प्रतीकात्मक फोटो.
नई दिल्ली:
शोपियां फायरिंग मामले में मेजर आदित्य को सुप्रीम कोर्ट से मिली राहत बरकरार रहेगी. सुप्रीम कोर्ट 21 अगस्त को मामले की अंतिम सुनवाई करेगा. सुप्रीम कोर्ट को तय करना है कि क्या AFSA की धारा सात के तहत सेना के खिलाफ FIR दर्ज करने से पहले केंद्र की इजाजत जरूरी है या नहीं.
पिछली सुनवाई में जम्मू कश्मीर राज्य ने कहा था कि FIR पर जांच अनिश्चितकाल तक नहीं रोकी जा सकती. केंद्र ने कहा था कि राज्य को सेना के खिलाफ FIR दर्ज करने का अधिकार नहीं है. मेजर आदित्य व अन्य सेनाकर्मियों के खिलाफ FIR पर जांच पर रोक जारी रहेगी.
यह भी पढ़ें : शोपियां फायरिंग मामला: सुप्रीम कोर्ट में केंद्र सरकार ने कहा, सेना के खिलाफ FIR नहीं की जा सकती
सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि इस मामले में राज्य पुलिस फिलहाल जांच नहीं करेगी. चीफ जस्टिस ने कहा था कि ये मामला सेना के अधिकारी का है किसी सामान्य अपराधी का नहीं. इससे पहले केंद्र सरकार सेना के मेजर आदित्य के समर्थन में दाखिल की अर्जी दाखिल की थी.
VIDEO : मेजर के समर्थन में अर्जी
केंद्र सरकार ने कहा कि जम्मू कश्मीर सरकार के पास ये अधिकार नही कि वो बिना केंद्र सरकार की अनुमति के सेना के अफसर खिलाफ FIR दर्ज कर सके. केंद्र सरकार ने कहा कि इस विषय पर गहन विचार किया गया और ये पाया कि केंद्र सरकार की इजाजत के बिना राज्य सरकार इस मामले में कोई भी आपराधिक कार्रवाई सेना के अफसर के खिलाफ नहीं कर सकती. इस मामले में राज्य सरकार ने केंद्र सरकार को कोई इजाजत नहीं ली है. केंद्र सरकार ने कहा कि जम्मू-कश्मीर में आतंकवादी और देश विरोधी ताकतें कानून का उल्लंघन कर रही है इससे सुरक्षा व्यस्था प्रभावित होती है.
पिछली सुनवाई में जम्मू कश्मीर राज्य ने कहा था कि FIR पर जांच अनिश्चितकाल तक नहीं रोकी जा सकती. केंद्र ने कहा था कि राज्य को सेना के खिलाफ FIR दर्ज करने का अधिकार नहीं है. मेजर आदित्य व अन्य सेनाकर्मियों के खिलाफ FIR पर जांच पर रोक जारी रहेगी.
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सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि इस मामले में राज्य पुलिस फिलहाल जांच नहीं करेगी. चीफ जस्टिस ने कहा था कि ये मामला सेना के अधिकारी का है किसी सामान्य अपराधी का नहीं. इससे पहले केंद्र सरकार सेना के मेजर आदित्य के समर्थन में दाखिल की अर्जी दाखिल की थी.
VIDEO : मेजर के समर्थन में अर्जी
केंद्र सरकार ने कहा कि जम्मू कश्मीर सरकार के पास ये अधिकार नही कि वो बिना केंद्र सरकार की अनुमति के सेना के अफसर खिलाफ FIR दर्ज कर सके. केंद्र सरकार ने कहा कि इस विषय पर गहन विचार किया गया और ये पाया कि केंद्र सरकार की इजाजत के बिना राज्य सरकार इस मामले में कोई भी आपराधिक कार्रवाई सेना के अफसर के खिलाफ नहीं कर सकती. इस मामले में राज्य सरकार ने केंद्र सरकार को कोई इजाजत नहीं ली है. केंद्र सरकार ने कहा कि जम्मू-कश्मीर में आतंकवादी और देश विरोधी ताकतें कानून का उल्लंघन कर रही है इससे सुरक्षा व्यस्था प्रभावित होती है.
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