शिवसेना ने सोमवार को भाजपा पर जबरदस्त प्रहार करते हुए कहा कि जिन लोगों ने उद्धव ठाकरे नीत दल के साथ अपनी 25 साल पुरानी मित्रता का सम्मान नहीं किया वह राकांपा नेता अजित पवार को भी एक ना एक दिन छोड़ देंगे. शिवसेना के मुखपत्र ‘सामना' के संपादकीय में महाराष्ट्र के उप मुख्यमंत्री अजित पवार पर भी निशाना साधा गया. इसमें कहा गया है कि बगावत करने वाले नेता असफल रहे हैं और यह बात अगले कुछ दिन में साबित हो जाएगी. इसमें कटाक्ष किया गया है कि देवेंद्र फडणवीस ने चोर की भांति मुख्यमंत्री पद की शपथ ली.
पार्टी ने कहा, ‘अजित पवार पार्टी कार्यालय से चोरी करके लाए गए हस्ताक्षर किए हुए पत्र राज्यपाल को दिखाते हैं और राज्यपाल उन कागजों पर विश्वास करते हुए फडणवीस और अजित पवार को शपथ दिला देते हैं. ये हेरा-फेरी की पराकाष्ठा है. निर्लज्जता जैसे शब्द का प्रयोग करके हमें इस संस्था का अपमान नहीं करना है.' इसमें कहा गया कि ‘अजित पवार को जेल में चक्की पीसने के लिए भेजेंगे', ऐसा कहनेवाले भक्तगण ‘फडणवीस, अजित पवार आगे बढ़ो' की नारेबाजी कर रहे हैं.
महाराष्ट्र में तेजी से हुए घटनाक्रम में शनिवार सुबह आठ बजे राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी ने राजभवन में फडणवीस और पवार को क्रमश: मुख्यमंत्री और उप मुख्यमंत्री पद की शपथ दिलवाई. विधानसभा चुनाव भाजपा और शिवसेना ने साथ मिलकर लड़ा था लेकिन मुख्यमंत्री पद को साझा करने के मुद्दे पर दोनों दलों का लगभग ढाई दशक पुराना संबंध टूट गया था.
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संपादकीय में आरोप लगाया गया कि भाजपा ने राकांपा नेता को ललचाया और फिर दोनों ने मिलकर पूरे राज्य को धोखा दिया. इसमें कहा गया, ‘जिन लोगों ने शिवसेना के साथ 25 साल पुरानी मित्रता का सम्मान नहीं किया वह एक दिन अजीत पवार को भी बाहर का रास्ता दिखा देंगे.'
संपादकीय में लिखा गया, ‘जो लोग यह समझते हैं कि सत्ता सर्वोपरी है, यह उनके सफर का अंतिम पड़ाव है. राज्य की जनता को (इसे देखने के लिए) बस कुछ समय इंतजार करना होगा.'
इसमें कहा गया कि वास्तव में महाराष्ट्र में फिलहाल जो राजनीतिक अस्थिरता है, वो भारतीय जनता पार्टी के कारण, उनकी व्यावसायिक वृत्ति के कारण और फंसाने की कला के कारण है. पहले उन्होंने शिवसेना जैसा मित्र खो दिया और अब वे शातिर चोर की तरह रात के अंधेरे में अपराध कर रहे हैं. शिवसेना ने कहा कि अब भाजपा को बहुमत मिलना मतलब भैंसे से दूध दुहने जैसा है.
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