कोलकाता:
पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी बुधवार को उस अस्पताल तक गईं, जिसमें मंगलवार को सीपीएम की छात्र ईकाई स्टूडेंट्स फेडरेशन ऑफ इंडिया (एसएफआई) के नेता सुदीप्तो गुप्ता की मौत हुई थी। ममता बनर्जी ने अस्पताल में प्रवेश नहीं किया, लेकिन कहा, "छात्रनेता की मौत बहुत दुर्भाग्यपूर्ण है, और मैं हरसंभव मदद करूंगी।"
दोपहर में 24-वर्षीय छात्र नेता के शव को अस्पताल से सीपीएम की छात्र ईकाई स्टूडेंट्स फेडरेशन ऑफ इंडिया के दफ्तर में लाया गया, जहां गुस्साए छात्रों ने ममता बनर्जी के प्रति जमकर नाराजगी व्यक्त की। लेफ्ट के तमाम नेता छात्र को अंतिम विदाई देने के लिए इकट्ठा हुए हैं। पूर्व सीएम बुद्धादेब भट्टाचार्य भी इस मौके पर एसएफआई दफ्तर पहुंचे।
उनका मानना है कि छात्र की मौत के लिए पुलिस जिम्मेदार है। विपक्षी दल सीपीएम ने इस मामले को लेकर ममता सरकार को कठघरे में खड़ा किया है।
सीपीएम नेता नीलोत्पल बसु ने कहा, छात्र नेता की मौत के बाद भी शोक जताने की बजाय ममता बनर्जी आईपीएल के उद्घाटन समारोह में गईं... इससे ज्यादा शर्मनाक बात और क्या हो सकती है। वहीं सीपीएम नेता सीताराम येचुरी ने कहा कि इस तरह की घटना की घोर निंदा होनी चाहिए। पुलिस कस्टडी में मौत होने के कारणों की न्यायिक जांच की जरूरत है... इसकी सरकार को जिम्मेदारी लेनी होगी।
कॉलेजों की छात्र यूनियनों के चुनाव स्थगित करने के राज्य सरकार के फैसले के खिलाफ मंगलवार को कोलकाता में एक 'कानून तोड़ो' प्रदर्शन कर रहे एसएफआई के कुछ कार्यकर्ताओं को लाठीचार्ज के बाद गिरफ्तार किया गया था, जिनमें सुदीप्तो गुप्ता भी शामिल था। जब इन प्रदर्शनकारी छात्रों को जेल ले जाया जा रहा था, तब सुदीप्तो का सिर एक खंभे से टकरा गया। एसएफआई का आरोप है कि बस में काफी बड़ी संख्या में छात्रों को भर दिया गया था, जिससे यह हादसा हुआ।
उधर, सुदीप्तो गुप्ता की मौत के मामले में पुलिस ने बस के ड्राइवर राजू दास को गैर-इरादतन हत्या और लापरवाही से बस चलाने के आरोप में गिरफ्तार कर लिया है।
इससे पहले, पुलिस ने दावा किया था कि सुदीप्तो की मौत बस से गिरने के कारण हुई, जबकि एसएफआई का आरोप है कि उसकी मौत पुलिस लाठीचार्ज में घायल होने की वजह से हुई। वैसे, सुदीप्तो गुप्ता की पोस्टमार्टम रिपोर्ट भी बुधवार को ही आनी है, जिससे उसकी मौत की वजह साफ हो जाएगी।
दोपहर में 24-वर्षीय छात्र नेता के शव को अस्पताल से सीपीएम की छात्र ईकाई स्टूडेंट्स फेडरेशन ऑफ इंडिया के दफ्तर में लाया गया, जहां गुस्साए छात्रों ने ममता बनर्जी के प्रति जमकर नाराजगी व्यक्त की। लेफ्ट के तमाम नेता छात्र को अंतिम विदाई देने के लिए इकट्ठा हुए हैं। पूर्व सीएम बुद्धादेब भट्टाचार्य भी इस मौके पर एसएफआई दफ्तर पहुंचे।
उनका मानना है कि छात्र की मौत के लिए पुलिस जिम्मेदार है। विपक्षी दल सीपीएम ने इस मामले को लेकर ममता सरकार को कठघरे में खड़ा किया है।
सीपीएम नेता नीलोत्पल बसु ने कहा, छात्र नेता की मौत के बाद भी शोक जताने की बजाय ममता बनर्जी आईपीएल के उद्घाटन समारोह में गईं... इससे ज्यादा शर्मनाक बात और क्या हो सकती है। वहीं सीपीएम नेता सीताराम येचुरी ने कहा कि इस तरह की घटना की घोर निंदा होनी चाहिए। पुलिस कस्टडी में मौत होने के कारणों की न्यायिक जांच की जरूरत है... इसकी सरकार को जिम्मेदारी लेनी होगी।
कॉलेजों की छात्र यूनियनों के चुनाव स्थगित करने के राज्य सरकार के फैसले के खिलाफ मंगलवार को कोलकाता में एक 'कानून तोड़ो' प्रदर्शन कर रहे एसएफआई के कुछ कार्यकर्ताओं को लाठीचार्ज के बाद गिरफ्तार किया गया था, जिनमें सुदीप्तो गुप्ता भी शामिल था। जब इन प्रदर्शनकारी छात्रों को जेल ले जाया जा रहा था, तब सुदीप्तो का सिर एक खंभे से टकरा गया। एसएफआई का आरोप है कि बस में काफी बड़ी संख्या में छात्रों को भर दिया गया था, जिससे यह हादसा हुआ।
उधर, सुदीप्तो गुप्ता की मौत के मामले में पुलिस ने बस के ड्राइवर राजू दास को गैर-इरादतन हत्या और लापरवाही से बस चलाने के आरोप में गिरफ्तार कर लिया है।
इससे पहले, पुलिस ने दावा किया था कि सुदीप्तो की मौत बस से गिरने के कारण हुई, जबकि एसएफआई का आरोप है कि उसकी मौत पुलिस लाठीचार्ज में घायल होने की वजह से हुई। वैसे, सुदीप्तो गुप्ता की पोस्टमार्टम रिपोर्ट भी बुधवार को ही आनी है, जिससे उसकी मौत की वजह साफ हो जाएगी।
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