सुप्रीम कोर्ट में फिलहाल छुटि्टयां शुरू हो गई हैं, और कोर्ट अब नए साल में ही खुलेगी, लेकिन नए साल के जश्न के बीच कई हाई-प्रोफाइल मामलों में बड़े फैसले आने की उम्मीद है। जहां बीसीसीआई के पूर्व अध्यक्ष एन श्रीनिवासन का भविष्य नए साल में तय होगा, वहीं बॉलीवुड स्टार सलमान खान के मामले का फैसला भी आ सकता है। इनके अलावा यूपीए सरकार के जाट समुदाय को दिए गए आरक्षण को चुनौती देने वाली याचिका पर भी आदेश सुरक्षित है।
गौरतलब है कि सुप्रीम कोर्ट में आईपीएल स्पॉट फिक्सिंग को लेकर लंबी सुनवाई चली, जिसमें सुप्रीम कोर्ट ने बीसीसीआई और श्रीनिवासन पर कई बड़े सवाल दागे। कहा कि क्रिकेट देश में धर्म की तरह है और इसमें सफाई होनी ही चाहिए। यहां तक कि हितों के टकराव के मुद्दे पर भी सुप्रीम कोर्ट सख्ती बरतता रहा। कोर्ट ने कहा कि श्रीनिवासन अगर बीसीसीआई अध्यक्ष थे तो आईपीएल में चेन्नई सुपरकिंग्स टीम के मालिक कैसे बने...? सुप्रीम कोर्ट ने भले ही अपना फैसला सुरक्षित रख लिया है, लेकिन उसने अपना रुख पहले ही साफ कर दिया है।
सो, नए साल में सुप्रीम कोर्ट आईपीएल स्पॉट फिक्सिंग से जुड़े कई मामलों में अपना फैसला सुना सकता है। श्रीनिवासन बीसीसीआई में रहेंगे या नहीं, चेन्नई सुपरकिंग्स को आईपीएल से बाहर किया जाए या नहीं, आईपीएल स्पॉट फिक्सिंग और बेटिंग की जांच के लिए गठित मुद्गल पैनल की रिपोर्ट के बाद मामले की जांच के लिए कोई हाई-प्रोफाइल कमेटी गठित की जाए और गुरुनाथ मय्यप्पन के अलावा राजस्थान रॉयल्स के सह-मालिक राज कुंद्रा का क्या हो, इन सब पर सुप्रीम कोर्ट अपना फैसला सुनाएगा।
इसी तरह बॉलीवुड स्टार सलमान खान के मामले का आदेश भी आने की उम्मीद है। सलमान खान को राजस्थान में फिल्म की शूटिंग के दौरान काला हिरण को मारने का दोषी ठहराया गया और पांच साल की सजा सुनाई गई। बाद में सलमान खान ने ब्रिटेन में शूटिंग के लिए राजस्थान हाईकोर्ट से अपनी दोष सिद्धि को ही स्टे करा लिया था। राजस्थान सरकार इस मामले को लेकर सुप्रीम कोर्ट पहुंची, जहां कोर्ट ने सलमान खान को फटकार लगाई और कहा कि चूंकि ब्रिटेन में चार साल से ज्यादा के सजायाफ्ता को वीजा नहीं मिलता, इसलिए इस तरह दोष सिद्धि को ही स्टे कराना गलत है। कोर्ट ने यहां तक कह दिया कि अगर सलमान को यह छूट दी गई तो कोई भी सजायाफ्ता कोर्ट में आ जाएगा। कानून सभी के लिए बराबर है और इस तरह सजा के बजाए दोष सिद्धि पर स्टे पूरी तरह गलत है। हालांकि सलमान खान ने इस मामले में शूटिंग की दुहाई दी, लेकिन कोर्ट ने नाराजगी जताते हुए अपना फैसला सुरक्षित रख लिया।
इसी तरह जाट आरक्षण का मामला भी राजनीतिक होते-होते सुप्रीम कोर्ट तक पहुंच गया। यूपीए सरकार ने लोकसभा चुनाव से कुछ दिन पूर्व ही जाट समुदाय को ओबीसी श्रेणी में शामिल किया तो कुछ संगठन इस मामले को लेकर सुप्रीम कोर्ट पहुंच गए। हालांकि केंद्र में एनडीए की सरकार ने इस मामले में यूपीए का ही समर्थन किया और कहा कि इसमें राजनीति नहीं हुई है।
लेकिन इस मामले में खुद सुप्रीम कोर्ट ने ही सवाल उठाए और कहा कि यह कतई नहीं माना जा सकता कि जाट आर्थिक और सामाजिक रूप से पिछड़े हुए हैं, हालांकि वे शैक्षणिक तौर पर पिछड़े हुए हो सकते हैं। सुप्रीम कोर्ट ने यह भी कहा कि पुराने वक्त में जाट राजस्थान में रजवाड़े हुआ करते थे। दोनों पक्षों की दलीलें पूरी हो चुकी हैं और आदेश सुरक्षित है। नए साल में इस पर भी बड़ा फैसला आएगा, जिस पर राजनीतिक गलियारों में बहस भी होगी।
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