महाराष्ट्र में 'ऑपरेशन' लोटस की तैयारी में BJP? कभी कांग्रेस-NCP-शिवसेना में रहे इन 4 नेताओं को सौंपी जिम्मेदारी!

Maharashtra Government 2019: सूत्रों के मुताबिक खबर है कि बीजेपी (BJP) महराष्ट्र में भी 'ऑपरेशन लोटस' (Operation Lotus) की तैयारी में जुट गई है. इसके लिए भारतीय जनता पार्टी ने उन चार नेताओं को बहुमत का आंकड़ा जुटाने की जिम्मेदारी दी है, जो कभी न कभी कांग्रेस, एनसीपी और शिवसेना के सदस्य रहे हैं.

खास बातें

  • महाराष्ट्र में BJP के सामने बहुमत साबित करने की चुनौती
  • 'बहुमत साबित करने के लिए ऑपरेशन लोटस की तैयारी में BJP'
  • बीजेपी चार नेताओं को सौंपी बहुमत जुटाने की जिम्मेदारी: सूत्र
नई दिल्ली:

महाराष्ट्र (Maharashtra) में सियासी नाटक रविवार को भी जारी रहा. एक तरफ भारतीय जनता पार्टी (BJP) बहुमत साबित करने का दावा करती रही तो वहीं, दूसरी तरफ NCP-कांग्रेस और शिवसेना (Shiv Sena) अपने विधायकों को 'खरीद फरोख्त' से रोकने के लिए एकजुट करने में जुटी रही. देर शाम एनसीपी विधायकों को मुंबई के रेनेसां होटल से होटल हयात शिफ़्ट किया गया. इसके पीछे वजह ये भी बताई जा रही है कि कांग्रेस और शिवसेना (Shiv Sena) के विधायक जिन होटलों में रुके हैं, उनसे होटल हयात काफी नज़दीक है. ऐसे में तीनों दलों के नेताओं को सामंजस्य बनाने में मदद मिलेगी. वहीं, दूसरी तरफ सूत्रों के मुताबिक खबर है कि बीजेपी (BJP) महराष्ट्र में भी 'ऑपरेशन लोटस' (Operation Lotus) की तैयारी में जुट गई है. इसके लिए भारतीय जनता पार्टी ने उन चार नेताओं को बहुमत का आंकड़ा जुटाने की जिम्मेदारी दी है, जो कभी न कभी कांग्रेस, एनसीपी और शिवसेना के सदस्य रहे हैं. बताया जा रहा है कि ये नेता राधाकृष्ण विखे पाटील (पूर्व कांग्रेस नेता), गणेश नाईक (एनसीपी से BJP में आए), बबनराव पाचपुते, (कांग्रेस, एनसीपी में रहे) और नारायण राणे (शिवसेना, कांग्रेस में रहे). 

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बता दें कि शनिवार की सुबह भारतीय जनता पार्टी ने NCP के समर्थन से सरकार तो बना ली, लेकिन उसके लिए बहुमत का आंकड़ा जुटाना आसान नहीं होगा. शनिवार सुबह राजभवन में आयोजित सादे समारोह में देवेंद्र फडणवीस (Devendra Fadnavis) ने दूसरी बार मुख्यमंत्री पद की शपथ ली. वहीं NCP नेता अजित पवार ने उपमुख्यमंत्री पद की शपथ ली. हालांकि शनिवार देर शाम NCP प्रमुख शरद पवार ने दावा किया कि पार्टी के 49 विधायक हमारे साथ हैं. यहां तक कि अजित पवार के साथ शपथ समारोह में राजभवन पहुंचे धनंजय मुंडे (Dhananjay Munde) ने भी रविवार को ट्वीट कर यह बता दिया कि वे NCP प्रमुख शरद पवार (Sharad Pawar) के साथ हैं.

