मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस (फाइल फोटो)
मुंबई:
महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस के ट्वीट पर राज्य चुनाव आयोग के निर्बंध लागू होने पर महाराष्ट्र में चुनाव आयोग और मुख्यमंत्री आमने-सामने आ गए हैं. महाराष्ट्र में नगर परिषद और नगर पंचायत चुनाव की घोषणा हो गई है. इसे लेकर आचार संहिता सोमवार से लागू हो गई. महाराष्ट्र कैबिनेट में इस फैसले का विरोध किया गया. महाराष्ट्र में 212 नगर परिषद और नगर पंचायतों के चुनाव होने हैं. राज्य के ज्यादातर इलाकों में आचार संहिता लागू की गई है.
महाराष्ट्र के मुख्य चुनाव आयुक्त जेएस सहारिया ने सोमवार को बताया कि चुनाव की आचार संहिता तत्काल प्रभाव से राज्य में लागू हो चुकी है. ऐसे में किसी को भी वोटर को प्रभावित करने की अनुमति नहीं होगी. चुनाव आयुक्त ने आगे जाकर यह भी स्पष्ट कर दिया कि, सोशल मीडिया पर होने वाले प्रचार पर उनकी कड़ी नजर होगी. और सरकारी विज्ञापन तथा मुख्यमंत्री के ट्वीट इसके दायरे में होंगे. इसके अलावा, आचार संहिता लागू हुए क्षेत्र में सरकारी पैसे से काम नहीं किए जा सकेंगे.
मंगलवार को महाराष्ट्र कैबिनेट की बैठक में चुनाव आयोग की सख्ती पर नाराजगी जाहिर की गई. साथ ही तय किया गया कि चुनाव आयोग को एक खत लिखकर अपना विरोध प्रकट किया जाएगा. मुख्यमंत्री फडणवीस ने कैबिनेट बैठक के बाद इसकी सूचना मीडिया को दी.
महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री का एक सरकारी ट्वीटर हैंडल है जबकि दूसरा व्यक्तिगत. इन हैंडलों पर सरकारी योजनाओं के उद्घाटन से लेकर कई अन्य सूचनाओं के ट्वीट किए जाते हैं. इनमें से सरकारी खर्चे से होने वाले ट्वीट पर अब आयोग के निर्बंध होंगे. इसी के साथ फडणवीस सरकार के दो साल पूरे होने पर जारी ऐड कैम्पेन पर भी चुनाव आयोग की नजर होगी.
महाराष्ट्र के मुख्य चुनाव आयुक्त जेएस सहारिया ने सोमवार को बताया कि चुनाव की आचार संहिता तत्काल प्रभाव से राज्य में लागू हो चुकी है. ऐसे में किसी को भी वोटर को प्रभावित करने की अनुमति नहीं होगी. चुनाव आयुक्त ने आगे जाकर यह भी स्पष्ट कर दिया कि, सोशल मीडिया पर होने वाले प्रचार पर उनकी कड़ी नजर होगी. और सरकारी विज्ञापन तथा मुख्यमंत्री के ट्वीट इसके दायरे में होंगे. इसके अलावा, आचार संहिता लागू हुए क्षेत्र में सरकारी पैसे से काम नहीं किए जा सकेंगे.
मंगलवार को महाराष्ट्र कैबिनेट की बैठक में चुनाव आयोग की सख्ती पर नाराजगी जाहिर की गई. साथ ही तय किया गया कि चुनाव आयोग को एक खत लिखकर अपना विरोध प्रकट किया जाएगा. मुख्यमंत्री फडणवीस ने कैबिनेट बैठक के बाद इसकी सूचना मीडिया को दी.
महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री का एक सरकारी ट्वीटर हैंडल है जबकि दूसरा व्यक्तिगत. इन हैंडलों पर सरकारी योजनाओं के उद्घाटन से लेकर कई अन्य सूचनाओं के ट्वीट किए जाते हैं. इनमें से सरकारी खर्चे से होने वाले ट्वीट पर अब आयोग के निर्बंध होंगे. इसी के साथ फडणवीस सरकार के दो साल पूरे होने पर जारी ऐड कैम्पेन पर भी चुनाव आयोग की नजर होगी.
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