महाराष्ट्र के गृहमंत्री अनिल देशमुख पर लगे भ्रष्टाचार के आरोपों के बीच उनके खिलाफ जरूरी एक्शन लेने को लेकर महाराष्ट्र के महाविकास अघाड़ी गठबंधन के बीच मतभेद पैदा होते दिख रहे हैं. जहां गठबंधन के एक नेता ने NDTV से कहा कि अनिल देशमुख को पद छोड़ना पड़ा सकता है, वहीं एक दूसरे नेता का कहना है कि अनिल देशमुख के जाने का सवाल ही नहीं उठता है.
गठबंधन के एक वरिष्ठ नेता ने NDTV से कहा कि 'चूंकि अनिल देशमुख पर लगे आरोप काफी गंभीर हैं, ऐसे में उन्हें पद से जाना होगा.' उन्होंने यह भी कहा कि मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे का भी ऐसा ही विचार है.
हालांकि, गठबंधन की सहयोगी नेशनलिस्ट कांग्रेस पार्टी के नेता और प्रदेश ईकाई के अध्यक्ष जयंत पाटिल ने इसके उलट बयान दिया है. अनिल देशमुख एनसीपी के ही नेता हैं. पाटिल ने NDTV से कहा कि 'परमबीर सिंह की चिट्ठी जो उन्होंने मुख्यमंत्री को लिखी है, वो इसलिए लिखी गई क्योंकि सीएम और गृहमंत्री ने अंबानी सिक्योरिटी केस में उनके खिलाफ सख्ती दिखाने का फैसला किया था. ऐसे में गृहमंत्री को हटाने का सवाल ही नहीं है.'
ऐसे में इसपर सवाल उठ रहा है कि देशमुख पर गठबंधन का रुख क्या रहता है. इस संबंध में रविवार शाम को दिल्ली में एक मीटिंग हो सकती है. गठबंधन के नेता ने बताया कि इस मीटिंग में शिवसेना के नेता और एनसीपी चीफ शरद पवार शामिल हो सकते हैं. शरद पवार और सुप्रिया सुले रविवार दोपहर तक दिल्ली पहुंच चुके हैं.
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बता दें कि मुंबई पुलिस के कमिश्नर पद से हटाए जा चुके परमबीर सिंह ने शनिवार को अनिल देशमुख पर भ्रष्टाचार और पुलिस के काम में दखलंदाजी करने के आरोप लगाए थे. सिंह को मुकेश अंबानी धमकी केस में 'माफ न करने योग्य गलतियां' करने के आरोप में पद से हटाकर होमगार्ड विभाग का कमांडर बना दिया गया था, जिसके बाद उनकी तरफ से ये आरोप लगाए गए.
अनिल देशमुख ने इन आरोपों से इनकार किया है और कहा है कि वो सिंह के खिलाफ मानहानि का केस करेंगे. एक तरफ गठबंधन की तीसरी सदस्य कांग्रेस ने जहां इस पूरे घटनाक्रम को बीजेपी की साजिश बताया है, वहीं बीजेपी देशमुख को पद से हटाए जाने की मांग कर रही है.
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