उत्तर प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री और बहुजन समाज पार्टी (BSP) की सुप्रीमो मायावती (Mayawati) प्रवासी मज़दूरों के मुद्दे पर लगातार कांग्रेस पर हमला कर रही हैं. बसें चलाने को लेकर कांग्रेस को नसीहत देने के बाद अब मायावती ने बगैर राहुल गांधी (Rahul Gandhi) का नाम लिए प्रवासी मज़दूरों के साथ बातचीत का वीडियो साझा करने पर उन पर निशाना साधा है. बीएसपी सुप्रीमो ने कहा कि कांग्रेसी नेता द्वारा दिखाया जा रहा वीडियो हमदर्दी वाला कम व नाटक ज्यादा लगता है.
मायावती ने शनिवार को एक बाद एक कई ट्वीट किए. उन्होंने लिखा- "वैसे ही वर्तमान में कांग्रेसी नेता द्वारा लॉकडाउन त्रासदी के शिकार कुछ श्रमिकों के दुःख-दर्द बांटने सम्बंधी जो वीडियो दिखाया जा रहा है वह हमदर्दी वाला कम व नाटक ज्यादा लगता है. कांग्रेस अगर यह बताती कि उसने उनसे मिलते समय कितने लोगों की वास्तविक मदद की है तो यह बेहतर होता.
2. वैसे ही वर्तमान में कांग्रेसी नेता द्वारा लाॅकडाउन त्रासदी के शिकार कुछ श्रमिकों के दुःख-दर्द बांटने सम्बंधी जो वीडियो दिखाया जा रहा है वह हमदर्दी वाला कम व नाटक ज्यादा लगता है। कांग्रेस अगर यह बताती कि उसने उनसे मिलते समय कितने लोगों की वास्तविक मदद की है तो यह बेहतर होता।2/4
— Mayawati (@Mayawati) May 23, 2020
अगले ट्वीट में उन्होंने कहा, "आज पूरे देश में कोरोना लॉकडाउन के कारण करोड़ों प्रवासी श्रमिकों की जो दुर्दशा दिख रही है उसकी असली कसूरवार कांग्रेस है क्योंकि आजादी के बाद इनके लम्बे शासनकाल के दौरान अगर रोजी-रोटी की सही व्यवस्था गांव/शहरों में की होती तो इन्हें दूसरे राज्यों में क्यों पलायन करना पड़ता?"
1. आज पूरे देश में कोरोना लाॅकडाउन के कारण करोड़ों प्रवासी श्रमिकों की जो दुर्दशा दिख रही है उसकी असली कसूरवार कांग्रेस है क्योंकि आजादी के बाद इनके लम्बे शासनकाल के दौरान अगर रोजी-रोटी की सही व्यवस्था गाँव/शहरों में की होती तो इन्हें दूसरे राज्यों में क्यों पलायन करना पड़ता? 1/4
— Mayawati (@Mayawati) May 23, 2020
कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने आज सुबह मज़दूरों के साथ बातचीत का वीडियो शेयर किया था. वीडियो में राहुल गांधी ने घर लौट रहे प्रवासी मजदूरों से बातचीत की तो उन्होंने बताया कि वे हरियाणा से आ रहे हैं और करीब 100 किलोमीटर की दूरी तक कर चुके हैं. खाने के सवाल पर एक प्रवासी परिवार ने बताया कि रास्ते में कुछ मिल गया तो खा लेते हैं वरना ऐसे ही चल रहे हैं. परिवार ने कहा लॉकडाउन से पहले अगर कुछ गैप दे दिया जाता तो सब अपने गांव निकल जाते हैं. हर बार लॉकडाउन की तारीख आगे बढ़ रही है. इसलिए घर जाने को मजबूर हैं.
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