नई दिल्ली:
केन्द्र इस बात की जांच कराने का इच्छुक है कि मारूति के मानेसर संयंत्र में हुई हिंसा का कहीं माओवादियों से तो कोई लेना देना नहीं है।
सरकारी सूत्रों ने कहा कि प्रथम दृष्ट्या में कोई नक्सल कोण नहीं दिखता लेकिन मामले की सच्चाई का पता लगाने के लिए भलीभांति जांच की आवश्यकता है।
सूत्रों के मुताबिक इस बात की खुफिया खबरें हैं कि भाकपा-माओवादी गुडगांव सहित देश के विभिन्न शहरों में आधार बनाना चाह रहा है।
मारूति सुजुकी के महाप्रबंधक (मानव संसाधन) को संयंत्र में हुई हिंसा के दौरान जलाकर मार दिया गया। हिंसा के दौरान 100 अन्य लोग घायल हो गये। इस सिलसिले में 91 कर्मचारियों को गिरफ्तार किया गया है।
सरकारी सूत्रों ने कहा कि प्रथम दृष्ट्या में कोई नक्सल कोण नहीं दिखता लेकिन मामले की सच्चाई का पता लगाने के लिए भलीभांति जांच की आवश्यकता है।
सूत्रों के मुताबिक इस बात की खुफिया खबरें हैं कि भाकपा-माओवादी गुडगांव सहित देश के विभिन्न शहरों में आधार बनाना चाह रहा है।
मारूति सुजुकी के महाप्रबंधक (मानव संसाधन) को संयंत्र में हुई हिंसा के दौरान जलाकर मार दिया गया। हिंसा के दौरान 100 अन्य लोग घायल हो गये। इस सिलसिले में 91 कर्मचारियों को गिरफ्तार किया गया है।
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मारूति हिंसा की जाँच, Probe In Maruti Violence