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This Article is From Sep 15, 2015

ऑटो परमिट चाहिए तो मराठी भाषा आना जरूरी : महाराष्ट्र सरकार

ऑटो परमिट चाहिए तो मराठी भाषा आना जरूरी : महाराष्ट्र सरकार
ऑटोरिक्शा की फाइल फोटो
मुंबई: महाराष्ट्र सरकार में परिवहन मंत्री ने ऐलान किया है कि मराठी न आनेवालों को अब ऑटो परमिट नहीं मिलेगा। राज्य सरकार में दिवाकर रावते शिवसेना के कोटे से परिवहन मंत्री बने हैं।

ऑटो परमिट एक विशेष पत्र है जो इलाके में ऑटो चलाकर व्यवसाय करने की अनुमति देता है। इस परमिट को परिवहन विभाग से जारी किया जाता है।

मंत्री दिवाकर रावते ने संवाददातों से बात करते हुए कहा है कि, ऑटो चलानेवाले को स्थानीय भाषा का ज्ञान हो। जिससे उपभोक्ता से वह आसानी से बातचीत कर सके।

महाराष्ट्र का परिवहन विभाग नवम्बर में मुम्बई उपनगर, ठाणे और रायगढ़ इलाके में पुराने और नए मिलाकर कुल 1 लाख 40 हजार 65 परमिट्स जारी करने जा रहा है। इन परमिट्स को पाने के लिए अक्टूबर महीने में लिखित परीक्षा होगी। परीक्षा में मराठी भाषा का ज्ञान जांचा जाएगा।

सरकार के फरमान पर सवाल उठे हैं। NDTV इण्डिया से बात करते हुए मुम्बई कांग्रेस अध्यक्ष संजय निरुपम ने सवाल किया है कि राज्य में उद्योग करने के लिए जब डोमिसाइल सर्टिफिकेट होना काफी है तब इस नए फरमान की क्या जरूरत? कांग्रेस इस फरमान का विरोध करेगी।

विवादों से नाता : 'रात में देखते हैं 'वो' वीडियो क्लिप'
इससे पहले महाराष्ट्र के खाद्य मंत्री गिरिश बापट ने छात्रों के एक दीक्षांत समारोह में 'रात में देखी जाने वाली वीडियो क्लिप' के बारे में ऐसी बात कह दी कि उससे उनकी पार्टी बीजेपी भी शर्मसार हो गई है। वहीं पार्टी के आलोचकों को एक नया मुद्दा मिल गया और मंत्री की इस कथित 'अश्लील' टिप्पणी पर पुलिस में एक शिकायत भी दर्ज कराई गई है।

इससे पहले मुंबई में जैन समुदाय के पर्यूषण पर्व के दौरान मीट पर बैन लगा दिया गया था, जिसके कारण सरकार की खूब आलोचना हुई और मामला हाईकोर्ट तक पहुंच गया।

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