पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी (Mamata Banerjee) ने सोमवार को कहा कि उनकी सरकार अगले तीन-चार दिनों में नागरिकता संशोधन कानून (CAA) के खिलाफ विधानसभा में प्रस्ताव पारित करेगी. उन्होंने अन्य राज्यों, खासकर पूर्वोत्तर के राज्यों से भी ऐसे प्रस्ताव पारित करने की अपील की. ममता ने कहा, 'हम तीन महीने पहले NRC के खिलाफ भी प्रस्ताव पारित कर चुके हैं. अगले तीन-चार दिनों में हम CAA के खिलाफ भी प्रस्ताव पारित करेंगे.' बता दें, इससे पहले मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी की अगुवाई वाली केरल सरकार और पंजाब की कांग्रेस सरकार भी CAA के खिलाफ विधानसभा में प्रस्ताव पारित कर चुकी है और इस विवादास्पद कानून को खत्म करने की मांग कर रही है.
पिछले महीने संसद में पारित नागरिकता संशोधन कानून (CAA) के तहत 31 दिसंबर, 2014 से पहले पाकिस्तान, अफगानिस्तान और बांग्लादेश में धार्मिक उत्पीड़न झेल रहे हिंदुओं, ईसाइयों, सिखों, पारसियों, जैन और बौद्ध संप्रदाय के लोगों को भारत की नागरिकता देने का प्रावधान है.
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बता दें, CAA इसी महीने 10 तारीख को लागू किया गया है. इस कानून के पारित होने के बाद से ही इसे संविधान के विरुद्ध, धर्म के आधार पर भेदभाव करने वाला कानून बताते हुए इसके खिलाफ देशभर में हजारों छात्र, सामाजिक कार्याकर्ता, भाजपा विरोधी राजनीतिक दल और आम आदमी सड़कों पर उतर आए हैं और सुप्रीम कोर्ट में दर्जन याचिकाएं दाखिल की गई है.
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