महाराष्ट्र के गृहमंत्री अनिल देशमुख ने कहा - शरजील जहां भी होगा उसे खोजकर लाया जाएगा

अलीगढ़ के मुस्लिम छात्र शरजील उस्मानी की तलाश जारी है. महाराष्ट्र के गृहमंत्री अनिल देशमुख ने कहा है कि शरजील जहां भी होगा उसे खोजकर लाया जाएगा. इस बीच महाराष्ट्र के 180 एनजीओ से मिलकर बनी महाराष्ट्र मुस्लिम संघ ने मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे को पत्र लिखकर शरजील के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग की है.

महाराष्ट्र के गृहमंत्री अनिल देशमुख ने कहा - शरजील जहां भी होगा उसे खोजकर लाया जाएगा

महाराष्ट्र के गृहमंत्री अनिल देशमुख - फाइल फोटो

मुंबई:

अलीगढ़ के मुस्लिम छात्र शरजील उस्मानी की तलाश जारी है. महाराष्ट्र के गृहमंत्री अनिल देशमुख ने कहा है कि शरजील जहां भी होगा उसे खोजकर लाया जाएगा. इस बीच महाराष्ट्र के 180 एनजीओ से मिलकर बनी महाराष्ट्र मुस्लिम संघ ने मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे को पत्र लिखकर शरजील के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग की है.

बीजेपी के बाद अब महाराष्ट्र के 180 मुस्लिम एनजीओ ने भी शरजील उस्मानी के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग की है. महाराष्ट्र मुस्लिम संघ ने मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे को पत्र लिखकर शरजील उस्मानी के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग की. साथ ही शरजील को मंच देने वाली यलगर परिषद की भी जांच की मांग की है.

महाराष्ट्र मुस्लिम संघ के मुख्य संयोजक फकीर मोहम्मद ठाकुर ने कहा, ''अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी के पूर्व छात्र शरजील उस्मानी का 30 जनवरी का भाषण विवादों में है. शरजील ने अपने भाषण में मॉब लिंचिंग का हवाला देते हुए कहा था कि हिन्दू समाज सड़ चुका है.''

पुणे की स्वारगेट पुलिस ने बीजेपी की शिकायत पर समाज के दो धर्मों के बीच तनाव फैलाने का मामला दर्ज कर लिया है. गृहमंत्री अनिल देशमुख ने कहा, ''शरजील जहां भी उसे खोज निकालेंगे.''

महाराष्ट्र के गृहमंत्री अनिल देशमुख ने कहा, ''शरजील उत्तरप्रदेश, बिहार या गुजरात जहां कहीं भी छिपा हो उसे खोज निकालेंगे.''

बीजेपी प्रवक्ता राम कदम ने कहा, ''बीजेपी नेता और पूर्व मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस के शिवसेना पर तंज कसने के बाद शिवसेना के मुखपत्र में संपादकीय लिखकर शरजील के खिलाफ कार्रवाई का भरोसा दिलाया है. लेकिन बीजेपी को अब भी शिवसेना पर भरोसा नही है.''

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पुणे में होने वाली यलगार परिषद साल 2017 तब विवादो में आई जब उसके दूसरे दिन ही राज्य में हिंसा भड़क गई थी. NIA उसकी जांच कर रही है और कई लोग अब भी सलाखों के पीछे हैं. अब 3 साल बाद फिर से एक भड़काऊ भाषण ने यलगार परिषद को विवादों में ला दिया है.