चेन्नई:
ऑल इंडिया अन्ना द्रविड़ मुनेत्र कड़गम (एआईएडीएमके) की महासचिव जे.जयललिता ने बुधवार को प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह से कहा कि उन्हें देश में सामने आए प्रमुख घोटालों पर चुप्पी तोड़नी चाहिए। भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) और देवास मल्टीमीडिया के बीच विवादास्पद सौदे का जिक्र करते हुए जयललिता ने कहा, "यह राष्ट्रीय शर्म की बात है कि संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (संप्रग) सरकार की कोठरी से लाखों करोड़ रुपये के घोटाले बाहर निकल रहे हैं।" जयललिता ने एक बयान में कहा है, "ऐसे सरासर दुराचार पर प्रधानमंत्री, जोकि प्रख्यात अर्थशास्त्री है, कैसे चुप रह सकते हैं, यह हमारी समझ की सीमा से परे है।" यह करार इसरो द्वारा देवास के लिए दो उपग्रह लांच करने से सम्बंधित है, जिसके जरिए राष्ट्रीय खजाने की कीमत पर कम्पनी को कथित रूप से भारी लाभ पहुंचाया गया था। लेकिन इसरो ने कहा है कि इस करार के कारण सरकारी खजाने को कोई नुकसान नहीं हुआ। जयललिता ने कहा, "मनमोहन सिंह को अपनी चुप्पी तोड़नी होगी और सफाई पेश करनी होगी। अन्यथा केंद्र सरकार से जनता का विश्वास उठ जाएगा और अपना देश, दुनिया के सामने हंसी का पात्र बन जाएगा।" तमिलनाडु की पूर्व मुख्यमंत्री जयललिता ने कहा कि यह पता लगाने के लिए कि इस तरह की हरकतों से कितने कीमती राष्ट्रीय संसाधन ठिकाने लगाए जा रहे हैं और इस तरह की लूट के वास्तविक लाभार्थी कौन हैं, पूरे मामले की सिरे से जांच कराई जानी चाहिए। ज्ञात हो कि सरकार पूर्व संचार मंत्री ए.राजा द्वारा दूसरी पीढ़ी के स्पेक्ट्रम आवंटन में बरती गई अनियमितता की भी जांच करा रही है। इसके अलावा राष्ट्रमंडल खेलों के आयोजन में हुई भारी वित्तीय अनियमितता को लेकर भी मनमोहन सिंह की सरकार आरोपों का सामना कर रही है।
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