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'शिवसेना-एनसीपी-कांग्रेस की सरकार बनने का भरोसा'
उधर, दिन भर सबकी निगाहें मुंबई के पवई इलाके के रेनेसां होटल पर लगी रही जहां एनसीपी के विधायक रविवार शाम तक ठहरे हुए थे. 54 में से 50 विधायक यहां मौजूद रहे, जिनसे मिलने एनसीपी प्रमुख शरद पवार ख़ुद पहुंचे. इसी दौरान शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे और प्रवक्ता संजय राउत भी वहां पहुंच गए. शरद पवार और उद्धव ठाकरे ने एनसीपी के विधायकों को संबोधित किया और भरोसा दिलाया कि अगली सरकार शिवसेना, एनसीपी और कांग्रेस की ही बनेगी.

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इससे पहले रविवार को ये मामला सुप्रीम कोर्ट भी पहुंचा. छुट्टी होने के बावजूद सुप्रीम कोर्ट खुली और इस मसले पर एनसीपी, कांग्रेस और शिवसेना के पक्ष की ओर से दलीलों को सुना. केंद्र सरकार की ओर से भी दलीलें रखी गईं. नतीजा ये निकला कि सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार को सोमवार सुबह साढ़े दस बजे तक वो दोनों पत्र सामने रखने को कहा, जिनमें बहुमत का दावा किया गया और देवेंद्र फडणवीस को सरकार बनाने का न्योता दिया गया. इन पत्रों को पढ़ने के बाद ही सुप्रीम कोर्ट कल फ़्लोर टेस्ट कराने की मांग पर कोई फ़ैसला करेगा.

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BJP विधायकों की बैठक, फडणवीस भी रहे मौजूद
मुबंई में भाजपा विधायकों की बैठक के बाद BJP नेता आशीष शेलार (Ashish Shelar) ने कहा कि हम बहुमत साबित करेंगे. आशीष शेलार ने कहा कि बैठक में हमने चर्चा की और फ्लोर टेस्ट को आराम से पास करने की रणनीति तय की. हमने देवेंद्र फडणवीस को मुख्यमंत्री के रूप में शपथ लेने के लिए बधाई देते हुए एक प्रस्ताव भी पारित किया है. विधायकों की मीटिंग के बाद BJP नेता आशीष शेलार ने भरोसा जताया कि हमारी सरकार पांच साल पूरे करेगी.

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बता दें कि नारायण राणे सार्वजनिक रूप से कहते रहे हैं, "मेरे दोस्त हर जगह हैं. शिवसेना में उद्धव और कांग्रेस में अशोक चव्हाण को छोड़कर सब मेरे दोस्त हैं." यह चर्चित बयान उन्होंने वर्ष 2017 में कांग्रेस छोड़ते वक्त दिया था. वह अजित पवार के सहयोग से फडणवीस के नेतृत्व में बनी सरकार के लिए बहुमत का 'जुगाड़' कर भाजपा से राज्यसभा सीट मिलने का कर्ज उतारना चाहते हैं. वर्ष 2018 में गठबंधन सहयोगी शिवसेना के भारी विरोध के बावजूद भाजपा ने उन्हें अपने कोटे से राज्यसभा भेजा था. वहीं, विधानसभा चुनाव के दौरान उनकी पार्टी महाराष्ट्र स्वाभिमान पक्ष का विलय कर देवेंद्र फडणवीस ने उन्हें भाजपा में शामिल किया था.

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12 नवंबर को महाराष्ट्र में राष्ट्रपति शासन लागू होने के बाद नारायण राणे ने कहा था, "भाजपा की सरकार बनाने के लिए मैं पूरी कोशिश करूंगा. सरकार बनाने के लिए जो करना होगा, वो करेंगे. साम, दाम, दंड, भेद तो शिवसेना ने ही मुझे सिखाया है." नारायण राणे पूर्व में कह चुके हैं कि भाजपा के पास 105 विधायक हैं और पार्टी को सिर्फ 40-45 विधायकों के समर्थन की व्यवस्था करनी है.