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This Article is From Jan 15, 2020

शाहीन बाग पहुंच कर मणिशंकर अय्यर ने कहा- देखते हैं किसका हाथ मजबूत है, हमारा या कातिल का

प्रदर्शनकारियों को संबोधित करते हुए मणिशंकर अय्यर ने कहा, 'मैं उन बलिदानों के लिए तैयार हूं, जो हमसे मांगे जा जा रहे हैं. हम देखेंगे कि किसका हाथ मजबूत हैं. हमारा या क़ातिल (हत्यारे) का.'

शाहीन बाग पहुंच कर मणिशंकर अय्यर ने कहा- देखते हैं किसका हाथ मजबूत है, हमारा या कातिल का
कांग्रेस नेता और पूर्व सांसद मणिशंकर अय्यर
नई दिल्ली:

अपने विवादित बयानों के चलते अक्सर सुर्खियों में रहने वाले कांग्रेस नेता मणिशंकर अय्यर (Mani Shankar Aiyar) ने मंगलवार को एक और विवादित बयान दिया है. नागरिकता संशोधन कानून (CAA) का विरोध कर रही महिलाओं का समर्थन करने के लिए दिल्ली के शाहीन बाग (Shaheen Bagh) पहुंचे अय्यर ने सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) को 'हत्यारा' कहा. प्रदर्शनकारियों को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा, 'मैं उन बलिदानों के लिए तैयार हूं, जो हमसे मांगे जा जा रहे हैं. हम देखेंगे कि किसका हाथ मजबूत हैं. हमारा या क़ातिल (हत्यारे) का.' उन्होंने कहा कि भाजपा 'सबका साथ, सबका विकास' के नारे के साथ सत्ता में आई थी, लेकिन वह 'सबका साथ, सबका विनाश' करने पर तुली हुई है.

पूर्व सासंद ने कहा, 'सरकार वास्तविक मुद्दे से जनता का ध्यान भटकाने के लिए CAA और NRC को लेकर आई है, क्योंकि वह अर्थव्यवस्था की हालत को सुधारने में विफल रही है. लेकिन शाहीन बाग की साहसी महिलाओं ने उन्हें बताया है कि वे अब लोगों को बेवकूफ नहीं बना सकती हैं.' इसके साथ ही अय्यर ने प्रदर्शनकारियों को किसी भी राजनीतिक दल के समर्थन के बिना प्रदर्शन करने के लिए भी सराहा. उन्होंने कहा, 'आपने कहा है कि आपको किसी राजनेता की जरूरत नहीं है. आप पिछले तीस दिनों से यहां बैठी हैं. घर और चूल्हा पीछे छोड़ कर. आप साहसी हैं.' उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार को वास्तविक नागरिकों से प्रमाण मांगने का कोई अधिकार नहीं है.' 

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बता दें, CAA के खिलाफ देशव्यापी विरोध प्रदर्शन का चेहरे बनी शाहीन बाग की महिलाएं कड़कड़ाती सर्दी और राजनीतिक दवाब के बावजूद पिछले एक महीने से सड़कों पर धरना दे रही हैं. हालांकि शाहीन बाग इलाके में वाहनों की आवाजाही शुरू करने की मांग को लेकर दी गई याचिका पर दिल्ली हाईकोर्ट ने पुलिस को आदेश दिया कानून व्यवस्था और जनता का हित देखते हुए कार्रवाई करे. साथ ही कोर्ट ने यह भी कहा कि लोगों की परेशानी देखते हुए, कानून व्यवस्था के तहत पुलिस कभी भी रोड खाली करा सकती है. आपको बता दें शाहीन बाग इलाके में नागरिकता संशोधन कानून के खिलाफ जारी प्रदर्शन के चलते दिल्ली में सरिता विहार से कालिंदी कुंज के बीच वाहनों की आवाजाही कई दिनों से बंद है जिससे इस इलाके के आसपास रहने वाले लोगों के लिए दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है. अब इससे परेशान लोगों ने इस रास्ते को खुलवाने के लिए प्रदर्शन भी किया है. 

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सरिता विहार से कालिंदी कुंज के बीच सड़क संख्या 13ए पर यातायात बंद होने के चलते नोएडा से दिल्ली की तरफ आने वाले लोगों से मथुरा रोड, आश्रम और डीएनडी मार्ग तथा बदरपुर से आने वालों को आश्रम चौक वाले मार्ग का इस्तेमाल करने की अपील की गई थी. वहीं आवाजाही खुलवाने की मांग को लेकर दी गई याचिका में मांग की गई थी कि  सड़क बंद होने से रोजाना लाखों लोगों को कठिनाई होती है और वे पिछले एक महीने से अलग-अलग रास्तों से जाने के लिए बाध्य हैं. वकील और सामाजिक कार्यकर्ता अमित साहनी द्वारा दाखिल याचिका में दिल्ली पुलिस आयुक्त को कालिंदी कुंज-शाहीन बाग पट्टी और ओखला अंडरपास को बंद करने के आदेश को वापस लेने का निर्देश देने की मांग की गयी है. 

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