नई दिल्ली:
भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने मंगलवार को एक बार फिर दिल्ली नगर निगम (एमसीडी) चुनावों में अपनी जीत का परचम लहराया। पार्टी ने कुल 272 वार्डों में से 138 सीटों पर जीत दर्ज की जबकि कांग्रेस के खाते में 78 सीटें आईं।
जीत से उत्साहित भाजपा ने कहा कि एमसीडी चुनाव नतीजे आगामी विधानसभा एवं लोकसभा चुनावों से पहले बानगी हैं। जबकि कांग्रेस ने कहा कि लोगों ने महंगाई एवं भ्रष्टाचार जैसे राष्ट्रीय मुद्दों पर मतदान किया।
परिणाम आने के साथ ही भाजपा नेताओं ने कहा कि भ्रष्टाचार एवं महंगाई ने मतदाताओं को ज्यादा प्रभावित किया है। इन दो मुद्दों के आगे स्थानीय मसले गौण हो गए।
बहुजन समाज पार्टी (बसपा) को 15 सीटों, राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (रांकापा) एवं समाजवादी पार्टी (सपा) प्रत्येक को दो सीटों और 24 सीटों पर निर्दलीय उम्मीदवारों को जीत हासिल हुई है।
मुख्यमंत्री शीला दीक्षित के तीसरे कार्यकाल वाली दिल्ली की कांग्रेस सरकार ने हाल ही में दिल्ली नगर-निगम को तीन भागों में बांटा था। राष्ट्रीय राजधानी का 97 प्रतिशत हिस्सा दिल्ली सरकार के अधिकार क्षेत्र में आता है। बचा हुआ तीन प्रतिशत हिस्सा दिल्ली नगर-निगम व दिल्ली छावनी बोर्ड के अधिकार क्षेत्र में आता है।
दिल्ली निकाय में दक्षिणी व उत्तरी निगमों में से प्रत्येक में 104 वार्ड हैं जबकि पूर्वी निगम में 64 वार्ड हैं। कुल 272 सीटों में से 138 महिलाओं के लिए आरक्षित हैं।
उत्तरी निगम के 104 वार्डो में से भाजपा को 59 सीटों पर जीत मिली जबकि कांग्रेस के खाते में मात्र 29 सीटों आईं। यहां बसपा ने सात सीटों पर जीत दर्ज की है और निर्दलीय उम्मीदवारों ने चार सीटों पर जीत हासिल की है।
दक्षिणी निगम के 104 वार्डों में भाजपा को 44 सीटों और कांग्रेस को 30 सीटों पर विजय मिली है। वहीं, पूर्वी दिल्ली के 64 वार्डो में से भाजपा ने 35 सीटों पर जीत दर्ज की है जबकि कांग्रेस के खाते में 19 सीटें आई हैं।
बसपा ने उत्तरी एवं दक्षिणी निगमों में क्रमश: सात एवं पांच सीटों पर जीत दर्ज की है। जबकि पार्टी को पूर्वी निगम में तीन सीटों पर जीत मिली है।
प्रधानमंत्री मनमोनह सिंह ने एमसीडी चुनाव परिणामों पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि चुनावों में कांग्रेस को मिली हार को शिष्टता के साथ स्वीकार किया जाना चाहिए।
मनमोहन सिंह ने एक समारोह से इतर पत्रकारों से कहा, "ये स्थानीय चुनाव हैं जो स्थानीय मुद्दों पर लड़े जाते हैं। प्रत्येक चुनाव में एक विजेता और एक हारने वाला होता है। एक को इसे शिष्टता के साथ स्वीकार करना होता है।"
भाजपा नेताओं ने कहा कि भौगोलिक क्षेत्र के हिसाब से देश के सबसे बड़ी निकाय एजेंसी में मिली जीत ने पार्टी को काफी मजबूती दी है।
भाजपा के अध्यक्ष नितिन गडकरी ने कहा, "एमसीडी के नतीजे अन्य चुनावों को दिशा देंगे। चाहे वह पंजाब, गोवा के विधानसभा चुनाव हों, मुम्बई के निकाय चुनाव हों अथवा दिल्ली के, लोगों का झुकाव भाजपा की ओर हुआ है।"
दिल्ली विधानसभा में भाजपा के विपक्ष के नेता वीके मल्होत्रा ने कहा, "लोग मंहगाई एवं भ्रष्टाचार से त्रस्त हो चुके हैं। एमसीडी नतीजों का दोहराव आगामी विधानसभा एवं लोकसभा चुनावों में देखने को मिलेगा।"
वहीं, मुख्यमंत्री शीला दीक्षित एवं पूर्वी दिल्ली से कांग्रेस सांसद संदीप दीक्षित ने कहा, "लोगों ने भ्रष्टाचार एवं महंगाई जैसे राष्ट्रीय मुद्दों पर मतदान किया।"
एमसीडी चुनावों में कांग्रेस के खराब प्रदर्शन पर पार्टी के ज्यादातर नेता जहां कुछ बोलने से बचते नजर आए। वहीं, पार्टी प्रवक्ता राशिद अल्वी ने कहा, "यह लोगों का निर्णय है जो महत्व रखता है।"
