यह ख़बर 08 अगस्त, 2014 को प्रकाशित हुई थी

मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी के बयान के बाद बिहार में राजनीति गरमाई

जीतन राम मांझी और नीतीश कुमार की फाइल तस्वीर

पटना:

बिहार के मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी के उस कथन पर कि प्रदेश में अगले वर्ष होने वाले विधानसभा चुनाव के बाद जेडीयू, आरजेडी और कांग्रेस को बहुमत प्राप्त होने पर पूर्व मुख्यमंत्री नीतीश कुमार गठबंधन के मुख्यमंत्री होंगे, आरजेडी और कांग्रेस ने उनकी इस राय से जहां असहमति जताई है, वहीं मुख्यमंत्री अभी भी अपनी बात कायम हैं।

मांझी के इस बयान के कारण बिहार में 10 विधानसभा सीटों पर आगामी 21 अगस्त को होने वाले उपचुनाव के पूर्व प्रदेश में राजनीतिक बहस छिड़ गई है।

जेडीयू के नए साथी आरजेडी और कांग्रेस ने कहा है कि मांझी के उस बयान से वे सहमत नहीं हैं और यह जेडीयू की राय है न कि गठबंधन (जेडीयू, आरजेडी और कांग्रेस) की। गठबंधन के नेता के बारे में समय आने पर निर्णय लिया जाएगा।

मांझी ने बुधवार को धनबाद में कहा था कि अगले वर्ष होने वाले बिहार विधानसभा चुनाव में बहुमत मिलने पर नीतीश कुमार मुख्यमंत्री बनना चाहेंगे, तो उनके नाम को आगे बढ़ाने का काम सबसे पहले वह ही करेंगे। अपनी बात पर कायम मांझी ने गुरुवार को कहा, हमलोगों के स्थापित नेता नीतीश कुमार हैं। हम और हमारे विधायक दल के वह नेता हैं।

पटना में मांझी ने कहा, मैंने बुधवार को भी झारखंड में कहा कि अगर वह (नीतीश कुमार) मुख्यमंत्री बनना चाहें, तो सबसे पहले मैं ही उनके मुख्यमंत्री बनने का नाम प्रस्तावित करूंगा। अगर वह देश की राजनीति में जाते हैं, तो हम चाहेंगे कि नीतीश प्रधानमंत्री बनें।

मांझी ने कहा, रही बात गठबंधन (जेडीयू, आरजेडी और कांग्रेस) की, वे लोग क्या सोचते हैं, यह उन पर निर्भर है। हमलोगों के पूर्व मुख्यमंत्री नीतीश सर्वमान्य नेता हैं और शरद यादव पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष हैं। इन दोनों की राय से पार्टी चल रही है। हाल में संपन्न लोकसभा चुनाव में जेडीयू की करारी हार की नैतिक जिम्मेवारी लेते हुए नीतीश के बिहार के मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दिए जाने के बाद जीतन राम मांझी इस पद पर आसीन हुए थे।

मांझी के इस कथन का हालांकि जेडीयू ने समर्थन किया है, पर उसके नए सहयोगी आरजेडी और कांग्रेस का कहना है कि यह जेडीयू की राय है, गठबंधन की नहीं। बिहार विधानसभा में आरजेडी विधायक दल के नेता अब्दुल बारी सिद्दीकी ने कहा कि मुख्यमंत्री को लेकर निर्णय विधानसभा चुनाव बाद सहयोगी दलों के नेता लेंगे। उस समय कोई भी मुख्यमंत्री चुने जा सकते हैं।

कांग्रेस के प्रदेश उपाध्यक्ष प्रेमचंद मिश्र ने मांझी के कथन को जेडीयू का अंदरूनी मामला बताते हुए कहा कि अगले वर्ष होने वाले विधानसभा चुनाव परिणाम के अनुसार घटक दलों के नेता मुख्यमंत्री को लेकर निर्णय लेंगे।

बिहार विधान परिषद में जेडीयू के मुख्य सचेतक और पार्टी के प्रवक्ता नीरज कुमार ने मांझी की राय का समर्थन करते हुए कहा कि नीतीश के इस्तीफे के समय पार्टी विधायक दल की बैठक में उन्होंने कहा था कि अगले विधानसभा चुनाव में पार्टी का नेतृत्व वही करेंगे। बिहार विधान परिषद में जेडीयू सदस्य संजय सिंह ने भी ऐसी ही राय व्यक्त करते हुए कहा कि नीतीश गठबंधन में सबसे बड़े चेहरा हैं।


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