कांकेर में नक्सली आयरन खदान के खिलाफ हैं और खदान पर कई बार हमला कर चुके हैं
कांकेर:
छत्तीसगढ़ के कांकेर जिले के कोरर थाना क्षेत्र में मंगलवार की दोपहर 25 नक्सलियों ने बरबसपुर स्थित खदान की 19 गाड़ियों को आग के हवाले कर दिया. घटना कोरर थाना क्षेत्र से महज 10 किलोमीटर दूरी पर हुई.
कांकेर पुलिस अधीक्षक एम.एल. कोटवानी ने बताया कि निको कंपनी की खदान है. खदान में आयरन खुदाई व परिवहन का काम चल रहा था. वहीं भानुप्रतापपुर युनियन की गाड़ियां लगी थी. गाड़ियां खदान से लोड होकर नीचे आ गई थीं, जिनको धरम काटा में तौल कर रवाना करना था. इसी बीच हथियारधारी नक्सली मौके पर पहुंचे. नक्सलियों ने मजदूर व कर्मचारियों को एक जगह बंधक बनाकर डीजल टंकी को फोड़कर 13 ट्रक, 3 हाइवा, एक पिकप, एक लोडर व एक ब्रेकर मशीन को आग के हवाले कर दिया. नक्सलियों के समूह में 5-6 महिला नक्सली भी शामिल थीं.
नक्सलियों ने मजदूरों को कोई भी जानकारी नहीं देने की धमकी दी और मौके से फरार हो गए. घटना की सूचना पर भानुप्रतापपुर से फायर ब्रिगेड की गाड़ी पहुंची. घटनास्थल पर पहुंची पुलिस की टीम ने पुलिस अधीक्षक के नेतृत्व में आस-पास के क्षेत्रों में खोजबीन की.
लगभग दो माह पहले नक्सलियों ने माइंस प्रबंधक को चेतावनी देकर खदान को बंद करने के लिए बैनर-पोस्टर लगाया था. मगर माइंस प्रबंधक द्वारा इस चेतावनी को हल्के में लिया गया. पुलिस प्रशासन ने भी इस चेतावनी को गंभीरता से नहीं लिया. इससे पूर्व 2015 में भी नक्सलियों ने इसी खदान पर हमला कर 10 वाहनों में आग लगा दी थी.
(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
कांकेर पुलिस अधीक्षक एम.एल. कोटवानी ने बताया कि निको कंपनी की खदान है. खदान में आयरन खुदाई व परिवहन का काम चल रहा था. वहीं भानुप्रतापपुर युनियन की गाड़ियां लगी थी. गाड़ियां खदान से लोड होकर नीचे आ गई थीं, जिनको धरम काटा में तौल कर रवाना करना था. इसी बीच हथियारधारी नक्सली मौके पर पहुंचे. नक्सलियों ने मजदूर व कर्मचारियों को एक जगह बंधक बनाकर डीजल टंकी को फोड़कर 13 ट्रक, 3 हाइवा, एक पिकप, एक लोडर व एक ब्रेकर मशीन को आग के हवाले कर दिया. नक्सलियों के समूह में 5-6 महिला नक्सली भी शामिल थीं.
नक्सलियों ने मजदूरों को कोई भी जानकारी नहीं देने की धमकी दी और मौके से फरार हो गए. घटना की सूचना पर भानुप्रतापपुर से फायर ब्रिगेड की गाड़ी पहुंची. घटनास्थल पर पहुंची पुलिस की टीम ने पुलिस अधीक्षक के नेतृत्व में आस-पास के क्षेत्रों में खोजबीन की.
लगभग दो माह पहले नक्सलियों ने माइंस प्रबंधक को चेतावनी देकर खदान को बंद करने के लिए बैनर-पोस्टर लगाया था. मगर माइंस प्रबंधक द्वारा इस चेतावनी को हल्के में लिया गया. पुलिस प्रशासन ने भी इस चेतावनी को गंभीरता से नहीं लिया. इससे पूर्व 2015 में भी नक्सलियों ने इसी खदान पर हमला कर 10 वाहनों में आग लगा दी थी.
(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
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