बजरंग दल कार्यकर्ता दीपक राव के शव को सुरक्षा बल के साथ वाहन में ले जाकर दाह संस्कार किया गया.
बेंगलुरु:
मंगलुरु के नजदीक सूरतकल में बजरंग दल के वालंटियर दीपक राव उर्फ़ दीपू का अंतिम संस्कार गुरुवार को पुलिस की मौजूदगी में शांति के साथ किया गया. पोस्टमार्टम के बाद पुलिस ने अस्पताल के पिछले दरवाज़े से शव चुपचाप निकालकर दीपक राव के गांव पहुंचा दिया था.
गांव में आम लोगों के साथ-साथ कई दक्षिणपंथी संगठनों के कार्यकर्ता इकट्ठे हो गए. उन्होंने मांग की कि उन्हें दीपक की शव यात्रा निकालने की इजाज़त दी जाए. काफी मान मनौव्वल के बावजूद इसकी इजाजत नहीं दी गई. दीपक के परिवार को 10 लाख रुपये का मुआवजा दिया गया. इसके बाद परिवार वाले बगैर शव यात्रा के दीपक के शव को शमशान ले गए.
सरकार को अंदेशा था कि मंगलुरु और इसके आसपास के इलाकों में हालात खराब हो सकते हैं. ऐसे में अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक कमल पंत और डीआईजी चंद्रशेखर को खास तौर पर मंगलुरु भेजा गया. उनके साथ कर्नाटक स्टेट रिज़र्व पुलिस फोर्स की बटालियन भी भेजी गई.
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बीजेपी का आरोप है कि दीपक की हत्या मुस्लिम संगठन पीएफआई ने करवाई है. बीजेपी इस संगठन पर प्रतिबंध लगाने की मांग कर रहा है. कर्नाटक के गृह मंत्री रामलिंगा रेड्डी ने बताया कि किसी संगठन पर प्रतिबंध केंद्र सरकार ही लगा सकती है. यह राज्य सरकार के अधिकार क्षेत्र से बाहर है. रामलिंगा रेड्डी ने यह भी कहा कि पिछले पंचायत चुनावों में पीएफआई की मदद बीजेपी ने ली थी और कांग्रेस का पीएफआई से कुछ भी लेना देना नहीं है.
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बीजेपी के प्रवक्ता प्रकाश का कहना है कि भले ही दीपक के हत्यारे गिरफ्तार हो गए हों लेकिन इस हत्या के लिए मुख्यमंत्री सिद्धारमैय्या और गृह मंत्री रामलिंगा रेड्डी जिम्मेदारी लें. इस हत्याकांड की जांच एनआईए को सौंपी जाए. राज्य के मुख्यमंत्री सिद्धारमैय्या ने बीजेपी पर साम्प्रदायिकता फैलाने का आरोप लगाया है.
VIDEO : बजरंग दल नेता को छुड़ाया
दीपक की हत्या बुधवार को सूरतकल में एक कार में सवार चार लोगों ने कर दी थी. पुलिस ने इस कार का पीछा किया और मुठभेड़ के बाद चारों आरोपियों को पकड़ लिया. पुलिस ने गोलियां भी चलाईं जिससे दो आरोपी घायल हो गए. इसके बाद सूरतकल में चाकूबाजी की घटना हुई जिसमें दो युवक घायल हो गए.
गांव में आम लोगों के साथ-साथ कई दक्षिणपंथी संगठनों के कार्यकर्ता इकट्ठे हो गए. उन्होंने मांग की कि उन्हें दीपक की शव यात्रा निकालने की इजाज़त दी जाए. काफी मान मनौव्वल के बावजूद इसकी इजाजत नहीं दी गई. दीपक के परिवार को 10 लाख रुपये का मुआवजा दिया गया. इसके बाद परिवार वाले बगैर शव यात्रा के दीपक के शव को शमशान ले गए.
सरकार को अंदेशा था कि मंगलुरु और इसके आसपास के इलाकों में हालात खराब हो सकते हैं. ऐसे में अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक कमल पंत और डीआईजी चंद्रशेखर को खास तौर पर मंगलुरु भेजा गया. उनके साथ कर्नाटक स्टेट रिज़र्व पुलिस फोर्स की बटालियन भी भेजी गई.
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बीजेपी का आरोप है कि दीपक की हत्या मुस्लिम संगठन पीएफआई ने करवाई है. बीजेपी इस संगठन पर प्रतिबंध लगाने की मांग कर रहा है. कर्नाटक के गृह मंत्री रामलिंगा रेड्डी ने बताया कि किसी संगठन पर प्रतिबंध केंद्र सरकार ही लगा सकती है. यह राज्य सरकार के अधिकार क्षेत्र से बाहर है. रामलिंगा रेड्डी ने यह भी कहा कि पिछले पंचायत चुनावों में पीएफआई की मदद बीजेपी ने ली थी और कांग्रेस का पीएफआई से कुछ भी लेना देना नहीं है.
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बीजेपी के प्रवक्ता प्रकाश का कहना है कि भले ही दीपक के हत्यारे गिरफ्तार हो गए हों लेकिन इस हत्या के लिए मुख्यमंत्री सिद्धारमैय्या और गृह मंत्री रामलिंगा रेड्डी जिम्मेदारी लें. इस हत्याकांड की जांच एनआईए को सौंपी जाए. राज्य के मुख्यमंत्री सिद्धारमैय्या ने बीजेपी पर साम्प्रदायिकता फैलाने का आरोप लगाया है.
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दीपक की हत्या बुधवार को सूरतकल में एक कार में सवार चार लोगों ने कर दी थी. पुलिस ने इस कार का पीछा किया और मुठभेड़ के बाद चारों आरोपियों को पकड़ लिया. पुलिस ने गोलियां भी चलाईं जिससे दो आरोपी घायल हो गए. इसके बाद सूरतकल में चाकूबाजी की घटना हुई जिसमें दो युवक घायल हो गए.
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