बेंगलुरु : IAS अफसर डीके रवि का हुआ अंतिम संस्कार, सरकार ने दिए CID जांच के आदेश

बेंगलुरु (कोलार)। कथित तौर पर आत्महत्या करने वाले आईएएस अधिकारी डीके रवि के पैतृक गांव कुनिगल में उनका अंतिम संस्कार कर दिया गया। रवि का पोस्टमॉर्टम बेंगलुरु के विक्टोरिया अस्पताल में किया गया, जहां मुख्यमंत्री सिद्धारमैय्या मौजूद थे। बाद में बेंगलुरु के नगर भावी में उनका पार्थिव शरीर रखा गया, जहां कोलार और दूसरे शहरों से आए उनके लोगों ने उन्हें अंतिम विदाई दी।

रवि की मौत पर कोलार जिले में आयोजित बंद के दौरान विरोध प्रदर्शनों में पथराव की छिटपुट घटनाएं भी हुईं। इन प्रदर्शनकारियों में कुछ नेता भी शामिल थे और इन लोगों ने रवि की रहस्यमयी मौत की सीबीआई जांच की मांग की है। हालांकि इससे इनकार करते हुए कर्नाटक सरकार ने मामले की सीआईडी जांच की घोषणा की है। विधानसभा में इस मुद्दे की गूंज सुनाई पड़ने के बाद सरकार ने यह घोषणा की।

सीएम सिद्धारमैया ने कहा कि पुलिस के ब्योरे के अनुसार यह पहली नजर में आत्महत्या का मामला है, लेकिन सरकार अधिकारी की मौत के पीछे के रहस्य का पता लगाने के लिए निष्पक्ष तरीके से मामले की जांच करेगी। सिद्धारमैया के जवाब से असंतुष्ट विपक्षी भाजपा और जद (एस) के सदस्य अध्यक्ष के आसन के सामने आ गए और धरना दिया। उन्होंने ईमानदार अधिकारियों की रक्षा करने में विफल रहने को लेकर सरकार के खिलाफ नारेबाजी की। विपक्ष के यह मुद्दा उठाने के बीच

सिद्धारमैया ने कहा, 'यह आत्महत्या है या हत्या या उनकी किसी और वजह से मौत हुई है, हम भी सच्चाई जानना चाहते हैं। लोगों को इस बारे में जानना चाहिए।' सिद्धारमैया ने कहा कि सिटी पुलिस भी सक्षम है। उन्होंने विपक्ष की ओर से विरोध प्रदर्शन के बीच कहा कि मामले की जांच सीआईडी करेगी और 'वह सचाई सामने लाएगी। हम निष्पक्ष जांच कराएंगे।'

वहीं राज्य के गृहमंत्री के जी जॉर्ज ने विधानसभा को जानकारी दी कि रवि की मौत से जुड़ी प्राथमिक जांच रिपोर्ट पंद्रह दिनों के अंदर आजाएगी। साथ ही जॉर्ज ने यह भी कहा की पुलिस रिपोर्ट से मिल रही जानकारी के मुताबिक़ डीके रवि ने निजी वजहों से खुदकुशी की।

इससे पहले कोलार जिले में गुस्साए प्रदर्शनकारियों ने राष्ट्रीय राजमार्ग को बाधित करने के लिए वहां टायर जलाकर रख दिए, जिन्हें बाद में पुलिस द्वारा हटाया गया। कोलार ही वह जिला है, जहां 35 वर्षीय डीके रवि ने उपायुक्त के रूप में रेत माफिया से टक्कर ली थी। इसके बाद उन्हें बेंगलुरू में अतिरिक्त आयुक्त (वाणिज्य कर- प्रवर्तन) के रूप में तैनात किया गया था।

पुलिस ने कहा कि कोलार में स्थानीय विधायक वी प्रकाश के घर पर पथराव किया गया था, लेकिन पुलिस ने मौके पर पहुंचकर प्रदर्शनकारियों को तितर-बितर कर दिया था।

रेत और भू-माफियाओं से सीधे टक्कर लेने वाले रवि ने कल सुबह दफ्तर से घर लौटने के बाद अपने सरकारी आवास में कथित तौर पर पंखे से लटककर आत्महत्या कर ली थी।

बेंगलुरु के पुलिस आयुक्त एम एन रेड्डी ने कहा कि फोरेंसिक और चिकित्सीय आधार पर एवं स्थिति की हर बिंदु से जांच करने पर 'प्रथम दृष्ट्या यह मामला आत्महत्या का जान पड़ता है।' उन्होंने कहा कि रवि एक 'साहसी अफसर' थे और लोगों का यह सोचना स्वाभाविक है कि उनके जैसा व्यक्ति आत्महत्या नहीं कर सकता।

उन्होंने कहा, लेकिन 'मेडिकल रिपोर्ट का इंतजार कीजिए। किसी एक भी पहलू को छोड़ा नहीं जाएगा। हर कोण को शामिल किया जाएगा।' उन्होंने कहा, 'हमें अब तक कोई सुसाइड नोट नहीं मिला है और पहली नजर में हमें किसी गड़बड़ी के संकेत नहीं मिले हैं।' रेड्डी ने कहा कि पुलिस अपार्टमेंट परिसर की सीसीटीवी फुटेज की जांच करेगी और रवि के मोबाइल रिकॉर्ड खंगालेगी।

कोलार जिले में उपायुक्त पद पर रहते हुए रेत माफिया से टक्कर लेने वाले कर्नाटक कैडर में वर्ष 2009 के बैच के अधिकारी रवि की पहचान जनता के बीच एक ईमानदार और जिम्मेदार अधिकारी की थी। अक्तूबर में उन्हें कोलार से अतिरिक्त आयुक्त ,वाणिज्य कर के रूप में बेंगलुरू में तैनात कर दिया गया था। इस कदम का स्थानीय लोगों ने कड़ा विरोध किया था।

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पुलिस ने मामले की जांच के लिए एक विशेष जांच दल की घोषणा की है, जिसका नेतृत्व पुलिस उपायुक्त (दक्षिण-पूर्व) रोहिणी कटोच के हाथ में है। शैक्षणिक योग्यता के आधार पर वह एक डॉक्टर हैं। (एजेंसी इनपुट के साथ)