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This Article is From Feb 21, 2020

CM ममता बनर्जी ने कोष में कटौती पर जताई चिंता, भाजपा ने कहा- वह बना रही हैं लोगों को बेवकूफ

ममता बनर्जी ने पत्र में लिखा, ‘केंद्र सरकार से राज्य के लिए केंद्रीय कोष में कटौती और हमारे लिए धनराशि जारी करने में अप्रत्याशित देरी को लेकर गहरी चिंता के साथ मैं चिट्ठी लिख रही हूं.’

CM ममता बनर्जी ने कोष में कटौती पर जताई चिंता, भाजपा ने कहा- वह बना रही हैं लोगों को बेवकूफ
पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी (फाइल फोटो)
Quick Take
Summary is AI generated, newsroom reviewed.
ममता बनर्जी ने गुरुवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को एक पत्र लिखा
राज्य के लिए केंद्रीय कोष में कटौती पर चिंता व्यक्त की
भाजपा ने निकाय चुनावों के पहले लोगों को बेवकूफ बनाने का ‘राजनीतिक हथकंडा’
कोलकाता:

पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने गुरुवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को एक पत्र लिखकर राज्य के लिए केंद्रीय कोष में कटौती और इसे जारी करने में ‘अप्रत्याशित देरी' पर चिंता प्रकट की. भाजपा ने पत्र लिखे जाने को राज्य में निकाय चुनावों के पहले लोगों को बेवकूफ बनाने का ‘राजनीतिक हथकंडा' बताया. अपने पत्र में बनर्जी ने कहा है कि 2019-20 में राष्ट्रीय जीडीपी के पांच प्रतिशत दर रहने की तुलना में राज्य की जीडीपी 10.4 प्रतिशत से आगे बढ़ी. बनर्जी ने पत्र में लिखा, ‘केंद्र सरकार से राज्य के लिए केंद्रीय कोष में कटौती और हमारे लिए धनराशि जारी करने में अप्रत्याशित देरी को लेकर गहरी चिंता के साथ मैं चिट्ठी लिख रही हूं.'

उन्होंने कहा कि राज्य को जनवरी 2020 तक 50,000 करोड़ रुपये के कुल केंद्रीय कोष का अपना हिस्सा अभी तक नहीं मिला है. उन्होंने कहा कि ‘अप्रत्याशित देरी' से राज्य के कल्याण के लिए प्रतिबद्धताओं को पूरा करने में बड़ी मुश्किलें हो रही हैं. बनर्जी ने कहा कि पश्चिम बंगाल का औद्योगिक उत्पादन सूचकांक (आईआईपी) वित्तीय वर्ष 2019-20 में अप्रैल-नवंबर के दौरान 3.1 प्रतिशत रहा, जबकि राष्ट्र स्तर पर आंकड़ा 0.6 प्रतिशत रहा. सेवा क्षेत्र में भी राष्ट्रीय औसत 6.9 प्रतिशत की तुलना में वृद्धि दर 16.4 प्रतिशत रही.

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उन्होंने कहा, ‘मैं उल्लेख किए गए मुद्दों के समाधान के लिए सभी जरूरी कदम उठाने का आपसे आग्रह करती हूं ताकि राज्य सरकार राज्य के लोगों के लिए विकास के और काम करा सके.' पत्र पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए भाजपा के राष्ट्रीय सचिव राहुल सिन्हा ने हैरानी जताई कि मुख्यमंत्री को पत्र लिखने में इतना लंबा वक्त क्यों लग गया. उन्होंने कहा, ‘राज्य सरकार इतने समय से क्या कर रही थी? निकाय चुनावों के ठीक पहले अचानक ही उन्हें एहसास हुआ है कि कोष से उन्हें वंचित किया गया है. यह राज्य के लोगों को बेवकूफ बनाने का राजनीतिक हथकंडा है.' राज्य में 107 नगर पालिकाओं और कोलकाता नगर निगम में अप्रैल में चुनाव होना है. निकाय चुनाव को 2021 के राज्य विधानसभा चुनावों के पहले ‘मिनी विधानसभा चुनाव' के तौर पर देखा जा रहा है.

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(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)

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