मथुरा:
मथुरा के जवाहर बाग में रामवृक्ष यादव बच्चों को भी गुरिल्ला ट्रेनिंग देता था। रामवृक्ष के चंगुल से निकलने के बाद बच्चे बेहद डरे और सहमे हैं और एक-एक कर रामवृक्ष की करतूतें बता रहे हैं।
पेड़ पर चढ़कर हमला करने वाले लड़ाके तैयार किए
जवाहर बाग से मिले देशी और पेट्रोल बम देखकर साफ हो जाता है कि रामवृक्ष ने प्रशासन से निपटने की तैयारी किस कदर कर रखी थी। पुलिस के मुताबिक रामवृक्ष अपने लोगों को जंग लड़ने के लिए गुरिल्ला ट्रेनिंग देता था। हथियारों के साथ पेड़ पर चढ़ने और ऊपर से हमला करने के लिए बड़े पैमाने पर लड़ाके तैयार किए थे। हथियार और गोला-बारूद जमीन के अंदर भी छुपाया गया था। हमला करने के लिए करीब एक हजार एलपीजी सिलिंडर रखे गए थे। पुलिस से बचने के लिए उनमें विस्फोट किया गया।
रामवृक्ष का अपना कोर्ट और सजा के लिए जेल भी
रामवृक्ष ने अपने लोगों को सजा देने के लिए एक अस्थाई जेल भी बनाई थी। वह अपना कोर्ट लगाता था और सजा देता था। मुश्किल परिस्थिति से निपटने के लिए उसने करीब 2 महीने का राशन सुरक्षित रखा था।
रामवृक्ष और उसके साथियों के मारे जाने की संभावना
पुलिस को शक है कि रामवृक्ष और उसके दो लड़ाके साथी चंदर बोस और राकेश मारे गए हैं, लेकिन शव इतने जल गए हैं कि उनकी पहचान कर पाना मुश्किल है। पुलिस शवों की वीडियोग्राफी के बाद अब उनकी डीएनए जांच भी करा रही है। बम निरोधक दस्ते और फॉरेंसिक एक्सपर्ट 280 एकड़ में फैले जवाहर बाग की बारीकी से जांच कर रहे हैं। शक है कि कहीं लैंड माइन और विस्फोटक न हो, इसलिए जवाहर बाग में फिलहाल किसी को घुसने की इजाजत नहीं है।
पेड़ पर चढ़कर हमला करने वाले लड़ाके तैयार किए
जवाहर बाग से मिले देशी और पेट्रोल बम देखकर साफ हो जाता है कि रामवृक्ष ने प्रशासन से निपटने की तैयारी किस कदर कर रखी थी। पुलिस के मुताबिक रामवृक्ष अपने लोगों को जंग लड़ने के लिए गुरिल्ला ट्रेनिंग देता था। हथियारों के साथ पेड़ पर चढ़ने और ऊपर से हमला करने के लिए बड़े पैमाने पर लड़ाके तैयार किए थे। हथियार और गोला-बारूद जमीन के अंदर भी छुपाया गया था। हमला करने के लिए करीब एक हजार एलपीजी सिलिंडर रखे गए थे। पुलिस से बचने के लिए उनमें विस्फोट किया गया।
रामवृक्ष का अपना कोर्ट और सजा के लिए जेल भी
रामवृक्ष ने अपने लोगों को सजा देने के लिए एक अस्थाई जेल भी बनाई थी। वह अपना कोर्ट लगाता था और सजा देता था। मुश्किल परिस्थिति से निपटने के लिए उसने करीब 2 महीने का राशन सुरक्षित रखा था।
रामवृक्ष और उसके साथियों के मारे जाने की संभावना
पुलिस को शक है कि रामवृक्ष और उसके दो लड़ाके साथी चंदर बोस और राकेश मारे गए हैं, लेकिन शव इतने जल गए हैं कि उनकी पहचान कर पाना मुश्किल है। पुलिस शवों की वीडियोग्राफी के बाद अब उनकी डीएनए जांच भी करा रही है। बम निरोधक दस्ते और फॉरेंसिक एक्सपर्ट 280 एकड़ में फैले जवाहर बाग की बारीकी से जांच कर रहे हैं। शक है कि कहीं लैंड माइन और विस्फोटक न हो, इसलिए जवाहर बाग में फिलहाल किसी को घुसने की इजाजत नहीं है।
NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं