मलयालम टेलीविजन चैनल MediaOne TV, सूचना और प्रसारण मंत्रालय द्वारा अनुमत चैनलों की सूची से उसका नाम हटाए जाने के बाद फिर से बंद हो गया है. सूत्रों ने कहा कि "केंद्रीय गृह मंत्रालय द्वारा सुरक्षा मंजूरी देने से इनकार करने" के बाद मंत्रालय ने चैनल के लाइसेंस के नवीनीकरण की अनुमति से इनकार कर दिया. MediaOne TV ने कहा कि वह कानूनी विकल्प तलाश रहा है और अभी के लिए प्रसारण रोक दिया गया है. MediaOne TV ने 30 सितंबर, 2021 से 29 सितंबर, 2031 तक नवीनीकरण के लिए प्रसारण अनुमतियों के लिए आवेदन किया था.
MediaOne TV के संपादक प्रमोद रमन ने एक बयान में कहा कि सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय ने चैनल पर प्रसारण पर प्रतिबंध लगा दिया है. बयान में कहा गया है, "मंत्रालय ने कहा है कि प्रतिबंध सुरक्षा कारणों से था, लेकिन चैनल को अभी तक इसके बारे में विवरण नहीं मिला है. केंद्र सरकार ने मीडियावन टीवी पर प्रतिबंध के बारे में विवरण उपलब्ध नहीं कराया है. हमने प्रतिबंध के खिलाफ कानूनी कार्रवाई शुरू कर दी है. प्रक्रिया पूरी करने के बाद, चैनल दर्शकों के बीच वापस आ जाएगा. हम इस उम्मीद के साथ प्रसारण को अस्थायी रूप से निलंबित कर रहे हैं कि अंत में न्याय होगा."
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साल 2020 में MediaOne TV को I&B मंत्रालय की ओर से यह कह कर ऑफ एयर कर दिया गया था कि उसने दिल्ली में नागरिकता संशोधन अधिनियम के खिलाफ विरोध प्रदर्शन के दौरान हुई हिंसा की कवरेज के समय केबल टेलीविजन नेटवर्क नियम 1994 के प्रावधानों का उल्लंघन किया था.
नोटिफिकेशन दिल्ली स्थित एक संवाददाता के ऊपर था, जिसने दावा किया था कि "दोपहर 2 से रात 9 बजे तक एक छत से सीएए के विरोध स्थल पर तोड़फोड़ की गई थी और लगभग पांच सीएए विरोधी प्रदर्शनकारी घायल हो गए थे."
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मंत्रालय ने कहा कि एशियानेट ने हमलों को "सांप्रदायिक हिंसा" के रूप में संदर्भित किया था और इसके एंकर/संवाददाता ने कहा था कि "केंद्र ने हिंसा के लिए मौन सहमति दी थी".
मंत्रालय द्वारा प्रसारण की एक प्रति की जांच की गई, जिसमें कहा गया कि चैनल ने "सीएए विरोधी प्रदर्शनकारियों के प्रति सरकार के प्रतिकिया न देने पर सरकार हमला बोला और हिंसा की चपेट में रहे जाफराबाद में अज्ञात भाजपा नेता द्वारा "भड़काऊ भाषण" के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज करने में विफल रहने के लिए दिल्ली पुलिस की आलोचना की.
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