एंटीलिया केस (Antilia Case) में NIA ने बुधवार को चार्जशीट पेश की है. NIA के मुताबिक मामले में गवाह बन चुके मनसुख हिरेन की हत्या (Mansukh Hiren Murder Case) को मुंबई पुलिस के बर्खास्त API सचिन वझे (Sachin Vaze) ने अंजाम तक पहुंचाया था. NIA चार्जशीट के मुताबिक आरोपी सचिन वझे ने मनसुख को इस बात के लिए तैयार कर लिया था कि जांच एजेंसी की पूछताछ और गिरफ्तारी से बचने के लिए वो उसके लिए एक सुरक्षित जगह का इंतजाम कर देगा. वझे ने हिरेन से कहा था कि कांदिवली क्राइम ब्रांच का तावड़े नाम का एक पुलिस इंस्पेक्टर फोन करेगा तो उसके साथ चले जाना.
योजना के मुताबिक 4 मार्च 2021 को क्राइम पी आई सुनील माने ने फर्जी सिम कार्ड नंबर से तावड़े के नाम से मनसुख को फोन कर रात 8:30 के करीब घोडबंदर रोड पर सूरज वाटर पार्क के सामने बुलाया. मनसुख हिरेन ऑटो रिक्शा से वहां पहुंचे. वहां आरोपी सुनील माने सफेद रंग की पोलो कार में इंतजार कर रहा था. मनसुख हिरेन मौके पर पहुंचे और कार में सामने वाली सीट पर बगल में बैठ गये.
कार घोडबंदर रोड पर फाउंटेन होटल के तरफ बढ़ चली. करीब सवा 9 बजे कार सुरेखा होटल के पास पहुंची. रात में 9 बजकर 36 मिनट पर लाल रंग की टवेरा कार वहां आकर रुकी. आरोपी सुनील माने ने मनसुख का मोबाइल फोन रख लिया और मनसुख को लाल टवेरा कार में जाने का इशारा किया.
मनसुख को कहा कि टवेरा उसे सुरक्षित जगह ले जाएगी. मनसुख हिरेन पोलो कार से उतरकर टवेरा में बीच वाली सीट पर बैठ गए. सुरक्षित यात्रा के नाम पर मनसुख के एक तरफ आरोपी संतोष शेलार बैठा और दूसरी तरफ आनंद जाधव बैठे.
आरोपी मनीष सोनी ड्राइवर की सीट पर बैठा था और सतीश मोथकुरी पीछे की सीट पर मनसुख के पीछे बैठ गया. NIA के मुताबिक जैसे ही मनसुख टवेरा में बैठे आरोपी सतीश मोथकुरी ने पीछे से मनसुख का सिर पकड़ लिया और मुंह और नाक अपने साथ लाये रुमाल से दबाना शुरू कर दिया. मनसुख ने जब विरोध किया तो बगल में बैठे संतोष शेलार और आनंद जाधव ने मनसुख के दोनों हाथ पकड़ लिए. थोड़ी देर में ही मनसुख ने दम तोड़ दिया. उसके बाद टवेरा कार से सभी आरोपी ठाणे में कसेली ब्रिज पर पहुंचे और वहां रात के 9 बजकर 47 मिनट पर कार से मनसुख का शव निकालकर खाड़ी में नीचे फेंक दिया. शव फेंकने से पहले आरोपियों ने मनसुख के गले से सोने की चेन, कैश, क्रेडिट कार्ड, डेबिट कार्ड से भरी पर्स , हाथ घड़ी सब निकाल लिया था ताकि शव की पहचान ना हो पाए.
NIA के मुताबिक रात 10 बजकर 47 मिनट पर आरोपी संतोष शेलार ने प्रदीप शर्मा को फोन कर बताया कि काम हो गया है. उसके बाद आरोपी संतोष शेलार, सतीश मोथकुरी औऱ मनीष सोनी दिल्ली में पहाड़ गंज के एक होटल में जाकर रुके. 11 मार्च को वहां से लखनऊ होते हुए नेपाल चले गए. 4 रात वहां रुकने के बाद तीनों वापस दिल्ली आ गए फिर अहमदाबाद होते हुए मुम्बई वापस आ गये.
इसके बाद मनीष सोनी को दुबई भेज दिया गया क्योंकि आरोपियों को शक था कि वो आसानी टूट सकता है. NIA के मुताबिक पूरे काम के लिए आरोपी प्रदीप शर्मा ने संतोष शेलार को ढेर सारे रुपये दिए थे और प्रदीप शर्मा को सचिन वझे ने दिए थे.
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