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This Article is From Apr 12, 2012

शादियों का पंजीकरण अनिवार्य, सिखों के आनंद कारज विवाहों को मान्यता

नई दिल्ली: कैबिनेट ने गुरुवार को महत्वपूर्ण फैसले में सभी धर्मो के विवाहों का रजिस्ट्रेशन करने और आनंद कारज के तहत होने वाली सिखों की शादियों को मान्यता देने को मंजूरी दे दी। इसके लिए जन्म एवं मृत्यु अधिनियम 1969 में संशोधन किया जाएगा।

सूचना एवं प्रसारण मंत्री कपिल सिब्बल ने संवाददाताओं को इस दूरगामी निर्णय की जानकारी देते हुए कहा कि देश में होने वाले सभी विवाहों का पंजीकरण अनिवार्य हो जाने से वैवाहिक एवं रखरखाव संबंधी मामलों में महिलाओं को अनावश्यक उत्पीड़न से बचाया जा सकेगा।

उन्होंने बताया कि इसके अलावा सिख समुदाय की लंबे समय से चली आ रही इस मांग को भी कैबिनेट ने मान लिया है कि आनंद कारज के तहत होने वाली सिखों की शादियों को कानूनी मान्यता दी जाएगी। उन्होंने बताया कि स्वयं उनका विवाह भी आनंद कारज के तहत हुआ है। इसके लिए आनंद विवाह अधिनियम 1909 में संशोधन किया जाएगा।

सिब्बल ने बताया कि जन्म एवं मृत्यु अधिनियम एवं आनंद विवाह अधिनियम में संशोधनों को संसद के वर्तमान बजट सत्र में पेश कर दिया जाएगा। सभी धर्मो के विवाहों का पंजीकरण करने की आवश्यकता पर उन्होंने बताया कि उच्चतम न्यायालय ने 2006 में सीमा बनाम अश्विनी कुमार मामले में राज्य सरकारों और केन्द्र सरकार को निर्देश दिया था कि देश के सभी नागरिकों के विवाहों, चाहे वे किसी भी धर्म से संबंध रखते हों, का उन राज्यों में अनिवार्य पंजीकरण होना चाहिए, जहां शादी हुई।

सिखों के आनंद कारज के तहत होने वाले विवाहों की मान्यता भारत पाकिस्तान विभाजन के समय समाप्त कर दी गई दी थी और सिखों के विवाह हिन्दू विवाह अधिनियम के तहत दर्ज होने लगे थे। गुरूद्वारा प्रबंधक समिति और कई अन्य सिख संगठन काफी समय से आनंद कारज के तहत होने वाले सिखों के विवाहों को अलग से मान्यता दिए जाने की मांग कर रहे थे।

सिब्बल ने कहा कि जन्म एवं मृत्यु अधिनियम 1969 में संशोधन होने जा रहा था। ऐसे में सुझाव आया कि क्यों न न इस संशोधन में जन्म एवं मृत्यु के साथ विवाहों के भी अनिवार्य पंजीकरण का प्रावधान कर दिया जाए और कैबिनेट से इस प्रस्ताव को स्वीकार कर लिया।

उन्होंने कहा कि विवाहों का पंजीकरण अनिवार्य हो जाने से जहां वैवाहिक एवं रखरखाव मामलों से जूझ रही महिलाओं को अपने विवाह का सुबूत देने में आसानी होगी वहीं विवाह करने वालों की उम्र और बच्चा किसे सौंपा जाए, ये सब साबित करने में आसानी होगी।

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Marriage Registration Made Compulsory In India, Marriage Registration, शादी का पंजीकरण अनिवार्य, भारत का कानून
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