यह ख़बर 11 अगस्त, 2011 को प्रकाशित हुई थी

'मुझे शर्म आती है कि मैं कभी नौकरशाह था'

खास बातें

  • उनके अनुसार, नौकरशाही के कारण ही सरकार द्वारा जारी किया जाने वाला 85 फीसदी धन जरूरतमंदों तक पहुंच ही नहीं पाता।
नई दिल्ली:

राज्यसभा में गुरुवार को कांग्रेस नेता एवं मनोनीत सदस्य मणिशंकर अय्यर ने नौकरशाही से जुड़े होने पर शर्म जताई। उनके अनुसार, नौकरशाही के कारण ही सरकार द्वारा जारी किया जाने वाला 85 फीसदी धन जरूरतमंदों तक पहुंच ही नहीं पाता। अनुदान की अनुपूरक मांगों पर चर्चा में भाग लेते हुए अय्यर ने यह बात कही। उन्होंने कहा मुझे नौकरशाही से जुड़ा होने पर शर्म आती है। उनकी इस टिप्पणी पर कई सदस्यों ने उनसे यह पूछा कि आखिर वह यह बात क्यों कह रहे हैं। इस पर अय्यर ने कहा कि नौकरशाही की वजह से ही सरकार द्वारा जारी किया जाने वाला 85 फीसदी धन जरूरतमंदों तक पहुंच ही नहीं पाता। गौरतलब है कि राजनीति में आने से पहले अय्यर भारतीय विदेश सेवा में कार्यरत थे और पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी के कार्यकाल में उन्होंने प्रधानमंत्री कार्यालय में भी नौकरशाह के रूप में सेवाएं दी थीं। दिलचस्प है कि सरकार द्वारा जारी किया जाने वाला 85 फीसदी धन जरूरतमंदों तक नहीं पहुंच पाने की बात सबसे पहले राजीव गांधी ने ही कही थी।


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