उल्लेखनीय है कि विधानसभा चुनावों में लगातार तीन बार जीत दर्ज कर चुकी शीला दीक्षित सरकार के लिए एमसीडी चुनावों के नतीजे एक बड़े झटके के रूप में सामने आए हैं।
जीत से उत्साहित भाजपा ने कहा कि एमसीडी चुनाव नतीजे आगामी विधानसभा एवं लोकसभा चुनावों से पहले बानगी हैं। जबकि कांग्रेस ने कहा कि लोगों ने महंगाई एवं भ्रष्टाचार जैसे राष्ट्रीय मुद्दों पर मतदान किया।
परिणाम आने के साथ ही भाजपा नेताओं ने कहा कि भ्रष्टाचार एवं महंगाई ने मतदाताओं को ज्यादा प्रभावित किया है। इन दो मुद्दों के आगे स्थानीय मसले गौण हो गए।
बहुजन समाज पार्टी (बसपा) को 15 सीटों, राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (रांकापा) एवं समाजवादी पार्टी (सपा) प्रत्येक को दो सीटों और 24 सीटों पर निर्दलीय उम्मीदवारों को जीत हासिल हुई है।
मुख्यमंत्री शीला दीक्षित के तीसरे कार्यकाल वाली दिल्ली की कांग्रेस सरकार ने हाल ही में दिल्ली नगर-निगम को तीन भागों में बांटा था। राष्ट्रीय राजधानी का 97 प्रतिशत हिस्सा दिल्ली सरकार के अधिकार क्षेत्र में आता है। बचा हुआ तीन प्रतिशत हिस्सा दिल्ली नगर-निगम व दिल्ली छावनी बोर्ड के अधिकार क्षेत्र में आता है।
दिल्ली निकाय में दक्षिणी व उत्तरी निगमों में से प्रत्येक में 104 वार्ड हैं जबकि पूर्वी निगम में 64 वार्ड हैं। कुल 272 सीटों में से 138 महिलाओं के लिए आरक्षित हैं।
उत्तरी निगम के 104 वार्डो में से भाजपा को 59 सीटों पर जीत मिली जबकि कांग्रेस के खाते में मात्र 29 सीटों आईं। यहां बसपा ने सात सीटों पर जीत दर्ज की है और निर्दलीय उम्मीदवारों ने चार सीटों पर जीत हासिल की है।
दक्षिणी निगम के 104 वार्डों में भाजपा को 44 सीटों और कांग्रेस को 30 सीटों पर विजय मिली है। वहीं, पूर्वी दिल्ली के 64 वार्डो में से भाजपा ने 35 सीटों पर जीत दर्ज की है जबकि कांग्रेस के खाते में 19 सीटें आई हैं।
बसपा ने उत्तरी एवं दक्षिणी निगमों में क्रमश: सात एवं पांच सीटों पर जीत दर्ज की है। जबकि पार्टी को पूर्वी निगम में तीन सीटों पर जीत मिली है।
प्रधानमंत्री मनमोनह सिंह ने एमसीडी चुनाव परिणामों पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि चुनावों में कांग्रेस को मिली हार को शिष्टता के साथ स्वीकार किया जाना चाहिए।
मनमोहन सिंह ने एक समारोह से इतर पत्रकारों से कहा, "ये स्थानीय चुनाव हैं जो स्थानीय मुद्दों पर लड़े जाते हैं। प्रत्येक चुनाव में एक विजेता और एक हारने वाला होता है। एक को इसे शिष्टता के साथ स्वीकार करना होता है।"
भाजपा नेताओं ने कहा कि भौगोलिक क्षेत्र के हिसाब से देश के सबसे बड़ी निकाय एजेंसी में मिली जीत ने पार्टी को काफी मजबूती दी है।
भाजपा के अध्यक्ष नितिन गडकरी ने कहा, "एमसीडी के नतीजे अन्य चुनावों को दिशा देंगे। चाहे वह पंजाब, गोवा के विधानसभा चुनाव हों, मुम्बई के निकाय चुनाव हों अथवा दिल्ली के, लोगों का झुकाव भाजपा की ओर हुआ है।"
दिल्ली विधानसभा में भाजपा के विपक्ष के नेता वीके मल्होत्रा ने कहा, "लोग मंहगाई एवं भ्रष्टाचार से त्रस्त हो चुके हैं। एमसीडी नतीजों का दोहराव आगामी विधानसभा एवं लोकसभा चुनावों में देखने को मिलेगा।"
वहीं, मुख्यमंत्री शीला दीक्षित एवं पूर्वी दिल्ली से कांग्रेस सांसद संदीप दीक्षित ने कहा, "लोगों ने भ्रष्टाचार एवं महंगाई जैसे राष्ट्रीय मुद्दों पर मतदान किया।"
एमसीडी चुनावों में कांग्रेस के खराब प्रदर्शन पर पार्टी के ज्यादातर नेता जहां कुछ बोलने से बचते नजर आए। वहीं, पार्टी प्रवक्ता राशिद अल्वी ने कहा, "यह लोगों का निर्णय है जो महत्व रखता है।"
उल्लेखनीय है कि विधानसभा चुनावों में लगातार तीन बार जीत दर्ज कर चुकी शीला दीक्षित सरकार के लिए एमसीडी चुनावों के नतीजे एक बड़े झटके के रूप में सामने आए हैं।
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