नई दिल्ली:
भले ही वह दिल्ली में पुलिस व्यवस्था को बेहतर करने की ज़रूरत का बखान करने के लिए बनाए गए अरविंद केजरीवाल सरकार के 'महंगे' विज्ञापनों का चेहरा रही हो, लेकिन पिछले माह राजधानी की एक सड़क पर बेरहमी से कत्ल कर दी गई 19-वर्षीय मीनाक्षी के परिजनों का कहना है कि उन्हें अब तक उन पांच लाख रुपयों का इतज़ार है, जो मुख्यमंत्री ने मुआवजे के तौर पर उन्हें देने का वादा किया था।
हालांकि, दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने परिजनों को बताया है कि "मुआवजे का चेक उन्हें सौंपे जाने की प्रक्रिया में है..." और अधिकारियों ने भी बुधवार को NDTV को बताया कि मुख्यमंत्री राहत कोष से राशि रिलीज़ कर दी गई है, लेकिन उस मुआवजे का परिजनों तक पहुंचना अब भी बाकी है, जो सोमवार को दिल्ली विधानसभा में दिखाई दिए थे, जब केजरीवाल सरकार ने मीनाक्षी की हत्या तथा महिलाओं के विरुद्ध अपराधों से निपटने के लिए एक आयोग बनाए जाने की ज़रूरत पर चर्चा करने के लिए विशेष सत्र बुलाया था।
उस वक्त मीनाक्षी की मां उषा ने पत्रकारों से बातचीत में कहा था, "हमें अब तक वे पांच लाख रुपये नहीं मिले हैं, जिनकी घोषणा मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने हमारी बेटी की हत्या के बाद हमारे घर आने पर की थी..." मीनाक्षी के पिता राजकुमार ने भी NDTV को बताया कि सरकार की ओर से भी कोई उनसे मिलने नहीं आया।
माता-पिता ने बताया कि उन्हें शुरू में विधनसभा परिसर में प्रवेश नहीं करने दिया गया था, लेकिन बाद में उन्हें दर्शक दीर्घा (visitors' gallery) में बैठकर कार्यवाही देखने की अनुमति दे दी गई। उषा ने कहा, "हम यहां इसलिए आए, क्योंकि हमसे कहा गया था कि हमारी शिकायत यहां हल कर दी जाएगी..."
मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल 19 जुलाई को मीनाक्षी के घर पहुंचे थे, जब उसकी नृशंस हत्या को तीन दिन ही बीते थे। दरअसल, मीनाक्षी को पश्चिमी दिल्ली के एक इलाके में सड़क पर ही चाकू से गोदकर इसलिए मार डाला गया था, क्योंकि कथित रूप से उसने एक व्यक्ति के खिलाफ छेड़खानी करने की शिकायत दर्ज कराई थी।
अरविंद केजरीवाल सरकार ने मीनाक्षी की हत्या को इस मांग का आधार बनाया था कि दिल्ली पुलिस उनके अधिकार में सौंप दी जानी चाहिए, जबकि फिलहाल दिल्ली पुलिस केंद्र सरकार के प्रति उत्तरदायी होती है। केजरीवाल ने दिल्ली पुलिस को ऐसी ताकत बताया था, जो किसी के प्रति जवाबदेह नहीं है।
इसके बाद पिछले सप्ताह कोर्ट ने दिल्ली सरकार को उसके बड़े विज्ञापन अभियान के लिए फटकार लगाई थी, जिनमें से एक इसी हत्या पर आधारित था। इसके बाद आम आदमी पार्टी (आप) ने कोर्ट को जानकारी दी कि उन विज्ञापनों का खर्च 'आप' ने उठाया था। दिलचस्प तथ्य यह है कि हाल ही में अरविंद केजरीवाल ने खुद कहा था कि पार्टी के पास धन का कतई अभाव है।
कांग्रेस नेता अजय माकन ने एक याचिका में कहा कि केजरीवाल सरकार ने सिर्फ दो महीनों में करदाताओं की रकम में से 22 करोड़ रुपये खर्च कर डाले हैं।
हालांकि, दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने परिजनों को बताया है कि "मुआवजे का चेक उन्हें सौंपे जाने की प्रक्रिया में है..." और अधिकारियों ने भी बुधवार को NDTV को बताया कि मुख्यमंत्री राहत कोष से राशि रिलीज़ कर दी गई है, लेकिन उस मुआवजे का परिजनों तक पहुंचना अब भी बाकी है, जो सोमवार को दिल्ली विधानसभा में दिखाई दिए थे, जब केजरीवाल सरकार ने मीनाक्षी की हत्या तथा महिलाओं के विरुद्ध अपराधों से निपटने के लिए एक आयोग बनाए जाने की ज़रूरत पर चर्चा करने के लिए विशेष सत्र बुलाया था।
उस वक्त मीनाक्षी की मां उषा ने पत्रकारों से बातचीत में कहा था, "हमें अब तक वे पांच लाख रुपये नहीं मिले हैं, जिनकी घोषणा मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने हमारी बेटी की हत्या के बाद हमारे घर आने पर की थी..." मीनाक्षी के पिता राजकुमार ने भी NDTV को बताया कि सरकार की ओर से भी कोई उनसे मिलने नहीं आया।
माता-पिता ने बताया कि उन्हें शुरू में विधनसभा परिसर में प्रवेश नहीं करने दिया गया था, लेकिन बाद में उन्हें दर्शक दीर्घा (visitors' gallery) में बैठकर कार्यवाही देखने की अनुमति दे दी गई। उषा ने कहा, "हम यहां इसलिए आए, क्योंकि हमसे कहा गया था कि हमारी शिकायत यहां हल कर दी जाएगी..."
मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल 19 जुलाई को मीनाक्षी के घर पहुंचे थे, जब उसकी नृशंस हत्या को तीन दिन ही बीते थे। दरअसल, मीनाक्षी को पश्चिमी दिल्ली के एक इलाके में सड़क पर ही चाकू से गोदकर इसलिए मार डाला गया था, क्योंकि कथित रूप से उसने एक व्यक्ति के खिलाफ छेड़खानी करने की शिकायत दर्ज कराई थी।
अरविंद केजरीवाल सरकार ने मीनाक्षी की हत्या को इस मांग का आधार बनाया था कि दिल्ली पुलिस उनके अधिकार में सौंप दी जानी चाहिए, जबकि फिलहाल दिल्ली पुलिस केंद्र सरकार के प्रति उत्तरदायी होती है। केजरीवाल ने दिल्ली पुलिस को ऐसी ताकत बताया था, जो किसी के प्रति जवाबदेह नहीं है।
इसके बाद पिछले सप्ताह कोर्ट ने दिल्ली सरकार को उसके बड़े विज्ञापन अभियान के लिए फटकार लगाई थी, जिनमें से एक इसी हत्या पर आधारित था। इसके बाद आम आदमी पार्टी (आप) ने कोर्ट को जानकारी दी कि उन विज्ञापनों का खर्च 'आप' ने उठाया था। दिलचस्प तथ्य यह है कि हाल ही में अरविंद केजरीवाल ने खुद कहा था कि पार्टी के पास धन का कतई अभाव है।
कांग्रेस नेता अजय माकन ने एक याचिका में कहा कि केजरीवाल सरकार ने सिर्फ दो महीनों में करदाताओं की रकम में से 22 करोड़ रुपये खर्च कर डाले हैं।
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