Maharashtra News: 'घर का भेदी लंका ढाए' वाली रणनीति, महाराष्ट्र में सरकार बनाने के लिए BJP ने उतारे ये 4 नेता

महाराष्ट्र में सरकार बनाने के लिए 'शह और पावर' का गेम जारी है. एक और जहां बीजेपी का दावा है कि उसके साथ NCP के  विधायकों का समर्थन है तो वहीं एनसीपी का कहना है कि उसके सभी विधायक पार्टी के साथ हैं.

Maharashtra News: 'घर का भेदी लंका ढाए' वाली रणनीति, महाराष्ट्र में सरकार बनाने के लिए BJP ने उतारे ये 4 नेता

नई दिल्ली:

महाराष्ट्र में सरकार बनाने के लिए 'शह और पावर' का गेम जारी है. एक और जहां बीजेपी का दावा है कि उसके साथ NCP के  विधायकों का समर्थन है तो वहीं एनसीपी का कहना है कि उसके सभी विधायक पार्टी के साथ हैं. इसी बीच एनसीपी नेता छगन भुजबल उप मुख्यमंत्री को मनाने के लिए अजित पवार के घर पहुंचे हैं. तो दूसरी ओर से एनसीपी के गायब चार विधायक मुंबई पहुंच रहे हैं. पार्टी का दावा है कि उसके 54 में से 53 विधायक शरद पवार के साथ हैं. Congress-NCP और शिवसेना के विधायकों को अलग-अलग होटलों में ठहराया गया है. सवाल इस बात का है बीजेपी आज सुप्रीम कोर्ट में कितने विधायकों के समर्थन वाली चिट्ठी सौंपती है. गौरतलब है कि महाराष्ट्र में शुक्रवार को तय था कि शनिवार को कांग्रेस-एनसीपी और शिवसेना की सरकार बनेगी और उद्धव ठाकरे सीएम होंगे. लेकिन शनिवार की सुबह एक नाटकीय घटनाक्रम में महाराष्ट्र के सीएम के तौर पर देवेंद्र फडणवीस ने शपथ ली और डिप्टी सीएम एनसीपी के अजित पवार बन गए.   पहले तो दावा किया गया कि इसमें शरद पवार की सहमति है लेकिन बाद में शरद पवार ने खुद कहा कि यह उनकी जानकारी में नहीं हुआ और न एनसीपी में इसमें शामिल है. अजित पवार का बीजेपी के साथ सरकार बनाना निजी फैसला है. 

BJP की रणनीति  'घर का भेदी लंका ढाए'
सूत्रों का कहना है कि बीजेपी (BJP)ने उन चार नेताओं को बहुमत का आंकड़ा जुटाने की जिम्मेदारी दी है, जो कभी न कभी कांग्रेस, एनसीपी और शिवसेना के सदस्य रहे हैं. बताया जा रहा है कि ये नेता राधाकृष्ण विखे पाटील (पूर्व कांग्रेस नेता), गणेश नाईक (एनसीपी से BJP में आए), बबनराव पाचपुते, (कांग्रेस, एनसीपी में रहे) और नारायण राणे (शिवसेना, कांग्रेस में रहे). कुल मिलाकर बीजेपी की रणनीति घर का भेदी लंका ढाए वाली है. जानकर इसे ऑपरेशन लोटस का भी नाम दे रहे हैं.

सुप्रीम कोर्ट में क्या हो सकती है बीजेपी की दलील
बीजेपी भी सुप्रीम कोर्ट में होने वाली सुनवाई को लेकर पूरी तरह से आश्वाश्त है और उसका दारोमदार एक दलील पर टिका हुआ है कि अजित पवार अब भी एनसीपी विधानमंडल दल के नेता हैं और इस नाते अगर अजित पवार सभी को बीजेपी के पक्ष में वोट देने का व्हिप जारी करते हैं और विधायक अगर विरोध में मत देते हैं तो स्पीकर सभी की सदस्यता खत्म करने का आदेश जारी कर सकते हैं.  ऐसे 288 में से 53 विधायक कम हो जाएंगे और बहुमत साबित करने की संख्या 145 की बजाय 118 हो जाएगी. निर्दलियों के साथ बीजेपी पहले ही 118 के करीब संख्या का दावा किया है.  इसलिए बीजेपी के नेता आशीष शेलार का कहना है कि अजित पवार को विधानमंडल दल का नेता चुना जाना पूरी तरह से वैध है और जबकि उनको हटाकर जयंत पाटिल को नेता बना देना पूरी तरह से गैर कानूनी है. 
 

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