिए जाने और भारी कर्ज होने से परेशान चल रहा था।
थाना फलावदा पुलिस प्रभारी अब्दुल वसीम खान के अनुसार वीरपाल (50) ने गांव में एक पेड़ से लटककर खुदकुशी कर ली।
राष्ट्रीय लोकदल के पश्चिमी उत्तर प्रदेश प्रभारी राज कुमार सांगवान ने एक सप्ताह के अंदर दो किसानों की मौत के लिए प्रदेश सरकार को जिम्मेदार ठहराते हुए 4 अप्रैल को मेरठ आ रहे मुख्यमंत्री को काले झंडे दिखाने की चेतावनी दी है।
थाना प्रभारी ने कहा कि वीरपाल का शव पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया गया है और मामले की जांच जारी है।
जिलाधिकारी के निर्देश पर घटना की जांच कर रहे मवाना के उपजिलाधिकारी अरविंद कुमार ने गुरुवार को बातचीत में इस बात से इंकार किया कि वीरपाल की मौत गन्ना बकाया भुगतान नहीं होने से हुई है। उन्होंने बताया कि जांच में पता चला है कि कुल मिला कर वीरपाल का करीब दो-ढाई हजार रुपये गन्ने का बकाया था।
उन्होंने बताया कि वीरपाल की पत्नी कैंसर से पीड़ित थी जिसके उपचार के लिए उसने गैर-सरकारी संस्थाओं और लोगों से करीब दो लाख रुपये कर्जा ले रखा था। करीब दो माह पहले पत्नी की मौत के बाद वीरपाल टूट गया था।
इससे पहले राकेश बंसल (55) नामक किसान ने 27 मार्च को आर्थिक तंगी के चलते खुदकुशी कर ली थी।
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