महेश शर्मा (फाइल फोटो)
नई दिल्ली:
भारत आने वाली विदेशी महिलाओं को स्कर्ट न पहनने और रात में अकेले न घूमने की सलाह देने वाले केंद्रीय मंत्री महेश शर्मा ने सफाई दी है. उनका कहना है कि उन्होंने स्कर्ट की बात सिर्फ धार्मिक संस्थानों के बाबत कही थी और यह बात उन्होंने फिक्रमंद होते हुए कही थी.
संस्कृति मंत्री ने सफाई में कहा 'मेरी भी दो बेटियां हैं, मैं कभी भी महिलाओं को नहीं बताऊंगा कि वह क्या पहने क्या नहीं. हमारी तो संस्कृति ही अतिथि देवो भव: की है. इस तरह के प्रतिबंध की तो कल्पना भी नहीं की जा सकती लेकिन सतर्क रहने में कोई बुराई नहीं है. अलग अलग देश वक्त वक्त पर परामर्श जारी करते रहते हैं लेकिन मैंने कभी भी किसी के पहनावे को बदलने की बाद नहीं की है.'
'वैदिक काल में थी आज़ादी'
हालांकि बीजेपी के धुर विरोधी दिल्ली सीएम अरविंद केजरीवाल इस बात से सहमत नज़र नहीं आए. उन्होंने ट्वीट किया 'मोदी काल से ज्यादा तो वैदिक काल में औरतों को अपनी पसंद के कपड़े पहनने की आज़ादी थी.'
रविवार को केंद्रीय संस्कृति एवं पर्यटन मंत्री महेश शर्मा ने भारत आने वाली विदेशी महिलाओं को 'स्कर्ट नहीं पहनने और रात को बाहर अकेले नहीं जाने' की सलाह दी थी. इसके पीछे वह सुरक्षा कारण बता रहे थे. पर्यटन मंत्रालय की तरफ से इस बाबत भारत आने वाले विदेशियों को एक एडवाइडरी भी जारी की जाएगी. आगरा में कुछ संवाददाताओं से बात करते हुए महेश शर्मा ने यह बयान दिया था.
मंत्री ने यह भी कहा था कि 'भारत एक सांस्कृतिक देश है और मंदिरों में जाने के लिए हमारे अलग अलग ड्रेस कोड हैं. विदेशियों को इस बात का ध्यान रखना चाहिए.' इस बीच जब एक रिपोर्टर ने उनके स्कर्ट से जुड़े बयान पर सवाल किया तो शर्मा ने कहा 'हमें किसी के कपड़े या सोच बदलने का कोई अधिकार नहीं है.' हालांकि सफाई देने के बावजूद भी ट्विटर पर शर्मा के बयान की आलोचना शुरू हो चुकी थी.
इससे पहले भी शर्मा ने पिछले साल यह कहकर विवाद खड़ा कर दिया था कि लड़कियों का रात को बाहर निकलना भारत में स्वीकार्य नहीं है.
संस्कृति मंत्री ने सफाई में कहा 'मेरी भी दो बेटियां हैं, मैं कभी भी महिलाओं को नहीं बताऊंगा कि वह क्या पहने क्या नहीं. हमारी तो संस्कृति ही अतिथि देवो भव: की है. इस तरह के प्रतिबंध की तो कल्पना भी नहीं की जा सकती लेकिन सतर्क रहने में कोई बुराई नहीं है. अलग अलग देश वक्त वक्त पर परामर्श जारी करते रहते हैं लेकिन मैंने कभी भी किसी के पहनावे को बदलने की बाद नहीं की है.'
'वैदिक काल में थी आज़ादी'
हालांकि बीजेपी के धुर विरोधी दिल्ली सीएम अरविंद केजरीवाल इस बात से सहमत नज़र नहीं आए. उन्होंने ट्वीट किया 'मोदी काल से ज्यादा तो वैदिक काल में औरतों को अपनी पसंद के कपड़े पहनने की आज़ादी थी.'
Women had greater freedom to wear clothes of their choice in Vedic times than they have in Modi times
— Arvind Kejriwal (@ArvindKejriwal) August 29, 2016
https://t.co/8nKdRAhXIC
रविवार को केंद्रीय संस्कृति एवं पर्यटन मंत्री महेश शर्मा ने भारत आने वाली विदेशी महिलाओं को 'स्कर्ट नहीं पहनने और रात को बाहर अकेले नहीं जाने' की सलाह दी थी. इसके पीछे वह सुरक्षा कारण बता रहे थे. पर्यटन मंत्रालय की तरफ से इस बाबत भारत आने वाले विदेशियों को एक एडवाइडरी भी जारी की जाएगी. आगरा में कुछ संवाददाताओं से बात करते हुए महेश शर्मा ने यह बयान दिया था.
मंत्री ने यह भी कहा था कि 'भारत एक सांस्कृतिक देश है और मंदिरों में जाने के लिए हमारे अलग अलग ड्रेस कोड हैं. विदेशियों को इस बात का ध्यान रखना चाहिए.' इस बीच जब एक रिपोर्टर ने उनके स्कर्ट से जुड़े बयान पर सवाल किया तो शर्मा ने कहा 'हमें किसी के कपड़े या सोच बदलने का कोई अधिकार नहीं है.' हालांकि सफाई देने के बावजूद भी ट्विटर पर शर्मा के बयान की आलोचना शुरू हो चुकी थी.
इससे पहले भी शर्मा ने पिछले साल यह कहकर विवाद खड़ा कर दिया था कि लड़कियों का रात को बाहर निकलना भारत में स्वीकार्य नहीं है.
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