महाराष्ट्र सरकार ने दाऊद से संबंध रखने वाले व्यक्तियों को वक्फ बोर्ड में नियुक्त किया: फडणवीस

फडणवीस ने विधानसभा में कहा कि उन्होंने एक पेन ड्राइव जमा की थी, जिसमें वक्फ बोर्ड के सदस्यों मोहम्मद अरशद खान और मुदस्सिर लांबे के बीच बातचीत है.

महाराष्ट्र सरकार ने दाऊद से संबंध रखने वाले व्यक्तियों को वक्फ बोर्ड में नियुक्त किया: फडणवीस

फडणवीस ने सदन को बताया कि बातचीत के दौरान लांबे ने दावा किया कि उनके ससुर इब्राहिम के सहयोगी थे

मुंबई:

भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) नेता एवं महाराष्ट्र में विपक्ष के नेता देवेंद्र फडणवीस ने सोमवार को राज्य की महा विकास अघाडी (एमवीए) सरकार पर राज्य के वक्फ बोर्ड में भगोड़े गैंगस्टर एवं आतंकवादी दाऊद इब्राहिम से संबंध रखने वाले लोगों को नियुक्त करने का आरोप लगाया. हालांकि सत्तारूढ़ गठबंधन की सहयोगी राकांपा ने इस आरोप को खारिज किया और आरोप लगाया गया कि उनके द्वारा उल्लिखित पदाधिकारी को भाजपा के शासन के दौरान बोर्ड में मनोनीत किया गया था. फडणवीस ने विधानसभा में कहा कि उन्होंने एक पेन ड्राइव जमा की थी, जिसमें वक्फ बोर्ड के सदस्यों मोहम्मद अरशद खान और मुदस्सिर लांबे के बीच बातचीत है.

फडणवीस ने सदन को बताया कि बातचीत के दौरान, लांबे ने दावा किया कि उनके ससुर इब्राहिम के सहयोगी थे जबकि खान ने कहा कि उनके एक रिश्तेदार अंडरवर्ल्ड का हिस्सा थे. भाजपा नेता ने आरोप लगाया कि खान जेल में है जबकि बलात्कार के आरोपों का सामना करने के बावजूद लांबे बाहर है.

वर्तमान में जेल में बंद कैबिनेट मंत्री नवाब मलिक की बेटी जो वक्फ विभाग संभालती है, ने हालांकि फडणवीस के आरोप को खारिज किया.

सना मलिक-शेख ने फडणवीस के दावे का खंडन करते हुए कहा कि यह उनके (2014-19) नेतृत्व वाली राज्य की पूर्ववती सरकार थी जिसने लांबे को बोर्ड में नियुक्त किया था, जिस पर भाजपा नेता ने दाऊद इब्राहिम के साथ संबंध रखने का आरोप लगाया है. राकांपा की एक शाखा, राष्ट्रवादी युवा कांग्रेस की महाराष्ट्र इकाई की उपाध्यक्ष सना मलिक-शेख ने पूर्व मुख्यमंत्री पर पलटवार करते हुए लांबे की फडणवीस के साथ एक तस्वीर ट्विटर पर साझा की.

सना मलिक-शेख के दावे पर जोर देते हुए, महाराष्ट्र कांग्रेस के महासचिव सचिन सावंत ने 'तथाकथित डॉ लांबे के साथ भाजपा के संबंध' की जांच की मांग की और गृह मंत्री दिलीप वालसे पाटिल से नये खुलासे पर ध्यान देने का आग्रह किया.

अल्पसंख्यक मामलों के मंत्री एवं राकांपा के एक वरिष्ठ नेता नवाब मलिक ने इब्राहिम की गतिविधियों से जुड़े एक कथित धनशोधन की जांच के सिलसिले में वर्तमान में न्यायिक हिरासत में हैं.

सना मलिक-शेख ने ट्वीट किया, ‘‘आधा सच पूरा झूठ है. डॉ. लांबे को 13 सितंबर 2019 को फडणवीस/भाजपा सरकार द्वारा वक्फ बोर्ड का सदस्य नियुक्त किया गया था. महा विकास अघाड़ी सरकार का गठन नवंबर 2019 में हुआ था. मेरे पिता को जनवरी 2020 के पहले सप्ताह में अल्पसंख्यक/वक्फ विभाग मिला था.'' इसके बाद, सावंत ने गृह मंत्री से 'नये खुलासे' पर ध्यान देने की मांग की. शिवसेना के नेतृत्व वाली एमवीए सरकार की राकांपा एक प्रमुख घटक है.

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(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)